मेथी क्या है?
भारत में मेथी एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है। भूमध्यसागरीय क्षेत्र, दक्षिणी यूरोप और पश्चिमी एशिया के कुछ हिस्सों में मेथी की उत्पत्ति मानी जाती है। मेथी के पत्तों और दानों का इस्तेमाल किया जाता है। अपने स्वाद और खुशबू के कारण मेथी का इस्तेमाल खाने में भी किया जाता है एवं अनेक आयुर्वेदिक औषधियों में मेथी का प्रयोग किया जाता है।
मेथी को बढ़ने के लिए पर्याप्त धूप और उपजाऊ मिट्टी की जरूरत होती है, इसीलिए भारत में सामान्य रूप से इसकी खेती की जाती है। मेथी के सबसे बड़े उत्पादकों में भारत का नाम भी शामिल है। मेथी की पत्तियों का इस्तेमाल सब्जी के रूप में किया जाता है और इसके बीजों से मसाले एवं दवाईयां तैयार की जाती हैं।
कुछ दवाओं या औषधियों के स्वाद में सुधार लाने के लिए भी मेथी का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा घरेलू नुस्खों और अनेक विकारों एवं रोगों के इलाज में भी मेथी काम आती है। पाचन तंत्र पर चिकित्सकीय प्रभाव डालने के कारण भारत के हर घर की रसोई में मेथी मौजूद होती है।
मेथी के इतिहास की बात करें तो प्राचीन समय में यूनानियों द्वारा कब्र में शवों को दफन करने से पहले उन पर मेथी का लेप लगाया जाता था। तेज सुगंध और स्वाद के कारण कॉफी के नॉन-कैफीनयुक्त विकल्पों की जगह मेथी का इस्तेमाल किया जाता है। घर पर तैयार पेय पदार्थों और औषधियों में भी मेथी उपयोगी है।
मेथी के बारे में कुछ तथ्य:
- वानस्पतिक नाम: ट्रिगोनेला फोनीम ग्रीकं
- कुल: फैबेसी
- सामान्य नाम: मेथी, मेथीदाना, ग्रीक हे, ग्रीक क्लोवर
- संस्कृत नाम: बहुपर्णी
- उपयोगी भाग: बीज और पत्तियां
- गुण: गर्म