ई कोलाई संक्रमण क्यों होता है?
ई कोलाई के जितने भी प्रकार हैं उनमें से कुछ ही से डायरिया होता है। O157:H7 बैक्टीरिया वाला ई कोलाई समूह एक शक्तिशाली टॉक्सिन (विषाक्त पदार्थ) पैदा करता है जिससे छोटी आंत की अंदरूनी परतें प्रभावित हो जाती हैं और इससे खूनी अतिसार हो सकता है। ई कोलाई संक्रमण तब होता है जबकि यह बैक्टीरिया खाने के जरिये आपके पेट में चला जाये।
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अन्य घातक बैक्टीरिया के ज्यादा मात्र में शरीर में जाने से बीमारी होती है, लेकिन ई कोलाई की थोड़ी सी मात्रा भी आपको बीमार करने के लिए काफी है। इसलिए, अधपकी मीट खाने या स्विमिंग पूल-तालाब के दूषित पानी की एक घूँट भर पी लेने से ई कोलाई संक्रमण हो सकता है।
दूषित भोजन या पानी और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से इसके संक्रमण की आशंका रहती है।
दूषित खाना -
ई कोलाई संक्रमण का सबसे आसान जरिया है दूषित खाना, जैसे:
- कच्चा दूध - गाय के थन या फिर दूध निकालने वाले बर्तन पर ई कोलाई बैक्टीरिया हो सकता है जो कच्चे दूध में जा सकता है। (और पढ़ें- चेहरे पर कच्चा दूध लगाने के फायदे)
- ताजी फल-सब्जी - मवेशी बाड़े से निकलने वाला पानी या अन्य पदार्थ फल-सब्जी के खेतों में पहुंचे तो पालक और सलाद के पत्ते जैसी कुछ सब्जियां विशेष तौर पर दूषित हो जाती है ।
दूषित पानी -
इंसानों और जानवरों के मल से भूमिगत तथा नदी, तालाब, झरने जैसे भूजल स्रोत और फसल की सिंचाई का पानी दूषित हो जाता है। हालाँकि, सार्वजानिक जल प्रणाली जिसके जरिये रिहायशी इलाकों में पानी की आपूर्ति होती है, उसमें क्लोरीन, पराबैंगनी किरणों या ओजोन के जरिये ई कोलाई बैक्टीरिया को खत्म कर दिया जाता है। लेकिन कई बार भारी संख्या में लोगों के संक्रमणग्रस्त होने की घटनाएँ हुई हैं जिनके लिए नगर निगमों द्वारा दूषित जल की आपूर्ति को जिम्मेदार माना गया।
जिनके पास निजी कुएं होते हैं उनके संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है क्योंकि वे इसे रोगाणु मुक्त करने तरीकों का इस करते। गाँवों में जिस पानी की आपूर्ति होती वह आम तौर पर संक्रमित हो सकता है। मल से दूषित पानी में तैरने से भी संक्रमण हो सकता है।
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किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से संक्रमण होना -
ई कोलाई बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरे तक आसानी से फैल सकता है खास कर जब संक्रमित बच्चे-बड़े हाथ ठीक से न धोएं। परिवार में किसी बच्चे को संक्रमण हुआ हो तो उस परिवार के अन्य लोगों को भी यह समस्या हो सकती है। जो बच्चे मेलों या चिड़ियाघर में जानवरों के संपर्क में आते रहते हैं उन्हें भी संक्रमण होने की घटनाएँ हुई हैं।
ई कोलाई से हर वह व्यक्ति प्रभावित हो सकता है जो इस बैक्टीरिया के संपर्क में आता है। लेकिन कुछ लोगों यह परेशानी अन्य के मुकाबले ज्यादा हो सकती है। इसके जोखिम कारक हैं:
- उम्र-
छोटे बच्चे और बुजुर्गों को ई कोलाई से होने वाली बीमारी और इसके गंभीर होने का खतरा ज्यादा होता है।
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली-
जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली एड्स या कैंसर की दवाओं या अंग प्रतिरोपण से जुड़ी दवाओं के कारण कमजोर हो गई है, उन्हें संक्रमण का जोखिम अधिक होता है।
- कुछ खाद्य पदार्थ-
अधपका मीट, कच्चा दूध, सेब का रस या सेब के सिरके या कच्चे दूध से बने सॉफ्ट चीज से संक्रमण का खतरा होता है।
- पेट में एसिड की मात्रा कम होना-
पेट का एसिड ई कोलाई से कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करता है। अगर आप एसिड कम करने की दवा ले रहे हैं तो संक्रमण होने की आशंका ज्यादा हो सकती है।
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