हर व्यक्ति के शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली होती है, उसे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कहा जाता है। प्रतिरक्षा प्रणाली का मुख्य कार्य शरीर को विभिन्न प्रकार के संक्रमण व रोगों से बचाना होता है। यह शरीर में मौजूद कोशिकाओं की एक प्रक्रिया होती है, ये कोशिकाएं पूरे शरीर में फैली होती हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली लगातार शरीर में किसी प्रकार के विषाक्त पदार्थ, बैक्टीरिया, वायरस या अन्य किसी बाहरी पदार्थ की खोज करती रहती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के बिना हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के हानिकारक विषाक्त पदार्थ या बैक्टीरिया प्रवेश कर सकते हैं।
हालांकि कुछ ऐसी स्थितियां भी होती हैं, जिनके कारण प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से काम नहीं कर पाती है। इस स्थिति को आमतौर पर स्व-प्रतिरक्षित रोग (ऑटोइम्यून डिजीज) कहा जाता है। यह एक गंभीर व हानिकारक स्थिति होती है और यहां तक कि कुछ मामलों में जीवन के लिए हानिकारक स्थिति भी बन सकती है।
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