साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम - Cyclic Vomiting Syndrome in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

October 13, 2020

August 14, 2023

साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम
साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम

साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम एक ऐसा विकार है, जिसमें बिना किसी स्पष्ट कारण के गंभीर रूप से उल्टी की समस्या हो जाती है। इसमें उल्टी के एपिसोड कई घंटों या दिनों तक चल सकते हैं। यह समस्या दिन के अक्सर एक ही समय में शुरू होती है, एक निश्चित समय या अवधि के लिए प्रभावित करती है और एक समान लक्षण प्रकट करती है।

साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम सभी आयु वर्ग में होती है। हालांकि, यह अक्सर 3 से 7 साल के बच्चों में शुरू होती है। यह समस्या बच्चों में अधिक आम है, लेकिन वयस्कों में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है।

इस सिंड्रोम का निदान करना मुश्किल है क्योंकि उल्टी कई विकारों का लक्षण है। उपचार में अक्सर जीवन शैली में कुछ बदलाव करने का सुझाव​ दिया जाता है, ताकि ऐसे उल्टी की समस्या को ट्रिगर करने वाले कारकों को रोका जा सके। इसके अलावा कुछ दवाइयां और माइग्रेन थेरेपी भी लक्षणों से राहत प्रदान कर सकती है।

(और पढ़ें - माइग्रेन के लिए होम्योपैथिक दवा)

साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम के संकेत और लक्षण क्या हैं? - Cyclic Vomiting Syndrome ke Symptoms in Hindi

साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम के लक्षण अक्सर सुबह के समय में शुरू होते हैं, इनमें शामिल हैं :

उल्टी के तीन या इससे अधिक रिकरेंट एपिसोड (बार-बार होना), जो एक ही समय के आसपास शुरू होते हैं और एक समान अवधि के लिए प्रभावित करते हैं

उल्टी के एपिसोड शुरू होने से पहले बहुत तेज जी मिचलाना और पसीना आना

उल्टी के एपिसोड के दौरान अन्य लक्षण :

साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम का कारण क्या है? - Cyclic Vomiting Syndrome ka Causes in Hindi

साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम का अंतर्निहित कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। कुछ संभावित कारणों में जीन, पाचन संबंधी समस्याएं, तंत्रिका तंत्र की समस्याएं और हार्मोन असंतुलन शामिल हैं। ​यह समस्या निम्नलिखित स्थितियों की वजह से ट्रिगर हो सकती है :

(और पढ़ें - खून की उल्टी आने का कारण)

साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम का निदान कैसे किया जा सकता है? - Cyclic Vomiting Syndrome ka Diagnosis in Hindi

साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम के निदान की पुष्टि करने के लिए कोई विशिष्ट परीक्षण नहीं है। इसमें मुख्य लक्षण उल्टी है, जो कि कई स्थितियों का संकेत हो सकती है। इसीलिए सीवीएस का निदान मुश्किल हो सकता है।

हालांकि, डॉक्टर इस स्थिति में बच्चे या माता-पिता की मेडिकल हिस्ट्री चेक करने के अलावा शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं। डॉक्टर उन लक्षणों के पैटर्न के बारे में भी जानना चाहेंगे, जिन्हें प्रभावित व्यक्ति या बच्चा अनुभव कर रहा है।

इसके बाद, डॉक्टर निम्नलिखित सुझाव दे सकते हैं :

साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम का इलाज कैसे किया जाता है? - Cyclic Vomiting Syndrome ka Treatment in Hindi

इस सिंड्रोम के लिए कोई इलाज नहीं है। हालांकि, कई बच्चों में वयस्क होने तक उल्टी के एपिसोड बंद हो जाते हैं। आमतौर पर, उपचार का उद्देश्य लक्षणों को नियंत्रित करना है :

  • एंटी नॉजिया (मतली को ठीक करने वाली दवा)
  • पेन किलर (दर्द का ठीक करने वाली दवा)
  • एंटीडिप्रेसन्ट (अवसाद को ठीक करने वाली दवा)
  • एंटी-सीजर दवाएं (दौरे को ठीक करने वाली दवा) 

माइग्रेन के लिए उपयोग की जाने वाली दवाइयां कभी-कभी साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम को रोकने में भी मदद कर सकती हैं। ये दवाएं उन लोगों में इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है, जिनमें उल्टी के एपिसोड लगातार और लंबे समय तक चलते हैं, या जिनमें माइग्रेन से जुड़ी फैमिली हिस्ट्री है।

चूंकि उल्टी होने की वजह से शरीर में तरह पदार्थ की समस्या हो जाती है ऐसे में आईवी (नसों के माध्यम) के जरिये तरल पदार्थ देने की आवश्यकता हो सकती है।

(और पढ़ें - उल्टी और मतली की होम्योपैथिक दवा



साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम के डॉक्टर

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