लेटेक्स एलर्जी क्या है?
प्राकृतिक रूप से मिलने वाली लेटेक्स रबड़ (रबड़ के पेड़ से मिलने वाला एक उत्पाद) में मौजूद कुछ प्रोटीन के प्रति होने वाली प्रतिक्रिया को लेटेक्स एलर्जी कहते हैं। इसके संपर्क में आने से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। रबड़ के दस्ताने व अन्य उत्पादों जैसे कंडोम या मेडिकल उपकरणों से भी ये एलर्जी हो सकती है।
इससे प्रभावित व्यक्ति में त्वचा पर खुजली जैसे लक्षण दिख सकते हैं, इस स्थिति में गले में सूजन और सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती है। डॉक्टर इन लक्षणों के आधार पर यह निर्धारित करते हैं कि व्यक्ति को लेटेक्स एलर्जी है या नहीं या फिर इसके होने की कितनी संभावना है। एलर्जी के लक्षणों को समझ कर और लेटेक्स के स्रोतों के बारे में जानकर इस स्थिति से बचा जा सकता है।
लेटेक्स एलर्जी के लक्षण
लेटेक्स एलर्जी के लक्षण सामान्य से लेकर गंभीर हो सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति के शरीर में लेटेक्स सांस के जरिए पहुंचा है या फिर किसी चीज को छूने से हुआ है। यदि लेटेक्स एलर्जी का समय पर उपचार नहीं किया जाए, तो यह स्थिति समय के साथ बदतर हो सकती है।
इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- खुजली
- त्वचा पर लालिमा
- पित्ती या दाने
गंभीर लक्षणों में शामिल हैं:
- छींक आना
- नाक बहना
- आंखों में खुजली व आंखों से पानी आना
- गले में खराश
- सांस लेने मे तकलीफ
- घरघराहट होना
- खांसी
लेटेक्स एलर्जी के कारण
- सीधे संपर्क में आने से:
यदि कोई व्यक्ति लेटेक्स एलर्जी से ग्रस्त है, तो संभव है कि उसे ये बीमारी लेटेक्स रबड़ से बने उत्पादों जैसे दस्ताने, गुब्बारे को छूने के बाद हुई हो।
- सांस के माध्यम से:
जब कोई व्यक्ति लेटेक्स से बने दस्तानों को अपने हाथ से निकालता है या लेटेक्स को हवा में रगड़ता है, तो वातावरण में लेटेक्स के अति सूक्ष्म कण मिल जाते हैं, जोकि सांस के माध्यम से शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं।
लेटेक्स एलर्जी का इलाज
डॉक्टरों का मानना है कि लेटेक्स एलर्जी के लक्षणों को एंटी-हिस्टामिनन (एलर्जी रोकने वाले) या कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं (सूजन, लालिमा, एलर्जी और खुजली कम करने वाली) के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्षण गंभीर हैं तो ऐसी स्थिति में एपिनेफ्रीन आईवी फ्लूइड्स (नस के जरिए ड्रिप से फ्लूइड चढ़ाना) जैसी दवाएं व अन्य इमरजेंसी मेडिकल केयर की आवश्यकता पड़ सकती है। डॉक्टर की सलाह पर प्रभावित व्यक्ति को एपिनेफ्रीन (एलर्जी रोकने वाली) के दो शॉट्स (इंजेक्शन) लेने पड़ सकते हैं।