कैलस होना क्या है?
कैलस (callus), त्वचा का एक ऐसा भाग होता है, जो रगड़, दबाव या किसी अन्य कारण से मोटा या सख्त हो जाता है। ऐसा ज्यादातर पांव के निचले हिस्से में होता है, लेकिन ये हाथ, कोहनी और घुटनों पर भी हो सकता है। कैलस पीले या फीके रंग के होते हैं और छूने पर त्वचा सख्त होने के कारण ये गांठ जैसे लगते हैं।
कैलस, फुट कॉर्न (foot corn) से अलग होते हैं और त्वचा के बार-बार किसी चीज से रगड़ लगने के कारण होते हैं, जैसे जूते, जमीन या हड्डी। ये आमतौर पर पांव के नीचे उस जगह पर होते हैं जहां हड्डी होती है और त्वचा पर शरीर का वजन पड़ता है।
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कैलस के लक्षण क्या हैं?
कैलस बहुत ही कम मामलों में दर्दनाक होते हैं, हालांकि इससे कई अन्य लक्षण हो सकते हैं, जैसे त्वचा मोटी व सख्त होना, पांव के नीचे गांठ जैसा दिखना और त्वचा का सूखना या छिलना।
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कैलस क्यों होता है?
लगातार दबाव और रगड़ के कारण त्वचा पर कैलस होते हैं और इस रगड़ या दबाव बनने के कई कारण हो सकते हैं। गलत फिटिंग के, ऊंची एड़ी के या टाइट जूते पहनने से पैरों पर दबाव बनता है, जिसके कारण कैलस हो सकते हैं।
बिना मोजों के जूते पहनने से भी आपकी त्वचा बार-बार जूतों से रगड़ लगती है, जो समस्या पैदा कर सकती है। कैलस आपके हाथों पर भी हो सकते हैं। अगर आप लगातार किसी उपकरण का इस्तेमाल करते हैं, तो भी आपको कैलस हो सकता है।
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कैलस का इलाज कैसे होता है?
अधिकतर मामलों में कैलस को कुछ घरेलू उपायों से ठीक किया जा सकता है। सख्त त्वचा को नरम करने के लिए त्वचा को 10 मिनट के लिए गर्म पानी में रखें और उस पर ज्यादा लोशन व मॉइस्चराइजर लगाएं। ज्यादा सपोर्ट वाले जूते पहनने से प्रभावित क्षेत्रों में आराम मिल सकता है और आप आराम से चल सकते हैं।
अगर घरेलू उपायों से आपको बेहतर महसूस नहीं होता है, तो आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता हो सकती है। कैलस के लिए डॉक्टर आपकी सख्त त्वचा को अपनी चिकित्स्कीय छुरी की मदद से निकालते हैं या कैलस पर सैलीसिलिक एसिड (salicylic acid) युक्त क्रीम का उपयोग करते हैं।
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