एगम्माग्लोबुलिनीमिया क्या है?
यह एक आनुवंशिक विकार है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली में विशेष प्रकार के प्रोटीन बहुत कम हो जाते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली के इस सुरक्षात्मक प्रोटीन को इम्युनोगुलोबुलिन कहा जाता है, यह एक प्रकार का एंटीबॉडी होता है। शरीर में इस एंटीबॉडी की कमी होने पर मरीज को संक्रमण होने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है।
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एगम्माग्लोबुलिनीमिया के लक्षण क्या है?
संक्रमित शिशु उनके जीवन के पहले कुछ महीने स्वस्थ दिखाई देते हैं, उसके बाद उनमें बैक्टीरियल इन्फेक्शन के लक्षण विकसित होने लग जाता है। कुछ आम प्रकार के बैक्टीरियल इन्फेक्शन जैसे कान में संक्रमण, निमोनिया, आंख आना, साइनस इन्फेक्शन और ऐसे इन्फेक्शन जो लंबे समय तक दस्त का कारण बन सकते हैं। ये बैक्टीरियल इन्फेक्शन गंभीर और जीवन के लिए हानिकारक भी हो सकते हैं।
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एगम्माग्लोबुलिनीमिया क्यों होता है?
यह विकार काफी दुर्लभ है जो विशेष रूप से पुरुषों को ही होता है। एगम्माग्लोबुलिनीमिया मुख्य रूप से किसी ऐसी जीन में बदलाव होने के कारण होता है, जिससे बी लिम्फोसाइट्स नामक कोशिकाएं विकसित होना बंद कर देती हैं।
इसके परिणामस्वरूप शरीर बहुत ही कम मात्रा में इम्युनोगुलोबुलिन बनाने लगती हैं। इम्युनोगुलोबुलिन प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्यों में काफी मुख्य भूमिका निभाता है, जिससे शरीर को इन्फेक्शन व अन्य बीमारियों से सुरक्षा मिलती है।
इस विकार से ग्रस्त लोगों में बार-बार इन्फेक्शन होने लग जाता है। इस रोग में आमतौर पर हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा, न्यूमोकोकई और स्टैफीकोची जैसे बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमण ही अधिक होते हैं।
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एगम्माग्लोबुलिनीमिया का इलाज कैसे किया जाता है?
स्थिति का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर मरीज का शारीरिक परीक्षण करते हैं और उसके लक्षणों व स्वास्थ्य संबंधी पिछली जानकारी के बारे में पूछते हैं। इसके अलावा परीक्षण करने के लिए कुछ प्रकार के लेब टेस्ट भी किए जा सकते हैं। इस रोग का इलाज करने के लिए मरीज को नसों के द्वारा गामागोबुलिन दिया जाता है, इस थेरेपी को एगम्माग्लोबुलिनीमिया के लिए सबसे आम इलाज प्रक्रिया माना जाता है।
इसके अलावा गामाबुलिन के साथ-साथ सबक्युटेनियाओ (Subcutaneou) का उपयोग भी एगम्माग्लोबुलिनीमिया व अन्य प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़े रोगों का इलाज करने के लिए किया जाता है।
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