साल्मोनेला क्या है?
साल्मोनेला संक्रमण (साल्मोनेलोसिस) एक आम बैक्टीरियल बीमारी है जो आंतों को प्रभावित करती है। साल्मोनेला बैक्टीरिया खासकर जानवरों और मनुष्य की आंत में होता है और यह संक्रमित व्यकित के मल द्वारा फैलता है। साल्मोनेला बैक्टीरिया से संक्रमित पानी या संक्रमित खाने से मनुष्य इन्फेक्टेड हो जाता है। कभी-कभी जो लोग साल्मोनेला इन्फेक्शन से पीड़ित होते हैं उन्हें किसी भी तरह के लक्षण नहीं होते। साल्मोनेला इन्फेक्शन से पीड़ित कुछ लोगों को 8 से 72 घंटे के बीच में दस्त, बुखार और पेट दर्द होने लगता है। पूरी तरह से स्वस्थ लोगों इलाज की मदद से कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं।
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साल्मोनेला के लक्षण क्या हैं?
साल्मोनेला इन्फेक्शन आमतौर पर कच्चा या अधपका मीट, चिकन, अंडे या अंडे से बने उत्पाद खाने से भी हो सकता है। इससे जुड़े लक्षण कुछ घंटे से लेकर दो या तीन दिनों में देखने को मिल सकते हैं। कई साल्मोनेला इन्फेक्शन को पेट में इन्फेक्शन माना जा सकता है। इसके कुछ लक्षण भी होते हैं, जैसे - मतली और उल्टी, पेडू में दर्द, दस्त, बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मल में खून आना आदि।
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साल्मोनेला क्यों होता है?
साल्मोनेला बैक्टीरिया मनुष्य, जानवर और पक्षी की आंत में रहता है। यह बैक्टीरिया संक्रमित व्यक्ति के मल में होता है, व्यक्ति के द्वारा संक्रमित खाद्य पदार्थ को खाने से भी ज्यादातर लोग साल्मोनेला से संक्रमित हो जाते हैं।
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साल्मोनेला इलाज कैसे होता है?
साल्मोनेला इन्फेक्शन से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए रोगी को इलाज के दौरान शरीर में तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट दिए जाते हैं। कुछ गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने और नसों के जरिए द्रव चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। साथ ही, डॉक्टर आपको कुछ अन्य ट्रीटमेंट की भी सलाह दे सकते हैं जैसे - दस्त रोकने वाली दवाओं के लिए आप लोपेरामाइड (loperamide) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे दर्द से छुटकारा मिलेगा। अगर साल्मोनेला बैक्टीरिया आपके रक्त में चला जाए या फिर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाए तो ऐसे में डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दवाए दे सकते हैं।
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