रिएक्टिव आर्थराइटिस क्या है?
रिएक्टिव आर्थराइटिस (प्रतिक्रियाशील गठिया), गठिया का एक रूप है जो जोड़ों, आंखों, मूत्रमार्ग (ट्यूब जो मूत्राशय से मूत्र को बाहर निकालती है) और त्वचा को प्रभावित करता है। शरीर के विभिन्न अंगों में अलग-अलग लक्षणों से इसे पहचाना जा सकता है। यह लक्षण अचानक और गंभीर या बहुत धीरे-धीरे दिख सकते हैं।
रिएक्टिव आर्थराइटिस मुख्य रूप से 20 से 40 वर्ष की आयु के बीच के यौन रूप से सक्रिय पुरुषों को प्रभावित करता है। एचआईवी से ग्रस्त लोगों को विशेष रूप से ज्यादा खतरा रहता है।
रिएक्टिव आर्थराइटिस के लक्षण
रिएक्टिव आर्थराइटिस का पहला लक्षण मूत्रमार्ग में सूजन होने पर पेशाब करने में दर्द और लिंग से किसी तरह का डिस्चार्ज होना है। आंतों के प्रभावित होने पर दस्त हो सकते हैं, जिसके चार से 28 दिन बाद यह गठिया में बदल सकता है। इस स्थिति में हाथ-पैर की उंगलियां, टखने, कूल्हे और घुटने प्रभावित होते हैं। एक बार में एक या सिर्फ कुछ जोड़ ही प्रभावित होते हैं। इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
- मुंह के छाले
- आंखों की सूजन
- हथेलियों, तलवों, धड़ या खोपड़ी की पपड़ीदार त्वचा होना
- पीठ में दर्द (यह स्थिति रात में या सुबह ज्यादा खराब हो सकती है)
- पेशाब से संबंधित समस्याएं
- हाथ-पैर की उंगलियों में सूजन
रिएक्टिव आर्थराइटिस के कारण
रिएक्टिव आर्थराइटिस के स्पष्ट कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन शरीर में संक्रमण की प्रतिक्रिया देने पर रिएक्टिव आर्थराइटिस विकसित होता है। ये अक्सर आंतों, जननांगों या मूत्रमार्ग को प्रभावित करता है। अगर लक्षण काफी हल्के हों या न के बराबर हों तो हो सकता है कि आपको इंफेक्शन के बारे में पता न चले। कई बैक्टीरिया रिएक्टिव आर्थराइटिस का कारण बन सकते हैं। इनमें से कुछ यौन संचारित और खाद्य जनित (खाने से होने वाले) भी हैं। फिलहाल इसके सबसे आम कारणों में निम्न शामिल हैं:
- क्लैमाइडिया (सबसे सामान्य यौन संचारित रोग)
- साल्मोनेला (आंतों को प्रभावित करने वाली आम बैक्टीरियल बीमारी)
- शिगेला (आंत की बीमारी है)
- येर्सीनिआ (आंतों में होने वाला बैक्टीरियल इंफेक्शन)
- कैम्पिलोबैक्टर (दस्त और उल्टी जैसे लक्षण दिखते हैं)
- क्लॉस्ट्रिडियम डिफिसाइल (बड़ी आंत में पाए जाने वाले एक विशेष प्रकार के बैक्टीरिया-सी डिफिसाइल का आक्रामक हो जाना)
रिएक्टिव आर्थराइटिस का इलाज
इस बीमारी के इलाज में लक्षणों को नियंत्रित और संक्रमण का उपचार दवाइयों एवं थेरेपी के जरिए किया जाता है:
दवाइयां
- नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स: इस वर्ग की इंडोमिथैसिन (इंडोकिन) जैसी दवाइयां रिएक्टिव आर्थराइटिस में सूजन और दर्द से राहत देने में मददगार होती हैं।
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड: प्रभावित जोड़ों में कॉर्टिकोस्टेरॉइड का इंजेक्शन सूजन को कम करने में सहायक हो सकता है और व्यक्ति को सामान्य गतिविधियां करने में मदद मिलती है।
- स्टेरॉयड लगाना: रिएक्टिव आर्थराइटिस के दौरान त्वचा पर चकत्ते पड़ने पर इस दवा का प्रयोग किया जाता है।
फिजिकल थेरेपी
फिजिकल थेरेपिस्ट प्रभावित जोड़ों और मांसपेशियों को स्वस्थ करने के लिए थेरेपी का उपयोग करते हैं। इस दौरान ऐसे व्यायाम कराए जाते हैं जिनसे प्रभावित जोड़ व उनके आसपास की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके अलावा रेंज ऑफ मोशन एक्सरसाइज (प्रभावित जोड़ों में मूवमेंट बढ़ाने में सहायक) के जरिए जोड़ों में लचीलापन बढ़ाया जाता है।