पल्मोनरी एम्बोलिज्म - Pulmonary Embolism in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

June 28, 2017

March 15, 2021

पल्मोनरी एम्बोलिज्म
पल्मोनरी एम्बोलिज्म

पल्मोनरी एम्बोलिज्म क्या है?

पल्मोनरी एम्बोलिज्म एक ऐसी स्थिति है, जिसमें फेफड़ों में एक या एक से अधिक पल्मोनरी धमनियां अवरुद्ध हो जाती हैं। ज्यादातर मामलों में फेफड़े से लेकर पैरों तक फैली नसों में रक्त का थक्का बनने का कारण यह समस्या हो सकती है। चूंकि इसमें रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है इसकी वजह से फेफड़ों के खराब होने और खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से अन्य अंगों को क्षति पहुंचने का खतरा रहता है। यदि रक्त के थक्के बड़े और अधिक हो जाएं तो यह स्थिति घातक भी हो सकती है।

विशेषज्ञों के मुताबिक पल्मोनरी एम्बोलिज्म का ​समय से निदान और इलाज न होने के कारण इससे पीड़ित एक तिहाई से अधिक लोगों की जान चली जाती है। हालांकि, यदि समय रहते रोगी को आपातकालीन चिकित्सा मिल जाए तो उनको फेफड़े को होने वाली क्षति से बचाया जा सकता है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म आपके जीवन के लिए खतरा भी बन सकता है, लेकिन इसके शीघ्र उपचार से आप मृत्यु के खतरे को टाल सकते है।

इस लेख में हम पल्मोनरी एम्बोलिज्म के लक्षण, कारण और इसके इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के लक्षण - Pulmonary Embolism symptoms in Hindi

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के लक्षण दो बातों पर निर्भर करते हैं। पहला— फेफड़े के किस हिस्से में रक्त का थक्का है और दूसरा रक्त के थक्के का आकार क्या है? सांस की तकलीफ को पल्मोनरी एम्बोलिज्म का सबसे सामान्य लक्षण माना जाता है। इसके अलावा कुछ लोगों में निम्न लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।

यदि आपको इनमें से एक या अधिक लक्षण दिखाई देते हैं, विशेष रूप से सांस की तकलीफ, तो इसे हल्के में न लें। शीघ्र डॉक्टर से संपर्क करें। त्वरित उपचार मिलने से कई तरह की अन्य समस्याओं को विकसित होने से बचाया जा सकता है।

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पल्मोनरी एम्बोलिज्म का कारण - Pulmonary Embolism causes in Hindi

फेफड़ों तक रक्त को ले जाने वाली धमनियों में रक्त का थक्का बन जाने के कारण पल्मोनरी एम्बोलिज्म की समस्या होती है। हाथ या पैर में बनने वाले रक्त के थक्के को डीप वेनस थ्रंबोसिस (डीवीटी) के नाम से जाना जाता है। रक्त के थक्के बनने के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें से कुछ निम्नलिखित हैं।

चोट :

किसी प्रकार की चोट जिसमें, हड्डियों के टूटने या मांसपेशियों को होने वाली क्षति के कारण रक्त वाहिकाओं को नुकसान हो सकता है, इस स्थिति में खून के थक्का बनने का डर रहता है।

शारीरिक निष्क्रियता :

लंबे समय तक शरीर की निष्क्रियता के दौरान, गुरुत्वाकर्षण के कारण शरीर के निचले हिस्से में रक्त रुकने लगता है, इस स्थिति के कारण भी खून के थक्के बनने का खतरा रहता है। आमतौर पर लंबी यात्रा के दौरान कई घंटों तक बैठे रहने या किसी बीमारी से उबरने के ​लिए ज्यादा से ज्यादा समय बेड पर बिताने के कारण यह समस्या होती है।

चिकित्सा स्थितियां :

स्वास्थ्य से जुड़ी कई ऐसी स्थितियां हैं, ​जिनके कारण रक्त का थक्का बनने लगता है। यह पल्मोनरी एम्बोलिज्म का कारण बन सकती हैं। इलाज की कई विधियां जैसे सर्जरी या कैंसर के उपचार के लिए कीमोथेरेपी के कारण भी रक्त का थक्का बन सकता है।

पल्मोनरी एम्बोलिज्म का निदान - Diagnosis of Pulmonary Embolism in Hindi

कुछ मामलों में पल्मोनरी एम्बोलिज्म का निदान कर पाना मुश्किल होता है। जैसे यदि आपको पहले से फेफड़े या हृदय से संबंधित समस्या जैसे वातस्फीति (एम्फाइज़िमा) या हाई ब्लड प्रेशर है तो इन स्थितियों में पल्मोनरी एम्बोलिज्म का निदान करना थोड़ा कठिन हो सकता है।

समस्या के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपसे लक्षणों और फेफड़े या हृदय से संबंधित समस्याओं के बारे में पूछते हैं। इस आधार पर रोग की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर उपचार की निम्न प्रक्रियाओं को प्रयोग में ला सकते हैं। 

चेस्ट एक्स-रे

हृदय और फेफड़ों की विस्तृत छवि के लिए आमतौर पर चेस्ट एक्स-रे कराने की सलाह दी जाती है। इस परीक्षण से यह भी पता चल जाता है कि फेफड़ों के आसपास की हड्डियों में कोई समस्या तो नहीं है।

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (ईसीजी)

यह परीक्षण आपके हृदय की विद्युत गतिविधि को मापता है।

एमआरआई

इस परीक्षण के दौरान रेडियो तरंगों और चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग करते हुए शरीर के संबंधित हिस्से की विस्तृत छवि प्राप्त की जाती है।

सीटी स्कैन

फेफड़ों की क्रॉस-सेक्शनल इमेज प्राप्त करने के लिए आवश्यकतानुसार डॉक्टर आपको सीटी स्कैन कराने की सलाह दे सकते ​हैं। कुछ लोगों को वी/क्यू नामक स्पेशल स्कैन कराने की भी सलाह दी जा सकती है।

वेनोग्राफी

पैरों की नसों की स्थिति जानने के लिए यह एक विशेष एक्स-रे है।

डी-डिमर टेस्ट

यह एक प्रकार का रक्त परीक्षण है।

पल्मोनरी एम्बोलिज्म का इलाज - Treatment of Pulmonary Embolism in Hindi

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के इलाज का सबसे पहला लक्षण रक्त के थक्के को बड़ा होने और नए थक्कों को बनने से रोकना है। गंभीर जटिलताओं या इसकी वजह से होने वाली मौत को रोकने के लिए शीघ्र उपचार की आवश्यकता होती है। इसके लिए उपचार की निम्न विधियों को प्रयोग में लाया जा सकता है।

दवाएं

सामान्य रूप से इलाज के लिए ऐसी दवाओं को प्रयोग में लाया जाता है जो रक्त को पतला करने और थक्का बनने से रोकने में मदद करती हों।

सर्जरी

कई बार जब थक्के दवाइयों से ठीक नहीं होते हैं तो उन्हें हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यक हो सकती है। विशेष रूप जब य​ह थक्के फेफड़ों या हृदय में पहुंचने वाले रक्त के प्रवाह को प्रतिबंधित करने लगते हैं। इसके लिए तीन प्रकार की सर्जरी की जा सकती है।

  • वेन फिल्टर
  • थक्कों को हटाने की सर्जरी
  • ओपन सर्जरी

उपचार के बाद भी कुछ लोगों में डीप वेनस थ्रंबोसिस और पल्मोनरी एम्बोलिज्म की समस्या से दोबारा से विकसित होने का खतरा रहता है। इसलिए रोगी के इलाज की प्रक्रियाएं लंबे समय तक चल सकती हैं। उपचार के बाद भी रोगी को समय-समय पर डॉक्टर से मिलते रहना चाहिए, जिससे भविष्य की संभावित स्थितियों से स्वयं को सुरक्षित रखा जा सके।

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संदर्भ

  1. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Pulmonary Embolism.
  2. National Health Service [Internet]. UK; Pulmonary embolism.
  3. Tarbox AK, Swaroop M. Pulmonary embolism. Int J Crit Illn Inj Sci. 2013 Jan-Mar;3(1):69-72. PMID: 23724389
  4. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Pulmonary embolus.
  5. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Deep Vein Thrombosis & Pulmonary Embolism.

पल्मोनरी एम्बोलिज्म की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Pulmonary Embolism in Hindi

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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