एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया - Androgenetic Alopecia in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

August 29, 2022

December 20, 2023

एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया
एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया

एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया ऐसी स्थिति है, जिसे बालों के झड़ने का सबसे आम प्रकार माना गया है. यह गंजेपन का कारण भी बन सकता है. यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखने को मिल सकती है. पुरुषों में इस स्थिति को मेल-पैटर्न गंजेपन के रूप में जाना जाता है. यह समस्या किसी भी उम्र में शुरू हो सकती है, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है इसके लक्षणों में वृद्धि हो सकती हैं.

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आज इस लेख में आप एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया के लक्षण - Androgenetic Alopecia Symptoms in Hindi

एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया को एंड्रोजेनिक एलोपेसिया,  महिला पैटर्न गंजापन और पुरुष पैटर्न गंजापन के नामों से भी जाना जाता है. किसी व्यक्ति को एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया किशोरावस्था से ही शुरू हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों में उम्र के साथ इसका जोखिम बढ़ता है. महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान बालों के झड़ने की आशंका अधिक होती है. एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया की स्थिति में कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं, जो इस प्रकार हैं -

  • बालों का अचानक झड़ना.
  • बालों का पतला होना.
  • उम्र बढ़ने पर हेयर फॉल बढ़ना.
  • स्कैलिंग के पैच, जो पूरे स्कैल्प पर फैल जाते हैं.
  • शरीर के बालों का झड़ना शुरू होना.
  • स्कैल्प पर गंजेपन के धब्बे नजर आना.

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एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया के कारण - Androgenetic Alopecia Causes in Hindi

एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया किसी भी लिंग और उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है. एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया व्यक्ति में गंजेपन का कारण बन सकता है. आमतौर पर एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया के कारण पुरुष 20 वर्ष की उम्र में भी गंजे होने लगते हैं. वहीं, महिलाएं इसकी वजह से 40 या 50 की आयु तक गंजेपन को नोटिस करना शुरू कर सकती हैं. एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया के कारण इस प्रकार हैं -

डी हाइड्रो टेस्टोस्टेरोन (डीएचटी)

डीएचटी यानी डी हाइड्रो टेस्टोस्टेरोन पुरुष सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन से आता है. डी हाइड्रो टेस्टोस्टेरोन बालों के रोम पर हमला करता है. इससे बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं और बालों का विकास होना बंद हो जाता है. पुरुषों में महिलाओं की तुलना में टेस्टोस्टेरोन का स्तर अधिक होता है. इसलिए, पुरुषों में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया अधिक आम माना जाता है. इसकी वजह से पुरुषों को कम उम्र में ही गंजेपन से परेशान होना पड़ सकता है. 

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आनुवंशिक

अधिकतर मामलों में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया का कारण आनुवंशिक होता है. अगर किसी के माता-पिता में इस प्रकार का गंजापन है, तो यह बच्चे में भी देखने को मिल सकता है. इतना ही नहीं अगर घर के किसी अन्य सदस्य को भी एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया है, तो यह समस्या परिवार में किसी को भी हो सकती है. ऐसे में पहले से ही अच्छी डाइट और देखभाल से इस प्रकार के गंजेपन से बचा जा सकता है.

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मेडिकल कंडीशन

पुरुषों में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया की समस्या कई मेडिकल कंडीशन से भी जुड़ी हो सकती है. प्रोस्टेट कैंसरडायबिटीजमोटापाहाई ब्लड प्रेशर और कोरोनरी हृदय रोग जैसी चिकित्सा स्थितियां एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया का कारण बन सकती हैं.

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पुरुषों की तरह ही महिलाओं में भी कुछ मेडिकल कंडीशन गंजेपन का कारण बन सकती हैं. इसमें पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) सबसे आम है. जो महिला पीसीओएस से जूझ रही है, उसे एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया के लक्षण महसूस हो सकते हैं. अधिक वजन, अनियमित मासिक धर्म और मुंहासे पीसीओएस के लक्षण हैं.

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जीन

कई शोधकर्ताओं का मानना है कि कई जीन भी एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया में अहम भूमिका निभाते हैं. शोधकर्ताओं ने केवल एआर जीन (AR Gene) में भिन्नता पाई है. एआर जीन एंड्रोजन रिसेप्टर नामक प्रोटीन बनाने के लिए निर्देश देता है. वहीं, एंड्रोजन रिसेप्टर्स शरीर को डी हाइड्रो टेस्टोस्टेरोन के लिए प्रतिक्रिया देता है. ऐसे में जब एआर जीन में बदलाव होता है, तो बालों के रोम में एंड्रोजन रिसेप्टर्स की गतिविधि बढ़ जाती है. इसकी वजह से पुरुषों और महिलाओं में बाल झड़ने शुरू हो सकते हैं.

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एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया का इलाज - Androgenetic Alopecia Treatment in Hindi

दुनियाभर में करोड़ों लोग एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया रोग से प्रभावित हैं. इसमें बालों का झड़ना शुरू होता है, जो गंजेपन का कारण भी बन सकता है. ऐसे में कुछ दवाइयां, इंजेक्शन और जीवनशैली में बदलाव करके इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है. एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया का इलाज इस प्रकार है -

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विटामिन सप्लीमेंट

कुछ खास विटामिन सप्लीमेंट्स एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया का इलाज करने में कारगर साबित हो सकते हैं. अगर आपको एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया है, तो बायोटिन और विटामिन-डी सप्लीमेंट लेना फायदेमंद हो सकता है. इसके साथ ही जिंक और आयरन सप्लीमेंट से भी बालों का टूटना बंद हो सकता है. दरअसल, बायोटिन, विटामिन-डी, जिंक और आयरन सप्लीमेंट स्कैल्प पर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाते हैं. इससे बालों के विकास में मदद मिल सकती है. ये सप्लीमेंट लेने से बाल हमेशा हेल्दी भी बने रहेंगे.

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पोषक तत्वों से भरपूर भोजन

पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करके भी एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया का इलाज किया जा सकता है. बालों के विकास को बढ़ावा देने के लिए आप अंडे, ट्यूना या सैल्मन फिश को डाइट में शामिल कर सकते हैं. फल और हरी पत्तेदार सब्जियां भी बालों के झड़ने को रोकने में मदद कर सकती हैं. साथ ही सब्जियों में मौजूद पोषक तत्व बालों के विकास को भी उत्तेजित कर सकते हैं. नए बालों को उगाने के लिए विटामिन-डी, सेलेनियम, जिंक, प्रोटीन और बायोटिन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना शुरू कर सकते हैं. इससे आपका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा.

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प्लेटलेट रिच प्लाज्मा प्रोटीन इंजेक्शन

एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया का इलाज प्लेटलेट रिच प्लाज्मा प्रोटीन इंजेक्शन लगाकर भी किया जा सकता है. यह ऐसी चिकित्सा है, जिसमें बालों के विकास को उत्तेजित करने और हेयर फॉल रोकने के लिए स्कैल्प में इंजेक्शन लगाया जाता है. इसमें स्कैल्प में रक्त को इंजेक्ट किया जाता है. महिला और पुरुष दोनों ही स्कैल्प पर इंजेक्शन लगवाकर एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया का इलाज करवा सकते हैं. इससे कुछ ही दिनों में फर्क देखने को मिल सकता है.

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सारांश – Summary

एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया बालों के झड़ने का आम प्रकार होता है. महिलाओं और पुरुषों दोनों को ही इस स्थिति से गुजरना पड़ सकता है. एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया में बाल अचानक से झड़ने शुरू हो जाते हैं, फिर यह धीरे-धीरे गंजेपन की ओर ले जाता है. एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया जेनेटिक और बढ़ती उम्र की वजह से हो सकता है. ऐसे में अच्छी डाइट, सप्लीमेंट और दवाइयों की मदद से इस स्थिति का इलाज किया जा सकता है. अगर आपको भी अचानक से बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं, तो गंजेपन से बचने के लिए तुरंत विशेषज्ञों से संपर्क करें.

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एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया के डॉक्टर

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