प्याज का वैज्ञानिक नाम एलियम सेपा (Allium cepa) है। प्याज वे सब्जियों में से एक है जिसकी एलियम (Allium) क्षेत्र में सबसे जय्दा खेती की जाती है। इसे भारत में कई नामों से जाना जाता है- हिंदी में पायज़ोर कंदा या डुंगरी, तेलुगू में उलीपायालु / येरा गद्दालु, तमिल में वैंगयम, मलयालम में सवाना, कन्नड़ में उलिगाददे / एरुली / नीरूली, बंगाली में पायजाज / पियाज, डुंगरी गुजराती में कंदा और मराठी में कंदा कहा जाता है। प्याज के पौधे में नीली-हरी रंग की पत्तियां होती हैं। प्याज में कई एंटीऑक्सीडेंट यौगिक होते हैं जो मानव शरीर में मौजूद मुक्त कणों को निष्क्रिय करने में बहुत प्रभावी होते हैं। प्याज औषधीय प्रयोजनों के लिए मनुष्यों द्वारा कई सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। 7,000 से अधिक वर्षों से प्याज मनुष्यों के प्रमुख आहार में से एक है। प्याज विश्व स्तर पर विकसित और खेती वाले पौधे में से एक है। इतिहास के दौरान कुछ संस्कृतियों जैसे मिस्र आदि में प्याज का उपयोग पूजा करने में किया जाता थी।
प्याज प्राचीन काल से उपचारात्मक लाभों के लिए जाने जाते हैं। यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी पुष्टि की है कि प्याज कम भूख वाले और एथरोस्क्लेरोसिस से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस तथ्य को स्वीकार करते हैं कि प्याज से पुराने अस्थमा, एलर्जी ब्रोंकाइटिस, आम सर्दी से संबंधित खांसी और कफ सिंड्रोम वाले रोगियों के लिए बहुत ही अच्छा इलाज होता है।
प्याज में कई मूल्यवान औषधीय गुण होते हैं क्योंकि इसमें कई पोषक तत्व, विटामिन, खनिज और आर्गेनिक यौगिक मौजूद होते हैं। इनमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम, सेलेनियम और फास्फोरस जैसे खनिज होने के साथ-साथ यह विटामिन सी, विटामिन बी 6 और फाइबर का एक अच्छा स्रोत भी है।