हीमोफीलिया बी क्या है?
हीमोफीलिया बी को फैक्टर IX (FIX) डेफिशियंसी या क्रिसमस डिजीज भी कहा जाता है। यह एक आनुवांशिक विकार है, जो फैक्टर IX (थक्का बनाने वाला प्रोटीन) के न होने या इसमें किसी दोष के कारण होता है। फैक्टर IX के अपर्याप्त होने पर ब्लीडिंग को रोकने के लिए खून के थक्के नहीं बन पाते हैं। यह बीमारी माता-पिता से बच्चों में आती है और इसके लगभग 1/3 मामले जीन में गड़बड़ी के कारण होते हैं।
हीमोफीलिया बी के लक्षण
बच्चों में अक्सर निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
- बेवजह नाक से खून आना
- छोटा-सा कट लगने पर भी ज्यादा खून बहना
- दांत निकलवाने के बाद या मुंह के अंदर किसी कट या चोट की वजह से लंबे समय तक खून बहना
- किसी कट या चोट की वजह से रूकने के बाद दोबारा ब्लीडिंग होना
- पेशाब में खून या मल में खून आना
- नील पड़ना
यदि बच्चे की मांसपेशियों या जोड़ों से खून बह रहा है, तो इसके कारण दर्द महसूस हो सकता है, खासतौर पर चलने या हिलने पर। आमतौर पर, प्रभावित हिस्से में सूजन व गर्म महसूस होता है।
हीमोफीलिया बी का निदान
जन्म के शुरुआती छह महीनों में शिशु के गिरने या चोट लगने की संभावना बहुत कम होती है इसलिए इस विकार के शुरुआती चरण में निदान करना मुश्किल हो जाता है। जब धीरे-धीरे शिशु चलने लगता है तब इन लक्षणों को नोटिस किया जा सकता है। जैसे ही वे चलना शुरू करते हैं उनमें गांठ और उभार से नील दिख सकती है। इस बीमारी में जोड़ों में ब्लीडिंग हो सकती है। मामूली चोट से भी नील पड़ना एवं लंबे समय तक ब्लीडिंग होना भी हीमोफीलिया के स्पष्ट संकेत हैं।
हीमोफीलिया बी के कारण
अधिकतर लोगों को यह बीमारी मां से संचारित होती है। हालांकि यह जन्म से पहले भ्रूण में जीन में गड़बड़ी की वजह से भी हो सकता है। हेमोफिलिया बी जिस जीन में गड़बड़ी के कारण होता है उसका नाम 'एफ 9' है। एफ9 जीन के जरिए ही फैक्टर IX प्रोटीन का निर्माण होता है। इस जीन में गड़बड़ी होने से फैक्टर IX प्रोटीन का स्तर कम हो सकता है, जिस कारण हेमोफिलिया बी की समस्या होती है।
हीमोफीलिया बी का इलाज
इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन लक्षणों को नियंत्रित करने से प्रभावित बच्चा भी सामान्य लोगों की तरह जीवन जी सकता है। रिप्लेसमेंट थेरेपी की मदद से बच्चे को फैक्टर IX दिया जाता है जो कि उसके शरीर में नहीं बन पा रहा है। रिप्लेसमेंट प्रोटीन या तो खून से प्राप्त हो सकता है या फिर किसी लैब में तैयार किया जा सकता है। हेमोफिलिया बी के गंभीर मामलों में ब्लीडिंग को रोकने के लिए नियमित रूप से उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है। इस बीमारी के लिए रिप्लेसमेंट थेरेपी फायदेमंद साबित हो सकती है।
सावधानियों बरतने और योजना से ध्यान रखने पर प्रभावित बच्चा वो सभी चीजे कर सकता है जो वो करना चाहता है। इसलिए नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराते रहना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।