किडनी फेल होने के कई कारणों में से सबसे कॉमन कारण डायबिटिक नेफ्रोपैथी है। किडनी का मुख्य कार्य खून में से अपशिष्ट पदार्थों को हटाना है। यह शरीर में तरल पदार्थ और लवण के स्तर को विनियमित करता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। जब किसी व्यक्ति को डायबिटीज की बीमारी होती है, फिर चाहे टाइप 1 डायबिटीज हो, टाइप 2 डायबिटीज या गर्भकालीन डायबिटीज, तो ऐसे में उनका शरीर इंसुलिन का उपयोग या उत्पादन सही से नहीं नहीं कर पाता है। 'गर्भकालीन डायबिटीज' गर्भावस्था के दौरान होने वाली डायबिटीज को कहते हैं।
डायबिटीज में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जिस वजह से आगे चल कर शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचने का जोखिम बना रहता है, जिसमें हृदय रोग और किडनी संबंधित समस्या भी शामिल है। इस स्थिति में किडनी को जो नुकसान होता है उसे डायबिटिक नेफ्रोपैथी कहा जाता है।
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