मनुष्यों के उचित विकास और चयापचय को नियंत्रित करने के अलावा आयोडीन के कुछ और भी स्वास्थ्य लाभ हैं तो चलिए आज हम आयोडीन के लाभों के बारे में जानते हैं।
आयोडीन थायराइड हार्मोन के निर्माण में मदद करके थायराइड ग्रंथि के कार्य में सुधार करता है जिससे शरीर की चयापचय दर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। कुछ हार्मोन जैसे थायरोक्सिन (thyroxin) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (triiodothyronine) हृदय की दर, रक्तचाप, शरीर के वजन और तापमान को प्रभावित करते हैं। शरीर इन हार्मोन्स की मदद से बेसिक मेटाबोलिक दर को बनाए रखता है जिससे प्रोटीन संश्लेषण (synthesis) में भी मदद होती है।
आयोडीन शरीर में ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयोडीन कैलोरी को अच्छी तरह उपयोग करने में मदद करता है। आयोडीन के उपयोग से कैलोरी को अतिरिक्त वसा के रूप में इकट्ठा होने से रोका जा सकता है।
आयोडीन स्वस्थ और चमकदार त्वचा, दांत और बालों के लिए बहुत लाभदायक है। यह बालों की देखभाल के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है। आयोडीन की कमी के कारण बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है। आयोडीन बालों के बढ़ने में मदद करता है और इनकी जड़ों को मजबूत करता है।
यह प्रजनन अंगों के सामान्य विकास और परिपक्वता (maturity) में मदद करता है। गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की पर्याप्त मात्रा के सेवन से मृत प्रसव, न्यूरो कॉग्निटिव विकार (neurocognitive disorder) और नवजात शिशुओं में बौनेपन की समस्या नहीं होती है। यह शिशु के मूवमेंट और ग्रोथ के साथ सुनने और बोलने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसकी कमी महिला में बांझपन की समस्या को जन्म दे सकती है। गर्भवती महिलाओं को स्वयं अपने लिए और अपने बच्चे के लिए आयोडीन का सेवन करना चाहिए। स्तनपान कराने वाली महिला स्तन के दूध के माध्यम से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में आयोडीन को खोती है। एक अध्ययन से पता चलता है कि गर्भवती या नर्सिंग महिला प्रतिदिन जितना आयोडीन का सेवन करती है, उससे अधिक मात्रा में वो आयोडीन अपने शरीर से खोती है जिसके परिणामस्वरूप आयोडीन की कमी हो सकती है।
आयोडीन हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाता है। यह विटामिन-सी की तरह पूरे शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की गतिविधि को उत्तेजित करता है जो हृदय रोग और कैंसर सहित विभिन्न रोगों से लड़ने में मदद करते हैं।
आयोडीन का सेवन हार्मोनल गतिविधि को बढ़ाता है जिससे आपको वजन और शरीर में वसा कम करने में मदद मिलती है जो हाइपोथायरॉइड रोगियों के लिए बहुत ही अच्छा होता है। हाइपोथायरायडिज्म का एक कारण आयोडीन की कमी भी है। हाइपोथायरायडिज्म के परिणामस्वरूप शारीरिक प्रक्रियाएं धीमा हो जाती हैं क्योंकि हाइपोथायरायडिज्म के कारण शरीर में रासायनिक संतुलन बंद हो जाता है। साथ ही हमारा शरीर भोजन की कैलोरी को जला कर इसे ऊर्जा में नहीं बदल पाता है।