क्लैमाइडिया क्या है?
क्लैमाइडिया सबसे सामान्य यौन संचारित रोग (एसटीडी रोग) है। यह संक्रमण क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस नामक बैक्टीरिया के कारण फैलता है। क्लैमाइडिया के लक्षण और संचरण के तरीके गोनोरिया रोग से बहुत मिलते-जुलते हैं।
क्लैमाइडिया से संक्रमित होने वाले बहुत से लोगों (महिलाएं और पुरुष) में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं और उन्हें अपने संक्रमित होने के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। यह रोग महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा (Cervix), मलाशय (Rectum) या गले में और पुरुषों के मूत्रमार्ग (लिंग के अंदर), मलाशय या गले में हो सकता है।
क्लैमाइडिया संक्रमण महिलाओं की गर्भाशय नलिकाओं (फैलोपियन ट्यूब) को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है और भविष्य में बांझपन का कारण भी बन सकता है। इसके साथ ही, एक्टोपिक गर्भावस्था (जब भ्रूण का निर्माण गर्भाशय में होने के बजाय उसके बाहर खासतौर पर फेलोपियन ट्यूब में हो जाता है) का खतरा बढ़ सकता है। गर्भावस्था के दौरान क्लैमाइडिया संक्रमण से पीड़ित महिला को अपरिपक्व प्रसूति (Preterm Labor) और जन्म के समय बच्चे के अत्यधिक कम वजन का खतरा भी बढ़ा सकता है।
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एक बार क्लैमाइडिया से संक्रमित होने का पता चलने के बाद इसका इलाज मुश्किल नहीं है। क्लैमाइडिया के उपचार के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की या तो कई खुराक या सिर्फ एक खुराक खाने के लिए दी जाती है। इसके लिए निर्धारित की गयी सभी दवायें लेनी चाहिए। क्लैमाइडिया के उपचार के लिए बहुत लंबा इंतजार करना गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। अगर इस रोग को अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो इससे अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।