क्लेआईडोक्रेनियल डिसप्लेसिया (सीसीडी) एक ऐसी स्थिति है जो मुख्य रूप से दांतों, खोपड़ी, चेहरे, रीढ़, कॉलरबोन और पैरों की हड्डियों के विकास को प्रभावित कर सकती है। सीसीडी से ग्रस्त लोगों में हड्डियों का निर्माण या तो असामान्य तरह का होता है या फिर सामान्य की तुलना में वह बहुत नाजुक होती हैं। क्लेआईडोक्रेनियल डिस्प्लेसिया, दो शब्दों क्लेइडो और क्रेनियल से मिलकर बना है। यहां क्लेआईडो का अर्थ कॉलरबोन और क्रेनियल का अर्थ खोपड़ी से संबंधित है। सीसीडी में मुख्यरूप से खोपड़ी और कॉलरबोन की असामान्यताओं के साथ दांतों की असामान्यता देखने को मिलती है।
क्लेआईडोक्रेनियल डिसप्लेसिया की स्थिति जन्म के समय मौजूद होती है। यह माता-पिता से बच्चों को मिलने वाली स्थिति है। हालांकि, कुछ लोगों में यह रैंडम भी हो सकती है यानी कि इसके लिए आनुवंशिक कारकों का होना आवश्यक नहीं है। महिलाओं और पुरुषों दोनों को ही यह स्थिति प्रभावित कर सकती है। भले ही इस स्थिति के कारण खोपड़ी की हड्डियों का विकास प्रभावित होता है, लेकिन इसका असर बौद्धिक क्षमता पर नहीं पड़ता है। इस समस्या के उपचार के लिए डॉक्टर आमतौर पर सर्जरी करते हैं।
इस लेख में हम क्लेआईडोक्रेनियल डिसप्लेसिया के लक्षण, कारण और इसके इलाज के बारे में जानेंगे।
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