वॉन विलेब्रांड क्या है?
वॉन विलेब्रांड डिजीज वीडब्ल्यूडी भी कहा जाता है, यह ब्लीडिंग संबंधी एक गंभीर विकार होता है जिसमें खून के थक्के बनने की प्रक्रिया बिगड़ जाती है। इस रोग से ग्रस्त ज्यादातर लोगों में जन्म से ही यह रोग होता है, हालांकि यह कई सालों तक बिना किसी प्रकार के संकेत दिखाए रह सकता है।
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वॉन विलेब्रांड रोग के लक्षण क्या हैं ?
वीडब्ल्यूडी से ग्रस्त कुछ लोगों को पता भी नहीं होता कि वे इस रोग से ग्रस्त हैं, क्योंकि कुछ मामलों में वीडब्ल्यूडी के लक्षण बहुत ही हल्के होते हैं। असाधारण रूप से खून बहना वॉन विलेब्रांड रोग का सबसे आम संकेत होता है। इस रोग में खून बहने की गंभीरता हर व्यक्ति के अनुसार अलग-अलग हो सकती है।
वीडब्ल्यूडी में होने वाले कुछ सामान्य लक्षण जैसे नकसीर आना, पेशाब में खून आना, मल में खून आना, त्वचा पर आसानी से नील पड़ जाना और चोट या ऑपरेशन आदि के बाद अधिक खून आना आदि।
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वॉन विलेब्रांड रोग क्यों होता है?
वॉन विलेब्रांड रोग अक्सर माता-पिता से ही प्राप्त होता है। यदि माता-पिता में से किसी एक को वॉन विलेब्रांड रोग हो तो यह उनकी संतान को हो सकता है। वॉन विलेब्रांड रोग का एक प्रकार ऐसा भी होता है, जो तब होता है जब माता और पिता दोनों को यह रोग हो।
ऐसा भी संभव हो सकता है कि आपके शरीर में वॉन विलेब्रांड रोग का कारण बनने वाली जीन हो पर आपको कोई लक्षण महसूस ना हो। ऐसी स्थिति में भी आपसे आपकी संतान को यह रोग हो जाता है।
वॉन विलेब्रांड का परीक्षण कैसे किया जाता है?
कई बार वॉन विलेब्रांड रोग के लक्षण काफी हल्के होते हैं और ऐसे मामलों में इसका पता लगाना काफी कठिन हो जाता है। इस रोग का परीक्षण के लिए डॉक्टर आपकी पिछली स्वास्थ्य स्थिति से जुड़े सवाल पूछेंगे। इसके अलावा त्वचा पर नील पड़ने और हाल ही में खून बहने जैसे संकेतों की जांच भी की जाती है।
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वॉन विलेब्रांड रोग का इलाज कैसे किया जाता है?
वॉन विलेब्रांड रोग का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ प्रकार के उपचार हैं जो इस रोग पर प्रभावी हो सकते हैं। वीडब्ल्यूडी का इलाज रोग के प्रकार और इससे होने वाले लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। इस रोग से जुड़ी छोटी-मोटी समस्याओं का इलाज करने की जरूरत नहीं पड़ती, जैसे नाक से खून आना, त्वचा पर नील पड़ना या त्वचा थोड़ी-बहुत छिल जाना।
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