आपने कई बार देखा होगा कि जैसे ही कुछ लोग पराग के संपर्क में आते हैं, वैसे ही छींकने लगते हैं। यह एलर्जी के कारण होता है। एलर्जी में आपका शरीर कुछ बाहरी कणों के प्रति संवेदनशील हो जाता है। कभी-कभी एलर्जी लगातार छींकने से ज्यादा गंभीर हो सकती है, जैसे एलर्जिक रायनाइटिस (नाक की सूजन)।
एलर्जिक राइनाइटिस, एलर्जन की वजह से होती है। एलर्जी राइनाइटिस को नाक की सूजन के रूप में जाना जाता है। एलर्जी के हमले के दौरान एंटीबॉडीज मुख्यत इम्युनोग्लोबिन ई (IgE) ऐसी कोशिकाओं से जुड़ जाती है जो हिस्टामाइन नामक केमिकल को फेफड़ों, त्वचा और श्लेष्म झिल्ली (mucous membrane) में छोड़ती हैं। यह हिस्टामाइन रक्त वाहिकाओं को खोलता है और इससे त्वचा पर लालिमा और झिल्ली में सूजन होती है। ऐसा होने पर नाक बंद होती है और छींके आती है। धूल के कण, पशु, परागकण, फफूंद, कॉकरोच, धुआं, वायु प्रदूषण, गंध, रंग-पेंट का धुआं, दवाओ आदि विभिन्न कारणों से एलर्जी रायनाइटिस हो सकती है।