बार्टोनीलोसिस क्या है?
बार्टोनीलोसिस या बार्टोनेलोसिस, बार्टोनेल जीनस से संबंधित बैक्टीरिया के कारण होने वाली संक्रामक बीमारियों का एक समूह है। बार्टोनेल जीनस में बैक्टीरिया की कम से कम 22 नामित प्रजातियां शामिल हैं जो मुख्य रूप से वाहक (वैक्टर) द्वारा बीमारी फैला सकते हैं, ऐसे वैक्टर में पिस्सू, जूं या मरु मक्षिका शामिल हैं।
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बार्टोनीलोसिस के लक्षण क्या हैं?
घरेलू और जंगली दोनों तरह के पशु इन वैक्टर के कारण बार्टोनला प्रजातियों (बार्टोनला स्पीशीज) से संक्रमित हो सकते हैं। तीन बार्टोनल प्रजातियों को वर्तमान में मनुष्यों में होने वाले रोगों का कारण माना जाता है, लेकिन इस जीन के अन्य महत्वपूर्ण मानव रोगजनक भी कभी-कभी मनुष्यों में बीमारी का कारण बन सकते हैं।
बार्टोनीलोसिस क्यों होता है?
बार्टोनैला प्रजातियों के जीवाणुओं (बैक्टीरिया) से होने वाली मानव बीमारियों में कैट स्क्रैच बीमारी (बार्टोनेल हेनसेले), कैरियन की बीमारी (बार्टोनेल बेसिलिफोर्मिस) और ट्रेंच बुखार (बार्टोनला क्विंटाना) शामिल हैं। बार्टोनेला प्रजातियों को त्वचा (बेसिलरी एंजियोमैटोसिस), लिवर (पेलियोसिस हेपेटिस), हार्ट (एंडोकार्डिटिस), आंखों (न्यूरोरेटिनिस), खून (बैक्टरेमिया) और मस्तिष्क (एन्सेफेलोपैथी) की बीमारियों से भी जोड़ा गया है।
कमजोर प्रतिरक्षा वाले मरीज, जैसे कि इम्यूनोस्पेप्रेसिव उपचार से गुजरने वाले कैंसर के रोगी, अंग प्रत्यारोपण करवाने वाले रोगियों और एचआईवी या एड्स वाले रोगियों में गंभीर तथा जानलेवा बीमारी विकसित होने की अधिक संभावना होती है।
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बार्टोनीलोसिस का इलाज कैसे होता है?
बार्टोनला संक्रमण का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। सकारात्मक परिणाम मिलने पर बार्टोनीलोसिस का पता लगाने में सीरोलॉजिकल परीक्षण सबसे अधिक लागत प्रभावी जांच उपकरण है। हालांकि, गलत नकारात्मक परिणाम भी प्राप्त हो सकते हैं। ऐसे मामलों में यदि फिर से परीक्षण नहीं किया जाता है तो रोगी की बीमारी का इलाज नहीं हो पाता है।
बार्टोनला संक्रमण हर एक मामले में बीमारी का कारण नहीं बनता है। कई अध्ययनों में ऐसे स्वस्थ लोगों का पता लगाया गया है जिनको बार्टोनेल के लिए जांच में सकारात्मक (सेरोपोजिटिव) परिणाम मिला है। कुछ लोग जो बीमार हो जाते हैं, उन्हें आमतौर पर हल्की बीमारी होती है, जो बिना किसी उपचार के ठीक हो जाती है।
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