विटामिन K हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी विटामिन है। यह हमारी हड्डियों और दिल को स्वस्थ रखता है, साथ ही यह चोट लगने से होने वाले रक्तस्राव को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा विटामिन K हमारे शरीर को अनेक प्रकार के रोगों  से लड़ने में मदद करता है।

  1. विटामिन K के फायदे - Benefit of vitamin k in hindi
  2. विटामिन K के स्रोत - Sources of vitamin k in hindi
  3. विटामिन K की कमी से नुकसान - Vitamin k deficiency diseases in hindi
  4. रोज कितना विटामिन के लेना चाहिए?
  5. विटामिन K की अधिकता के नुकसान
  6. सारांश

विटामिन k रक्त को जमने से रोकने के लिए और आंतरिक रक्तस्राव, बिलियरी अब्स्ट्रक्शन (biliary obstruction), ऑस्टियोपोरोसिस, अत्यधिक मासिक धर्म प्रवाह और मासिक धर्म में दर्द को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण विटामिन है। यह हड्डियों के चयापचय, धमनियों के सख़्त होने (एथेरोस्क्लेरोसिस) को रोकने, नर्वस सिगनलिंग में सुधार करने और गुर्दे की पथरी के लिए भी बहुत जरूरी विटामिन है।

विटामिन k रक्त के जमने को नियंत्रित करता है। इसके अलावा विटामिन k पूरे शरीर में कैल्शियम को फैलाने में मदद करता है जो रक्त के जमने को नियमित करने के लिए आवश्यक है। यह विटामिन मैलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम नामक रक्त विकार को बेहतर बनाने में मदद करता है।

विटामिन k हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार और हड्डियों के फ्रैक्चर के खतरे को कम करने में मदद करता है। हड्डियों को बनाने के लिए हमारा शरीर कैल्शियम का उपयोग करता है और कैल्शियम को हड्डियों तक पहुंचाने में शरीर को विटामिन k की आवश्यकता होती है।

विटामिन k दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। यह धमनियों में खनिजों के निर्माण को रोकने और निम्न रक्तचाप में मदद करता है। इससे हृदय को पूरी तरह से पूरे शरीर में रक्त के परिसंचरण में मदद मिलती है।

विटामिन k पेट, कोलोन (colon), लिवर, मुँह, प्रोस्टेट और नाक के कैंसर के खिलाफ लड़ने में मदद करता है।

विटामिन k लेने से शरीर में इंन्सुलिन की प्रक्रिया में मदद मिलती है जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर को ठीक रखता है और डायबिटीज होने के ख़तरे को कम करता है।

यह विटामिन आपके मस्तिष्क को फ्री रेडिकल्स की क्षति के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है। ऑक्सीडेटिव तनाव मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और अल्जाइमर रोग, पार्किंसंस रोग जैसी बीमारियों का कारन बन सकता है।

विटामिन k के मुख्य रुप से दो प्रकार होते हैं विटामिन k1 व विटामिन k2।

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विटामिन K के मुख्य स्रोतों में आहार स्रोत और सप्लीमेंट्स शामिल हैं। यहां कुछ प्रमुख स्रोतों का वर्णन किया गया है:

1. आहार स्रोत

विटामिन K विभिन्न खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। प्रमुख आहार स्रोतों में शामिल हैं:

  • हरी पत्तेदार सब्जियाँ: जैसे कि पालक, ब्रोकोली, और केल।
  • गोभी और ब्रसेल्स स्प्राउट्स: ये सब्जियाँ विटामिन K से भरपूर होती हैं।
  • मछली, मांस, और अंडे: ये भी विटामिन K के अच्छे स्रोत हैं।
  • सोया तेल और कैनोला तेल: इन तेलों में विटामिन K की अच्छी मात्रा पाई जाती है।
  • ​गढ़ी हुई खाद्य पदार्थ: जैसे कि गढ़ी हुई अनाज और जूस, जो विटामिन K से समृद्ध होते हैं।

2. सप्लीमेंट्स

यदि प्राकृतिक स्रोतों से पर्याप्त विटामिन K प्राप्त नहीं हो पा रहा है, तो सप्लीमेंट्स एक प्रभावी विकल्प हो सकते हैं। डॉक्टर की सलाह के अनुसार विटामिन K सप्लीमेंट्स का सेवन किया जा सकता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है जो विटामिन K की कमी का सामना कर रहे हैं। 

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विटामिन K की कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:

  • रक्तस्राव की समस्या: विटामिन K की कमी के कारण रक्त का थक्का बनने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है, जिससे मामूली चोटों के बाद भी अत्यधिक खून बह सकता है।

  • हड्डियों की कमजोरी: विटामिन K हड्डियों के निर्माण और मजबूती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है।

FSSAI ने विटामिन K की दैनिक मात्रा के बारे में एक रिपोर्ट जारी की है। विटामिन K एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो रक्त के थक्के बनने और हड्डियों के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन K एक वसा-घुलनशील विटामिन है जो मुख्य रूप से रक्त के थक्के बनने , हड्डियों के स्वास्थ्य और हड्डियों में कैल्शियम के अवशोषण के लिए जरूरी है। विटामिन K की कमी से रक्तस्राव और हड्डियों की कमजोरी की समस्या हो सकती है। इसके लिए यह आवश्यक है कि सभी आयु समूहों में इसकी पर्याप्त मात्रा का सेवन सुनिश्चित किया जाए।

FSSAI की अनुशंसाएँ
FSSAI की नई रिपोर्ट में विभिन्न आयु समूहों और विशेष परिस्थितियों के लिए विटामिन K की अनुशंसित दैनिक मात्रा को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया गया है:

0-12 महीने के शिशु के लिए

शिशुओं के विकास और उनके रक्त के थक्के बनने की प्रक्रिया के सही कामकाज के लिए विटामिन K महत्वपूर्ण है। FSSAI ने 0-12 महीने की आयु के शिशुओं के लिए रोजाना 10 µg (माइक्रोग्राम) विटामिन K लेने की सलाह दी है। शिशुओं में विटामिन K की कमी से रक्तस्राव की समस्या हो सकती है, इसलिए इसे नवजात शिशुओं को विशेष रूप से प्रदान किया जाता है।

1-9 वर्ष के बच्चे के लिए

बच्चों के विकास और स्वास्थ्य के लिए विटामिन K आवश्यक है। FSSAI ने 1-3 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए रोजाना 15 µg और 4-9 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए रोजाना 20 µg विटामिन K लेना जरूरी है। 

10-18 वर्ष के किशोर लड़के और लड़कियों के लिए

किशोरावस्था में शरीर का तेजी से विकास होता है, इसलिए इस आयु वर्ग के लिए विटामिन K की आवश्यकता अधिक होती है। FSSAI ने 10-18 वर्ष के किशोरों के लिए रोजाना 30 µg विटामिन K की अनुशंसा की है। यह मात्रा किशोरों के हड्डियों और रक्त के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

19 वर्ष और उससे अधिक वर्ष के वयस्कों के लिए

वयस्कों के लिए विटामिन K की पर्याप्त मात्रा बनाए रखना महत्वपूर्ण है ताकि रक्त के थक्के बनने और हड्डियों की मजबूती बनी रहे। FSSAI के अनुसार, 19 वर्ष और उससे अधिक आयु के वयस्कों के लिए रोजाना 55 माइक्रोग्राम विटामिन K की मात्रा तय की गई है। 
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने और अपने शिशु के स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त विटामिन K की आवश्यकता होती है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए रोजाना 55 µg विटामिन K की अनुशंसा की गई है। यह मात्रा शिशु के विकास और माताओं के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

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विटामिन K की अधिकता दुर्लभ है, क्योंकि यह शरीर में अधिक मात्रा में जमा नहीं होता है। हालांकि, अत्यधिक मात्रा में विटामिन K का सेवन कुछ समस्याएं पैदा कर सकता है, जैसे:

  • रक्त का पतला होना और खून बहने का खतरा: अत्यधिक विटामिन K का सेवन रक्त को पतला कर सकता है और खून बहने का खतरा बढ़ा सकता है।

  • मतली और पेट दर्द: अत्यधिक मात्रा में विटामिन K का सेवन पेट की समस्याएं पैदा कर सकता है।

विटामिन K हमारे शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसकी पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। FSSAI की नई रिपोर्ट ने विभिन्न आयु समूहों और विशेष परिस्थितियों के लिए विटामिन K की दैनिक अनुशंसित मात्रा को स्पष्ट किया है। शिशुओं, बच्चों, किशोरों, वयस्कों, और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए अनुशंसित विटामिन K की मात्रा उनकी विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की गई है। आहार स्रोतों और सप्लीमेंट्स के माध्यम से विटामिन K की पर्याप्त मात्रा को सुनिश्चित किया जा सकता है, जिससे रक्त के थक्के बनने और हड्डियों की मजबूती में सुधार होता है। विटामिन K की सही मात्रा को सुनिश्चित करने के लिए, हरी पत्तेदार सब्जियों और अन्य विटामिन K युक्त खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन करें। इसके अलावा, यदि आवश्यक हो तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार सप्लीमेंट्स का सेवन करें। उचित आहार और सप्लीमेंट्स के माध्यम से विटामिन K की पर्याप्त मात्रा प्राप्त करके आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और रक्तस्राव व हड्डियों की समस्याओं से बच सकते हैं।


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संदर्भ

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