गर्भधारण एक जटिल और अदभुत प्रक्रिया है। यह तब संपन्न होती है जब नर का शुक्राणु मादा के अंडे से संयोग करता है। कुछ महिलाओं में यह क्रिया बहुत जल्दी और कुछ में काफी समय के बाद होती है। गर्भाधान और गर्भावस्था को समझने के लिए, पुरुष और महिला के प्रजनन अंगों को जानना बहुत ज़रूरी है साथ ही यह भी जानना आवश्यक है कि महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म की इसमें क्या भूमिका रहती है।

मासिक चक्र महिला हो मासिक धर्म होने के पहले दिन से गिना जाता है और मासिकधर्म के कुछ समय बाद उनमें ओवुलेशन की प्रक्रिया (अंडा निकलता है) होती है। उसके 12-14 दिन बाद फिर से उन्हें पीरियड्स होते हैं। यह चक्र सामान्यतः 28 दिन का होता है और कभी कभी कम या ज्यादा दिन का भी हो सकता है। 

(और पढ़ें - माँ बनने की सही उम्र)

  1. गर्भधारण करने का सही समय के लिए प्रजनन अवधि - Fertile period to get pregnant in Hindi
  2. बच्चा पैदा करने के लिए सही समय क्या होता है? - Woman's best time to get pregnant in Hindi
  3. प्रेग्नेंट होने के लिए रोज सेक्स करने के फायदे - Frequent sex to get pregnant in Hindi
  4. पीरियड के कितने दिन बाद प्रेग्नेंट हो सकते हैं? - Woman monthly cycle to get pregnant in Hindi
  5. पेट में बच्चा कब ठहरता है?
  6. तुरंत प्रेग्नेंट होने के लिए क्या करें?
  7. प्रेग्नेंट होने का सबसे ज्यादा चांस कब होता है?
  8. कितनी बार संबंध बनाने से गर्भ ठहरता है?
  9. पीरियड खत्म होने के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए?
  10. पीरियड के बाद बच्चेदानी का मुंह कितने दिन तक खुला रहता है?
  11. शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने में कितना समय लगता है?
  12. सोने की कौन सी पोजीशन जल्दी प्रेग्नेंट होने में मदद करती है?
  13. क्या एक बार सेक्स करने से प्रेग्नेंट होते हैं?
  14. क्या खाने से गर्भ जल्दी ठहरता है?
  15. प्रेग्नेंट करने के लिए सही पोजीशन क्या है?
  16. प्रेग्नेंट होने के लिए कौन सी दवा खाएं?
  17. जल्दी प्रेग्नेंट होने के लिए घरेलू उपाय
  18. सारांश

संभोग के दौरान, जब पुरुष का शुक्राणु महिला के प्रजनन क्षेत्र में पहुंच जाता है तो यह तीन से पांच दिनों से अधिक सक्रिय नहीं रहता इसलिए इन्हीं 5 दिनों में यह महिला के अंडे से संयोग करता है। अगर संयोजन के समय शुक्राणु महिला के अंडे के भीतर जाने में सफल हो जाता है तो निषेचन की क्रिया पूर्ण हो जाती है। इस क्रिया में लगभग 10 घंटे का समय लगता है। इसलिए ओवुलेशन के पहले के पांच दिन गर्भधारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

  1. ओवुलेशन के एक दिन पहले संभोग करना गर्भधारण के लिए बहुत ही बेहतर समय होता है क्योंकि इस समय शुक्राणु के पास अंडे तक पहुंचने और
  2. निषेचन करने का पर्याप्त समय होता है।
  3. ओवुलेशन के दो दिन पहले संभोग करने से भी गर्भधारण की संभावना अधिक होती है।
  4. ओवुलेशन वाले दिन संभोग करने की तुलना में ओवुलेशन के तीसरे या चौथे दिन पहले संभोग करने से गर्भ अधिक तीव्रता से धारण होता है।
  5. ओवुलेशन वाले दिन भी आप गर्भवती हो सकती हैं लेकिन पहले के चार दिन गर्भधारण की संभावनाएं अधिक होती हैं।
    उपर्युक्त कारणों की वजह से किसी भी स्त्री का प्रभावी प्रजनन समय ओवुलेशन के 2-4 दिन पहले का होता है। 

(और पढ़ें - ओवुलेशन से जुड़े मिथक और तथ्य)

प्रेग्नेंट होने के सही समय के लिए स्टडी 

"The timing of the 'fertile window' in the menstrual cycle: day specific estimates from a prospective study" शीर्षक वाले इस अध्ययन में महिलाओं के मासिक धर्म चक्र में fertile window की समय-सीमा का विश्लेषण किया गया है।

इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य यह निर्धारित करना था कि पिरियड्स के दौरान किन-किन दिनों में महिलाओं के प्रेग्नेंट की संभावना अधिक होती है, अर्थात् उनका फर्टाइल समय कब होता है।

इस अध्ययन में 221 स्वस्थ महिलाओं ने भाग लिया जो गर्भधारण की योजना बना रही थीं। करीब 696 मासिक धर्म चक्रों का विश्लेषण किया गया। इसे मापने के लिए मूत्र में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के मेटाबोलाइट्स की जांच के माध्यम से ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्जन) के समय का अनुमान लगाया गया।

और प्रमुख निष्कर्ष ये निकाला गया कि

  • मासिक धर्म चक्र के दिनों 6 से 21 के बीच किसी भी दिन कम से कम 10% महिलाओं के प्रजननशील होने की संभावना थी। 
  • केवल 30% महिलाओं का प्रजननशील समय 10 से 17 दिनों के के भीतर था।
  • 17% महिलाएं चक्र के सातवें दिन तक ही प्रजननशील अवस्था में पहुंच गई थीं।
  • ओव्यूलेशन चक्र के आठवें दिन से लेकर 60वें दिन तक किसी भी समय हो सकता है।

यह भी पाया गया कि महिलाओं के प्रजननशील दिनों को पहले से ही पता लगाना फिर भी कठिन है, भले ही उनका मासिक धर्म चक्र नियमित हो। यह अध्ययन दर्शाता है कि महिलाओं के प्रजननशील दिनों की समय-सीमा सही से नहीं जाना जा सकता । इसलिए, केवल कैलेंडर पर निर्भर न रहते हुए, महिलाओं को अपने शरीर के संकेतों पर ध्यान देना चाहिए और आवश्यक होने पर चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।

(और पढ़ें - मासिक धर्म में गर्भधारण हो सकता है क्या?)

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महिलाओं में ओवुलेशन प्रक्रिया उनके मासिक चक्र पर निर्भर करती है। अगर आपका मासिक चक्र 28 दिनों का है तो ओवुलेशन का समय पीरियड्स के 14वें दिन होगा। अगर मासिक चक्र का समय 21 दिनों का है तो ओवुलेशन 7वें दिन हो सकता है। और यदि मासिक चक्र का समय 35 दिनों का है तो आप अपने चक्र के 21वें दिन अंडोत्सर्ग (ovulate) करेंगी। हालांकि ओवुलेशन का सटीक समय जानना थोड़ा कठिन है।

आप ओवुलेशन के दिन की पुष्टि ओवुलेशन पूर्व-सूचना किट (ovulation prediction kit) या मूत्र-आधारित एलएच किट्स (urine-based LH kits) का उपयोग करके कर सकती हैं जो आसानी से बाजार में उपलब्ध होती हैं।

किसी भी मासिक चक्र के दौरान केवल छह दिन होते हैं जब महिला गर्भवती हो सकती है - ओवुलेशन के पहले 5 दिन और ओवुलेशन के बाद 24 घंटे। ऐसा इसलिए क्योंकि पुरुष के शुक्राणु महिला के शरीर में 5 दिनों तक रह सकते हैं, और महिला का अंडा 12-24 घंटों के लिए ही रहता है। 

(और पढ़ें - मासिक धर्म में गर्भधारण हो सकता है क्या?)

यदि आप गर्भवती होना चाहती हैं तो महीने में हर दूसरे दिन सेक्स करने से आपके गर्भधारण करने की संभावनाएं बढ़ जायेंगी। आपको केवल ओवुलेशन के समय सेक्स करने की आवश्यकता नहीं होगी। अगर आप ओवुलेशन को ध्यान में रख कर सेक्स करती हैं तो ऐसा करना थोड़ा चिंताजनक हो सकता है। जिस कारण आप सही से सेक्स भी नहीं कर पाएंगी।

(और पढ़ें - sex karne ka tarika)

जब अंडाशय से अंडा निकलता है तब ओवुलेशन की प्रक्रिया होती है। यह प्रक्रिया हर महीने होती है। कभी कभी इस दौरान एक से अधिक अंडे भी निकलते हैं। इस समय गर्भाशय की दीवार मोती होने लगती है और गर्भाशय ग्रीवा में मौजूद पदार्थ पतला हो जाता है जिससे इसमें से शुक्राणु आसानी से गुज़र सके।

अंडा फैलोपियन ट्यूब में नीचे की और धीरे धीरे यात्रा करता है। अगर इस समय पुरुष और महिला ने संभोग किया है तो यह पर अंडा शुक्राणु से निषेचित (fertilised) हो सकता है। अब गर्भाशय की दीवार और भी ज्यादा मोटी हो जाती है क्योंकि अंडा निषेचन के बाद आरोपित होता है। लेकिन अगर अंडा निषेचित नहीं हुआ है तो यह मासिक धर्म के दौरान शरीर से बहार निकल जाता है। साथ ही दीवार भी पतली हो जाती है। आप अंडे को नहीं देख सकती क्योंकि यह बहुत ही सूक्ष्म होता है। 

जब महिला और पुरुष के बीच बिना किसी सुरक्षा के इंटरकोर्स होता है और पुरुष का शुक्राणु महिला की योनि में प्रवेश करता है, तो वह गर्भाशय के रास्ते फैलोपियन ट्यूब तक पहुंचता है। वहीं महिला के अंडाशय से निकला हुआ अंडाणु (egg) भी फैलोपियन ट्यूब में आता है। जब अंडाणु और शुक्राणु का मेल होता है, तो इसे निषेचन यानि fertilization कहते हैं। यही निषेचित अंडा कुछ दिनों तक ट्यूब में रहकर धीरे-धीरे गर्भाशय (uterus) की ओर बढ़ता है और लगभग 6 से 10 दिनों के अंदर यह गर्भाशय की अंदरूनी परत (endometrium) में चिपक जाता है। इसी प्रक्रिया को "implantation" यानी "बच्चा ठहरना" कहते हैं। इस प्रोसेस के दौरान महिला को कभी-कभी हल्का खून (implantation bleeding) भी दिख सकता है।

इसका मतलब है कि संबंध के 6 से 10 दिन बाद बच्चा पेट में ठहरता है, लेकिन इसका सही समय इस बात पर निर्भर करता है कि ओव्यूलेशन कब हुआ था। अगर महिला का अंडाणु नहीं है तो प्रेग्नेंसी नहीं होगी , इसलिए ओव्यूलेशन के टाइम सेक्स करना जरूरी होता है।

(और पढ़ें - अनियमित मासिक धर्म के कारण और उपचार)

अगर आप जल्दी प्रेग्नेंट होना चाहती हैं तो सबसे पहले अपने menstrual cycle को समझना बहुत जरूरी है। सबसे अच्छे fertile डेज ओव्यूलेशन के आस-पास के 5-6 दिन होते हैं। ओव्यूलेशन आमतौर पर अगले पीरियड से 14 दिन पहले होता है। यानी अगर आपका चक्र 28 दिन का है, तो 14वें दिन के आसपास ओव्यूलेशन होगा।

तुरंत प्रेग्नेंट होने के लिए -

  • फर्टाइल डेज़ पर संबंध बनाएं: पीरियड के 10वें से 17वें दिन के बीच एक दिन छोड़कर रोज संबंध बनाएं।
  • फोलिक एसिड, विटामिन डी, जिंक और आयरन युक्त चीजें खाएं।
  • तनाव हार्मोन को बिगाड़ता है जिससे ओव्यूलेशन में समस्या आ सकती है। इसलिए तनाव न लें। 
  • धूम्रपान, शराब से बचें , ये प्रजनन क्षमता को कम कर सकते हैं।
  • सही पोजीशन चुनें,  मिशनरी (Missionary) पोजीशन में शुक्राणु गर्भाशय की ओर आसानी से पहुंचता है।
  • संभोग के बाद कम से कम 15-20 मिनट ऐसे ही लेटे रहें ।

इतना सब करने पर भी अगर प्रेग्नेंसी नहीं होती है तो डॉक्टर से जरूर मिलें।

प्रेग्नेंट होने के सबसे ज्यादा चांस ओव्यूलेशन के दौरान होते हैं। ओव्यूलेशन वह समय होता है जब अंडाशय से एग निकलता है। यह एग केवल 12 से 24 घंटे तक जीवित रहता है। अगर इस दौरान महिला ने यौन संबंध बनाए हैं और शुक्राणु मौजूद हैं (जो 3 से 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं), तो प्रेग्नेंसी की संभावना सबसे अधिक होती है।

ओव्यूलेशन आमतौर पर अगली माहवारी से 14 दिन पहले होता है। उदाहरण के लिए:

  • अगर आपका मासिक चक्र 28 दिनों का है, तो 14वें दिन ओव्यूलेशन होगा।
  • 30 दिन के चक्र में 16वां दिन।

सबसे ज्यादा चांस इन 6 दिनों में होते हैं:

  • ओव्यूलेशन से 5 दिन पहले से लेकर ओव्यूलेशन के दिन तक।

इसलिए यदि आप जल्दी प्रेग्नेंट होना चाहती हैं तो ओव्यूलेशन ट्रैक करने वाले ऐप्स, LH किट्स या बेसल बॉडी टेम्परेचर (BBT) जैसे तरीके अपनाएं ताकि आप इस समय का पता लगा सकें।

(और पढ़ें - गर्भधारण कैसे होता है

प्रेग्नेंसी की संभावना को बढ़ाने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने पिरियड्स के fertile window के दौरान नियमित रूप से यौन संबंध बनाएं। fertile window आमतौर पर ओव्यूलेशन से 5 दिन पहले से लेकर ओव्यूलेशन के दिन तक होती है। इस समय में हर दूसरे दिन या रोजाना यौन संबंध बनाने से प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ जाती है।

  • हर दूसरे दिन इंटर कोर्स करने से ये संभावना ज्यादा होती है कि शुक्राणु हमेशा महिला के प्रजनन पथ में मौजूद रहें, जिससे एग से मिलने के बाद निषेचन की संभावना बढ़ जाती है।
  • हर दिन संबंध बनाना: यदि संभव हो, तो फर्टाइल डेज में रोज इंटर कोर्स करना भी फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह हर कपल की इच्छा पर निर्भर करता है।

यदि आप 35 वर्ष से कम उम्र की हैं और 12 महीनों तक नियमित प्रयासों के बावजूद गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं, या 35 वर्ष से अधिक उम्र की हैं और 6 महीनों तक प्रयासों के बावजूद गर्भधारण नहीं हो रहा है, तो आपको डॉक्टर से जरूर मिल लेना चाहिए।

प्रेग्नेंसी की संभावना को बढ़ाने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने ओव्यूलेशन टाइम को पहचानें और उस समय इंटर कोर्स करें। ओव्यूलेशन आमतौर पर अगली माहवारी से 14 दिन पहले होता है। यदि आपका मासिक चक्र 28 दिनों का है, तो ओव्यूलेशन 14वें दिन के आसपास होगा। इंटर कोर्स करने का सबसे अच्छा समय पीरियड खत्म होने के 8 से 10 दिन बाद से लेकर अगले 6 दिनों तक होता है।

ओव्यूलेशन की पहचान के तरीके:

  • बेसल बॉडी टेम्परेचर (BBT): ओव्यूलेशन के समय शरीर का तापमान थोड़ा बढ़ जाता है।
  • सर्वाइकल म्यूकस में बदलाव: ओव्यूलेशन के समय म्यूकस साफ, पतला और अंडे की सफेदी जैसा होता है।
  • ओव्यूलेशन प्रेडिक्टर किट्स: ये किट्स ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) के लेवल  को मापती हैं, जो ओव्यूलेशन से पहले बढ़ता है।

इन संकेतों की निगरानी करके आप अपने सबसे अच्छे फर्टाइल विंडो की पहचान कर सकती हैं और प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ा सकती हैं।

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में पेट दर्द करना)

महिला के मासिक धर्म चक्र के दौरान, गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) की स्थिति और बनावट में बदलाव आते हैं, जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं। ओव्यूलेशन के समय, सर्विक्स नरम, ऊँचा, खुला और नम होता है, जिससे शुक्राणु को गर्भाशय में प्रवेश करने में सुविधा होती है।

  • ओव्यूलेशन के दौरान: सर्विक्स खुला और नरम होता है, जिससे शुक्राणु का प्रवेश आसान होता है।
  • ओव्यूलेशन के बाद: सर्विक्स फिर से कठोर और बंद हो जाता है, जिससे गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है।

आप अपने सर्विक्स की स्थिति की पहचान भी कर सकती हैं इसके लिए - 

  • महिलाएं अपनी उंगलियों से सर्विक्स की स्थिति और बनावट की जांच करके ओव्यूलेशन के समय का अनुमान लगा सकती हैं। हालांकि, ये टेक्निक आपको धीरे धीरे प्रैक्टिस करने से ही आएगी। 

यदि आप गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो ओव्यूलेशन के समय यौन संबंध बनाना सबसे उपयुक्त होता है, क्योंकि उस समय सर्विक्स खुला होता है और गर्भधारण की संभावना अधिक होती है।

जब यौन संबंध के दौरान पुरुष का वीर्य महिला की योनि में प्रवेश करता है, तो उसमें मौजूद शुक्राणु गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) से होते हुए गर्भाशय और फिर फैलोपियन ट्यूब तक पहुंचते हैं। यदि उस समय महिला के अंडाशय से अंडाणु निकल चुका है, तो शुक्राणु और अंडाणु का मिलन फैलोपियन ट्यूब में होता है।

  • शुक्राणु महिला के शरीर में शुक्राणु 3 से 5 दिनों तक जीवित रह सकते हैं।
  • अंडाणु केवल 12 से 24 घंटे तक जीवित रहता है।
  • शुक्राणु को अंडाणु तक पहुंचने में कुछ मिनटों से लेकर कई घंटे तक का समय लग सकता है, लेकिन निषेचन आमतौर पर यौन संबंध के 6 से 12 घंटे के भीतर होता है।

इसलिए, यदि यौन संबंध ओव्यूलेशन से कुछ दिन पहले या ओव्यूलेशन के दिन होता है, तो गर्भधारण की संभावना अधिक होती है।

और पढ़ें - (जानिए प्रेगनेंसी टेस्ट किट के बारे में )

गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने के लिए, यौन संबंध के बाद कुछ विशेष पोजीशन अपनाने से मदद मिल सकती है। हालांकि, वैज्ञानिक रूप से किसी विशेष पोजीशन की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कुछ पोजीशन को अधिक प्रभावी माना जाता है।

  • मिशनरी पोजीशन (इसमें पुरुष ऊपर होता है ): इस पोजीशन में शुक्राणु को गर्भाशय ग्रीवा तक पहुंचने में सहायता मिलती है।
  • डॉगी स्टाइल पोजीशन: इस पोजीशन में भी गहराई से प्रवेश होता है, जिससे शुक्राणु गर्भाशय ग्रीवा के पास जमा हो सकते हैं।

यौन संबंध के बाद की स्थिति:

यौन संबंध के बाद कम से कम 15 से 20 मिनट तक पीठ के बल लेटना और पैरों को थोड़ा ऊपर उठाना (जैसे तकिए के सहारे) शुक्राणु को गर्भाशय की ओर बढ़ने में मदद कर सकता है।

हाँ, यदि आप यौन संबंध ओव्यूलेशन के समय या उसके आसपास  बनाते है, तो एक बार के यौन संबंध से भी प्रेग्नेंसी संभव है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि उस समय अंडाणु उपलब्ध है और शुक्राणु सक्रिय हैं। इसलिए, यदि आप गर्भधारण नहीं करना चाहती हैं, तो हर बार यौन संबंध के दौरान उचित गर्भनिरोधक उपाय अपनाना आवश्यक है।

और पढ़ें - (प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए और क्या ना खाएं)

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प्रेग्नेंट होने के लिए सिर्फ सेक्स करना जरूरी नहीं है बल्कि शरीर के अंदरूनी पोषण और हार्मोन संतुलन भी बहुत ज़रूरी होता है। ऐसा भोजन जो महिला के हार्मोन को संतुलित करे, अंडाणु की गुणवत्ता बेहतर बनाए और यूटेरस को स्वस्थ रखे, वो प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ा सकता है। सबसे पहले ज़रूरी है कि आप आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन D और विटामिन B12 जैसे न्यूट्रिएंट्स से भरपूर खाना खाएं। अंकुरित अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, चुकंदर, अनार, अंडा, दूध, बादाम, अखरोट, देसी घी – ये सब बहुत मदद करते हैं। फोलिक एसिड से अंडाणु अच्छे बनते हैं और बच्चे के शुरुआती विकास में मदद मिलती है। विटामिन D हार्मोन बैलेंस करता है और PCOS जैसी स्थितियों में फायदा करता है। इसके अलावा एंटीऑक्सिडेंट वाले फल जैसे ब्लूबेरी, आंवला, संतरा शरीर से टॉक्सिन्स निकालते हैं और अंडाणु व शुक्राणु दोनों की गुणवत्ता बेहतर करते हैं। कैफीन, शराब और अत्यधिक तले-भुने चीज़ें नुकसान कर सकती हैं। भरपूर पानी पिएं, ताकि शरीर डिटॉक्स हो। आहार नियमित हो, समय पर खाएं और स्ट्रेस न लें – यह भी उतना ही ज़रूरी है जितना कि पोषक आहार।

वैज्ञानिक रूप से देखा जाए तो कोई एक "मैजिक" पोजीशन नहीं है जिससे बिल्कुल प्रेग्नेंट हो ही जाए ऐसा नहीं कहा जा सकता , लेकिन कुछ सेक्स पोजीशन ऐसे हैं जो शुक्राणु को गर्भाशय तक पहुँचाने में मददगार माने जाते हैं। मिशनरी पोजीशन (जहाँ पुरुष ऊपर हो) को सबसे ज़्यादा असरदार माना जाता है, क्योंकि इसमें लिंग गर्भाशय के पास तक पहुंचता है, जिससे शुक्राणु को आगे बढ़ने में आसानी होती है। इसी तरह, डॉगी स्टाइल (पुरुष पीछे से) भी गर्भधारण के लिए फायदेमंद मानी जाती है। इसके अलावा, सेक्स के बाद महिला को लगभग 15-20 मिनट तक सीधे लेट कर पैर ऊपर करने की सलाह दी जाती है ताकि ग्रेविटी शुक्राणु को ऊपर की ओर खींच सके। ध्यान रखें – बार-बार पोजीशन बदलना या बहुत ज़्यादा एक्सपेरिमेंट करना शुक्राणुओं के मूवमेंट को प्रभावित कर सकता है। सेक्स के दौरान और बाद में रिलैक्स रहना भी बहुत जरूरी है । 

और पढ़ें - (गर्भावस्था के हफ्ते )

प्रेग्नेंट होने के लिए दवा तब जरूरी होती है जब महिला में हार्मोनल गड़बड़ी, अंडाणु न बनना, पीरियड की अनियमितता या थाइरॉइड जैसी समस्या हो। आमतौर पर डॉक्टर फोलिक एसिड की गोली (जैसे Folvite 5 mg) गर्भधारण की तैयारी के लिए पहले से ही शुरू करवा देते हैं ताकि बच्चे का विकास सही हो। PCOS जैसी स्थिति में मेटफॉर्मिन दी जाती है। कुछ मामलों में क्लोमिफीन साइट्रेट (Clomid या Fertyl) दी जाती है जो अंडाणु को सही से बनाने में हेल्प करती है। थायरॉइड का इलाज थायरॉक्सिन से होता है। विटामिन D और B12 की गोलियाँ भी फायदेमंद होती हैं। लेकिन ध्यान रहे – बिना डॉक्टरी सलाह के कोई दवा न लें क्योंकि गलत समय पर या गलत डोज से नुकसान हो सकता है। दवा के साथ-साथ खानपान, स्ट्रेस मैनेजमेंट और संबंध बनाने का सही समय जानना भी ज़रूरी है।

जल्दी प्रेग्नेंट होने के लिए कुछ घरेलू उपाय सदियों से अपनाए जाते रहे हैं और कई बार ये असरदार भी साबित होते हैं – खासकर जब कोई मेडिकल प्रॉबलम न हो।

  • सबसे पहले अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करें: समय पर सोना-जागना, संतुलित आहार और स्ट्रेस कम करना – ये सब हार्मोन बैलेंस करने में मदद करते हैं।
  • आयुर्वेदिक रूप से शतावरी, अश्वगंधा, गुड़मार, सौंफ और मिश्री का प्रयोग महिलाओं की प्रजनन शक्ति बढ़ाने में उपयोगी होता है। 
  • रोज़ खाली पेट एक चम्मच गाय का शुद्ध घी लेना भी लाभदायक माना गया है। 
  • सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और नींबू मिलाकर पीना, जिससे शरीर डिटॉक्स होता है। 

और पढ़ें - (प्रेग्नेंसी में देखभाल कैसे करें?)

अगर आप जल्दी गर्भधारण करना चाहती हैं, तो सबसे ज़रूरी है स्वस्थ शरीर और सही समय पर संबंध बनाना। खाने में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन D, B12, हरी सब्जियाँ, अंडा, दूध और मेवे ज़रूर लें। तली-भुनी चीजें और स्ट्रेस से बचें।

ओव्यूलेशन (पीरियड के 11–17वें दिन) के दौरान मिशनरी या डॉगी पोजीशन में संबंध बनाएं और बाद में कुछ मिनट लेटी रहें। डॉक्टर की सलाह से फोलिक एसिड या हार्मोन सुधारने वाली दवाएं और टॉनिक (जैसे शतावरी, M2-Tone) लें।

घरेलू उपाय जैसे शहद-नींबू पानी, तुलसी पानी और शुद्ध घी भी फायदेमंद हैं। कुल मिलाकर, सही टाइमिंग, हेल्दी लाइफस्टाइल और डॉक्टर की गाइड से जल्दी प्रेग्नेंट होने की संभावना बढ़ती है।

प्रेग्नेंट होने का सही समय क्या है? से जुड़े सवाल और जवाब

सवाल लगभग 6 साल पहले

मेरी पत्नी का मासिक चक्र 28 दिनों का है। गर्भधारण के लिए हमे कब संबंध बनाने चाहिए?

Dr. Haleema Yezdani MBBS , सामान्य चिकित्सा

अगर आपकी पत्नी का मासिक चक्र 28 से 32 दिनों का है तो माहवारी के बाद 10वें या 16वें दिन पर संबंध बनाने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।

सवाल लगभग 6 साल पहले

मेरा मासिक चक्र 28 दिनों का है, गर्भधारण के लिए सही समय क्या है?

Dr. Ayush Pandey MBBS, PG Diploma , सामान्य चिकित्सा

अगर आपका मासिक चक्र 28 दिनों का है और आपको नियमित पीरियड आते हैं तो आपको अगले पीरियड्स से पहले 10वें से 16वें दिन के बीच में सेक्स करना चाहिए। ये आपका ओवुलेशन पीरियड है। इस समय सेक्स करने से प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ जाती है।

सवाल लगभग 6 साल पहले

मेरे पीरियड्स की साइकिल 38 दिनों की है, तो प्रेग्नेंसी के लिए सही समय क्या होगा?

Dr. B. K. Agrawal MBBS, MD , कार्डियोलॉजी, सामान्य चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा

अगर आपके पीरियड्स की साइकिल 38 दिनों की है तो पीरियड्स के 22 से 26 दिन बाद का समय आपकी प्रेग्नेंसी के लिए सही है।

सवाल लगभग 6 साल पहले

मेरी शादी को 5 साल हो चुके हैं लेकिन अब तक मैं प्रेग्नेंट नहीं हो पाई हूं। मुझे बताइए कि मैं क्या करूं?

Dr. Braj Bhushan Ojha BAMS , गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक

अगर आपकी शादी को 5 साल हो गए हैं और अब तक गर्भधारण नहीं हो पाया है तो पति के शुक्राणुओं की जांच, अपने पेल्विक हिस्से का अल्ट्रासाउंड, अपना ब्लड टेस्ट और एच.सी.जी. ट्यूब की जांच करवाएं।

 

संदर्भ

  1. National Health Service [Internet]. UK; Trying to get pregnant.
  2. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Pregnancy - identifying fertile days
  3. Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria; If you want to get pregnant, timing is everything
  4. Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria; Conceiving a baby
  5. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Planning for Pregnancy
  6. Department of Health Planning to get pregnant. Government of Western Australia [Internet]
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