पित्त के कैंसर का निदान कैसे होता है ?
पित्त के कैंसर के निदान के लिए निम्नलिखित परीक्षणों का उपयोग किया जाता है -
चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षा
आपके डॉक्टर पित्त के कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण देखने के लिए आपकी जांच करेंगे। इस परीक्षण में डॉक्टर आपके पेट के हिस्से में किसी भी गांठ, कोमलता या तरल पदार्थ के निर्माण की जांच करते हैं। आंखों की त्वचा और सफेद हिस्से की पीलिया के लिए जांच की जाती है। कभी-कभी, पित्ताशय का कैंसर लिम्फ नोड्स में फैलता है, जिसके कारण गांठ को त्वचा के नीचे महसूस किया जा सकता है।
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लिवर और पित्ताशय की थैली के परीक्षण
रक्त में बिलीरुबिन (bilirubin) की मात्रा का पता लगाने के लिए आपके डॉक्टर प्रयोगशाला परीक्षण कर सकते हैं। बिलीरुबिन वह रसायन होता है जो पित्त को पीला रंग देता है। पित्ताशय की थैली, पित्त नलिकाओं या लिवर में समस्याएं रक्त में बिलीरुबिन के स्तर को बढ़ा सकती हैं। बिलीरुबिन का उच्च स्तर डॉक्टर को यह बताता है कि आपको पित्ताशय की थैली, पित्त नली या जिगर की समस्या हो सकती है।
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ट्यूमर बनाने वाले रसायनों का परीक्षण
सीईए (CEA) और सीए (CA) 19-9 ट्यूमर बनाते हैं (कुछ कैंसर मौजूद होने पर रक्त में पाए जाने वाले प्रोटीन)। अक्सर पित्ताशय की थैली के कैंसर से ग्रस्त लोगों में इनका स्तर उच्च पाया जाता है (लेकिन हमेशा नहीं)। आमतौर पर इन रसायनों का रक्त स्तर केवल तभी ज़्यादा होता है जब कैंसर एक विकसित चरण में होता है।
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अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
अल्ट्रासाउंड में, एक ट्रांसड्यूसर नामक छोटा सा यंत्र ध्वनि तरंगें उत्पन्न करता है और शरीर के अंदर के अंगों से टकराकर वापिस आती हुई तरंगों दर्ज करता है। इस पैटर्न से ट्यूमर खोजने में मदद मिल सकती है और यह दिखा सकते हैं कि ट्यूमर आस-पास के क्षेत्रों में कितनी दूर तक फैले हैं।
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सीटी स्कैन (CT scan)
सीटी स्कैन आपके शरीर की विस्तृत छवियों को बनाने के लिए एक्स-रे का उपयोग करता है। नियमित रूप से एक्स-रे की तरह एक तस्वीर लेने के बजाय, यह कई चित्र लेता है। एक कंप्यूटर की मदद से आपके शरीर के हिस्से की छवियों को जोड़कर उसका अध्ययन किया जाता है।
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एमआरआई स्कैन (MRI scan)
सीटी स्कैन की तरह, एमआरआई स्कैन शरीर के ऊतकों की विस्तृत छवियां बनाता है। लेकिन एमआरआई स्कैन एक्स-किरणों के बजाय रेडियो तरंगों और मजबूत चुंबक का उपयोग करता है। बेहतर देखने के लिए, स्कैन से पहले गैडोलिनियम (gadolinium) नामक एक सामग्री का नस में इंजेक्शन दिया जा सकता है।
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कोलएनजियोग्राफी (Cholangiography)
कोलएनजियोग्राम एक इमेजिंग टेस्ट है जो यह पता लगाने में मदद करता है कि क्या पित्त नलिकाएं अवरुद्ध हैं, संकुचित हैं या फैली हुई हैं। इसे यह देखने में मदद मिल सकती है कि क्या आपको ट्यूमर है, जो नलिका को अवरुद्ध कर रहा है। यह सर्जरी की योजना बनाने में भी मदद कर सकता है।
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एंजियोग्राफी (Angiography)
एंजियोग्राफी या एंजियोग्राम एक एक्स-रे परीक्षण है जो रक्त वाहिकाओं को देखने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह परीक्षण यह भी दिखा सकता है कि क्या कुछ रक्त वाहिकाओं की दीवारों के माध्यम से पित्ताशय की थैली का कैंसर तो नहीं फैला है।
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बायोप्सी (Biopsy)
बायोप्सी के दौरान, डॉक्टर एक माइक्रोस्कोप से एक ऊतक का नमूना लेते हैं और यह देखते हैं कि कैंसर मौजूद है या नहीं। अधिकांश प्रकार के कैंसर के निदान के लिए बायोप्सी की आवश्यकता होती है। बायोप्सी का उपयोग यह पता लगाने में भी किया जाता है कि कैंसर कितना फैल गया है।
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