चिकनगुनिया क्या है?
चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है जो संक्रमित मच्छरों द्वारा मनुष्यों में फैलती है। यह चिकनगुनिया वायरस (CHIKV) के कारण होता है।
CHIKV संक्रमण होने पर बुखार और जोड़ों में गंभीर दर्द होता है। अन्य लक्षणों में मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में सूजन, सिरदर्द, मतली, थकान और दाने शामिल हैं।
चिकनगुनिया से जुड़े जोड़ों का दर्द अक्सर व्यक्ति को लाचार कर देने वाला होता है और अलग-अलग समय के लिए रह सकता है।
चिकनगुनिया के कुछ लक्षण डेंगू और जीका के जैसे ही होते हैं। इस वजह से जिन क्षेत्रों में यह संक्रमण आम हैं, उधर चिकनगुनिया के निदान में गलती हो सकती है।
वर्तमान में चिकनगुनिया का कोई कोई टीका या विशिष्ट दवा नहीं है। उपचार रोग के लक्षणों से राहत देने पर केंद्रित होता है।
चिकनगुनिया से गंभीर मामले और मौतें बहुत कम होती हैं और अगर ऐसा होता है तो लगभग हमेशा अन्य मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं से संबंध होता है।
चिकनगुनिया पहली बार कब आया था?
इस बीमारी को पहली बार 1952 में दक्षिणी तंजानिया में फैलने के दौरान पहचाना गया था। इसका नाम "चिकनगुनिया" दक्षिणी तंजानिया के किमाकॉन्ड भाषा में एक शब्द से निकला है, जिसका अर्थ है "विकृत हो जाना", और इस बीमारी के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों की अवस्था का वर्णन करता है।
ऐतिहासिक रूप से चिकनगुनिया को एक उष्णकटिबंधीय बीमारी माना जाता था क्योंकि यह केवल अफ्रीका, एशिया और भारत में देखी गई थी। हालांकि 2007 के बाद इटली, फ्रांस, क्रोएशिया और कैरेबियाई द्वीपों में भी इस बिमारी के मामले सामने आये हैं।
2005 के बाद से भारत, इंडोनेशिया, मालदीव, म्यांमार और थाईलैंड में 19 लाख से अधिक लोग चिकनगुनिया के चपेट में आये हैं। पूरी दुनिया में 60 से अधिक देशों ने अपनी सीमाओं में चिकनगुनिया के वायरस के मामलों की पहचान की है।