शरीर में रक्त बनने की प्रक्रिया चलती रहती है और यह रक्त कई तरह की कोशिकाओं से मिलकर बनता है। जब हमारा शरीर पर्याप्त मात्रा में नई रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करना बंद कर देता है तो उस स्थिति में अप्लास्टिक एनीमिया की समस्या होनी शुरू हो जाती है। यह स्थिति कई प्रकार की समस्याओं का कारण बन सकती है। अप्लास्टिक एनीमिया के रोगी को हमेशा थकान का अनुभव होता है। इतना ही नहीं इससे संक्रमण और अनियंत्रित रक्तस्राव का खतरा भी बढ़ जाता है। अप्लास्टिक एनीमिया एक प्रकार की दुर्लभ और गंभीर समस्या है जो किसी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। कुछ लोगों को यह दिक्कत अचानक से शुरू होती है जबकि कुछ लोगों में यह धीरे-धीरे विकसित होती है और समय के साथ गंभीर होती जाती है।
बोन मैरो के भीतर स्टेम कोशिकाओं को होने वाली क्षति के कारण अप्लास्टिक एनीमिया की समस्या आती है। बोन मैरो हड्डियों के भीतर मौजूद ऊतक होता है। इस स्थिति में पहले की अपेक्षा बोन मैरो से लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स का उत्पादन कम हो जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति का प्रमुख कारक ऑटोइम्यून विकार होता है। इसमें आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली बोन मैरो के भीतर स्टेम कोशिकाओं को नष्ट करने लगती है। कई प्रकार की बीमारियों के कारण स्टेम कोशिकाओं को क्षति पहुंच सकती है। इसका प्रमुख कारण माता-पिता से मिला आनुवंशिक जीन, कुछ विशेष दवाओं का प्रभाव अथवा वातावरणीय प्रभाव हो सकता है। नेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर रेयर डिसऑर्डर (एनओआरडी) के अनुसार अमेरिका में हर साल 500 से 1,000 मामले सामने आते हैं। किशोरों और वयस्कों में यह समस्या सबसे आम है।
इस लेख में हम अप्लास्टिक एनीमिया के लक्षण, कारण, इससे होने वाली समस्याओं और इसके इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।