कान में इन्फेक्शन (ओटाइटिस मीडिया) - Ear Infection (Otitis Media) in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

June 28, 2017

August 14, 2023

कान में इन्फेक्शन
कान में इन्फेक्शन

कान में संक्रमण (ओटाइटिस मीडिया) क्या है?

ओटाइटिस मीडिया मध्य कान की सूजन संबंधी बीमारियों का एक समूह है।

ओटाइटिस मीडिया के मुख्य रूप से दो प्रकार हैं – एक्यूट ओटाइटिस मीडिया (एओएम) और ओटिटिस मीडिया विद इफ्यूश़न (ओएमई)। एओएम का कारण बचपन की शारीरिक रचना और प्रतिरोधक प्रणाली से संबंधित है। यह जीवाणु या वायरस के कारण हो सकता है।

जोखिम कारकों में शामिल है अत्यधिक धुंए के संपर्क में आना, प्रशामकों (pacifiers) का उपयोग और डे-केयर में जाना। ओएमई अक्सर एओएम के बाद होता है और वायरल ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण, धुंए या एलर्जी से संबंधित हो सकता है।

इसका सही निदान/ परीक्षण करने के लिए कान के परदे की जांच करना महत्वपूर्ण है। एओएम के लक्षणों में सूजन या हवा के कान के अंदर जाने के कारण कान के परदे की कार्यक्षमता में आने वाली कमी है। एक नए तरल का रिसाव जो बाहरी कान (Otitis Externa) से संबंधित नहीं है, वह भी निदान का संकेत देता है।

न्यूमोकोकल और इन्फ्लूएंजा टीकाकरण, बच्चे को पहले छह महीने तक स्तनपान कराना और तम्बाकू व धूम्रपान से दूर रहना जैसे उपायों ने कान के संक्रमण के जोखिम को कम किया है।

एओएम में दर्द की दवाओं का उपयोग महत्वपूर्ण है। इसमें पेरासिटामोल, इबुप्रोफेन, बेन्जोकेन (कान का ड्रॉप) या ओपिओइड शामिल हो सकते हैं। एंटीबायोटिक एओएम में तुरंत सुधार ला सकते हैं, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। एंटीबायोटिक दवाओं की सलाह उन लोगों को दी जाती हैं, जिनकी बीमारी को दो साल से कम समय हुआ हो और स्थिति गंभीर हो। कम गंभीर बीमारी वाले उन लोगों को इनका सुझाव दिया जाता है, जिनमें दो या तीन दिनों के बाद भी सुधार नहीं होते हैं। आमतौर पर सबसे पहले अमोक्सिलिन एंटीबायोटिक का चुनाव किया जाता है। अक्सर संक्रमित होने वाले लोगों में टिम्पनोस्टोमी ट्यूब (Tympanostomy Tubes) इस संक्रमण की पुनरावृत्ति को घटा सकती हैं। ओटाइटिस मीडिया विद डिफ्यूश़न से ग्रसित बच्चों के लक्षणों को एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा कम किया जा सकता है, लेकिन इनसे दस्तउल्टी और त्वचा पर लाल चकत्ते हो सकते हैं।

कान में संक्रमण का प्रसार

दुनिया भर में एक साल में लगभग 11% लोग (लगभग 325 से 710 मिलियन मामले) एओएम से  प्रभावित होते हैं। आधे मामले पांच साल से कम उम्र के बच्चों से जुड़े होते हैं और पुरुषों में यह अधिक पाया जाता है। उन प्रभावित लोगों में से 4.8% या 31 लाख लोगों में तीसरे प्रकार के ओटाइटिस मीडिया का विकास होता है, जिसे क्रोनिक सप्युरेटिव ओटाइटिस मीडिया (सीएसओएम) कहा जाता है। दस वर्ष से कम उम्र वाले लगभग 80% बच्चों को ओएमई कभी न कभी प्रभावित करता है। ओटाइटिस मीडिया के कारण वर्ष 2015 में 3,200 मौतें हुईं, जो वर्ष 1990 की तुलना (4,900) में काफी कम थी।

कान में इन्फेक्शन (ओटाइटिस मीडिया) के प्रकार - Types of Ear Infection (Otitis Media) in Hindi

कान में संक्रमण (ओटाइटिस मीडिया) के कितने प्रकार होते हैं?

ओटाइटिस मीडिया के तीन प्रकार हैं –

  1. एक्यूट ओटाइटिस मीडिया (एओएम) – एओएम एक अचानक से शुरू होने वाला संक्रमण है, इसकी शुरुआत आमतौर पर कान दर्द के साथ होती है। छोटे बच्चों में इसके कारण कान में बार-बार खुजली होती है और बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं। वे ठीक से सो भी नहीं पाते हैं। बच्चों में कम मात्रा में भोजन करना और बुखार जैसे लक्षण भी मौजूद हो सकते हैं। (और पढ़ें – कान में दर्द के घरेलू उपाय)
  2. आवर्ती ओटाइटिस मीडिया (आरओएम) – वह कान का संक्रमण जो एक बार होने के बाद ठीक हो जाता है, उसे एक्यूट कान का संक्रमण (एक्यूट ओटाइटिस मीडिया) कहा जाता है। इसकी साथ ही साथ अगर हालत ठीक हो जाती है, लेकिन 6 महीने की अवधि में यह संक्रमण दुबारा होता है, तो उस व्यक्ति को आवर्ती कान का संक्रमण (आवर्ती ओटाइटिस मीडिया) से ग्रसित माना जाता है। यह आमतौर पर दिखता है कि यूस्टेचियन ट्यूब अच्छी तरह से काम नहीं कर रही है।
  3. ओटाइटिस मीडिया विद इफ्यूश़न (ओएमई) – आमतौर पर ओएमई लक्षणों से जुड़ा हुआ नहीं होता है। कभी-कभी फूला हुआ (Fullness) महसूस होता है। संक्रमण के बिना मध्य कान में तरल पदार्थ के निर्माण को ओटाइटिस मीडिया विद इफ्यूश़न कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जहां तरल पदार्थ कान में इकठ्ठा होता रहता है क्योंकि यहाँ हवा अच्छी तरह से नहीं पहुँच पाती, लेकिन रोगाणु नहीं पनप पाते हैं। आमतौर पर तीन महीने से अधिक समय तक मध्य कान में गैर-संक्रामक द्रव की उपस्थिति को ओएमई माना जाता है।
  4. क्रोनिक सप्युरेटिव ओटाइटिस मीडिया (सीएसओएम) – सीएसओएम दो सप्ताह से अधिक समय तक रहने वाली मध्य कान की सूजन है, जिसके परिणामस्वरूप कान से बारबार तरल पदार्थ का स्राव होता है। यह एक्यूट कान के संक्रमण की एक जटिलता हो सकती है। इसमें दर्द बहुत ही कम देखने को मिलता है।

इन सभी को सुनने की क्षमता में होने वाली कमी के साथ जोड़ा जा सकता है। ओएमई के लम्बे समय तक रहने के कारण श्रवण शक्ति का नुकसान होता है। इसके कारण बच्चों की सीखने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

Novamox 250 Rediuse Oral Suspension 60ml
₹88  ₹88  0% छूट
खरीदें

कान में संक्रमण (ओटाइटिस मीडिया) के लक्षण - Ear Infection (Otitis Media) Symptoms in Hindi

कान में संक्रमण (ओटाइटिस मीडिया) के लक्षण:

कान के संक्रमण (एओएम) का संदेह बच्चों में देखे जाने वाले सिर, गर्दन और स्राव रहित या उसके साथ होने वाले लक्षणों के इतिहास पर निर्भर करता है।

एओएम के साधारण सिर और गर्दन के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं -

  • कान में दर्द (Otalgia) – प्रभावित कान को खुजलाकर या बालों को खींचकर छोटे बच्चे ओटेल्जिया के लक्षण प्रदर्शित कर सकते हैं। ओटेल्जिया अधिकतर बच्चे के लेटने के वक़्त होता है (रात में सोते समय)। ऐसा यूस्टेचियन ट्यूब के ठीक से काम न करने के कारण हो सकता है।
  • कान बहना (Otorrhea) – टाइमपेनिक झिल्ली में हाल ही में हुए छिद्र या पहले से ही मौजूद टिम्पनोस्टोमी ट्यूब (Tympanostomy Tube) के माध्यम से या किसी अन्य छिद्र द्वारा मध्य कान से द्रव का स्राव हो सकता है। सेरेब्रोस्पिनल द्रव (सीएसएफ) से जुड़े खोपड़ी के मुख्य भाग में होने वाले फ्रैक्चर के मरीज़ों के अलावा आघात के अन्य मरीजों में कान का बहना महत्वपूर्ण रूप से देखा जाता है।
  • सिर दर्द 
  • ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण (यूआरआई) के साथ जुड़े हुए लक्षण, जैसे कि खांसी, नाक बहना या बंद नाक

सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं –

  • एओएम से ग्रसित दो तिहाई बच्चों में बुखार का लक्षण देखा जाता है, हालांकि 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक बुखार नहीं होता है। इसमें रक्त में बैक्टीरिया की उपस्थिति या अन्य जटिलताएं देखी जा सकती हैं।
  • एक शिशु या बच्चे में चिड़चिड़ापन प्रारंभिक लक्षण हो सकता है।
  • बीमार बच्चों में सुस्ती भी इसका संकेत हो सकता है और इसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) पथ के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं –

ओटाइटिस मीडिया विद इफ्यूश़न (ओएमई) अक्सर एओएम के बाद होता है। हाल ही में एओएम से ग्रसित किसी मरीज़ में यदि निम्नलिखित लक्षणों में से कोई भी एक पाया जाता है, तो हो सकता है कि उसे ओटाइटिस मीडिया विद इफ्यूश़न हो।

  • बहरापन – ज्यादातर छोटे बच्चे सटीक लक्षणों की जानकारी नहीं दे पाते हैं। माता-पिता, देखभाल करने वालों या शिक्षकों को बच्चों के बहरेपन पर संदेह हो सकता है या वे बच्चे को लापरवाह बता सकते हैं।
  • टिनिटस (कान बजना) – ऐसा होना संभव हैं, हालाँकि यह बच्चों में बहुत कम पाया जाता है।
  • सिर घूमना – सिर घूमना (जैसे – कमरा घूमता हुआ नज़र आना) सामान्य एओएम या ओएमई का एक दुर्लभ लक्षण है। एओएम से ग्रसित एक छोटे बच्चे के माता-पिता उसमें थोड़ी अस्थिरता या अकुशलता महसूस कर सकते हैं।
  • कान में दर्द थोड़े-थोड़े समय के बाद होने वाला ये दर्द रात में गंभीर हो जाता है।

डॉक्टर को कब दिखाएं: 

यह जानना बहुत ज़रूरी है कि आपकी परेशानी कब ज्यादा गंभीर हो सकती है।

अपने चिकित्सक से संपर्क करें, अगर 

  • आपके कान से तरल पदार्थ (जैसे मवाद या रक्त) का स्राव हो रहा हो, 
  • आपको तेज़ बुखार हो, सिर दर्द या चक्कर आना
  • आपको ऐसा लगे, जैसे कि कोई चीज़ आपके कान में फंस गयी है, 
  • आपके कान के पीछे सूजन हो गयी हो, खासकर अगर आपके चेहरे के उस तरफ वाले हिस्से पर कमज़ोरी दिखाई दे या आप वहां की मांसपेशियों को हिला नहीं पा रहे हों, 
  • आपके कान में गंभीर दर्द हो रहा हो और यह अचानक बंद हो जाये (जिसका कारण कान के परदे का फटना हो सकता है)
  • 24 से 48 घंटों में आपके लक्षणों में कोई सुधार नहीं आया हो, (या लक्षण और गंभीर हो गए हों)।

कान में संक्रमण (ओटाइटिस मीडिया) के कारण - Ear Infection (Otitis Media) Causes in Hindi

कान में संक्रमण क्यों होता है?

कान के परदे (Eardrum) के पीछे एक छोटी सी जगह होती है, जिसे 'मध्य कान' कहा जाता है। यूस्टेचियन ट्यूब के माध्यम से हवा आमतौर पर नाक के पीछे से जाती है और मध्य कान को हवादार बनाती है। इसके कारण कान का यह हिस्सा साफ और सूखा रहता है। यूस्टेचियन ट्यूब के बंद हो जाने पर मध्य कान को पर्याप्त ताजी हवा नहीं मिल पाती है, जिसके कारण वह हिस्सा आद्र, निष्क्रिय व गर्म हो जाता है और जीवाणुओं के पनपने के लिए उचित स्थान बन जाता है।

बच्चों और शिशुओं में, यूस्टेचियन ट्यूब अक्सर नरम या अपरिपक्व होती है और इसके लिए खुला रहना मुश्किल होता है। एलर्जी, बंद नाक, साइनस संक्रमण, साधारण ज़ुकाम के वायरस और अडेनोइड की समस्याएं यूस्टेचियन ट्यूब द्वारा मध्य कान में हवा को पारित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। चिकित्सक कान के परदे की जांच करते समय देखते हैं कि यह लाल व उभरा हुआ है और इस प्रकार कान के संक्रमण का निदान करने में सक्षम हो सकते हैं।

बच्चों में कान के संक्रमण को बढ़ाने वाला सबसे सामान्य कारण ऊपरी श्वसन वायरल संक्रमण होता है, जैसे – जुकाम या  फ्लू। इन विकारों के कारण यूस्टेचियन ट्यूब इतनी सूज जाती है कि हवा मध्य कान तक नहीं पहुँच पाती है। पराग, धूल, पशुओं के बालों की रूसी या भोजन से होने वाली एलर्जी सर्दी या फ्लू, धूम्रपान विषैले धुएं और अन्य पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थों  के समान प्रभाव उत्पन्न कर सकती है। जीवाणु प्रत्यक्ष रूप से कान के संक्रमण का कारण बन सकते हैं, लेकिन आमतौर पर ये बैक्टीरिया वायरल संक्रमण या एलर्जिक प्रतिक्रिया के बाद मध्य कान के गर्म, नम वातावरण में शीघ्रता से प्रवेश कर जाते हैं। बैक्टीरिया के कारण गंभीर क्षति हो सकती है, सूजन संक्रमण में बदल सकती है और बुखार हो सकता है।

संक्रमित मध्य कान में पाए जाने वाले बैक्टीरिया और साइनसाइटिस, निमोनिया व अन्य श्वसन संक्रमण के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया एक ही किस्म के होते हैं। अमेरिकन अकेडमी ऑफ ओटोलरींगोलॉजी – हेड एंड नेक सर्जरी (कान, नाक और गले के चिकित्सक) के अनुसार, संयुग्म न्यूमोकोकल टीका कान के संक्रमण के सबसे आम बैक्टीरिया द्वारा पहुंचाई गयी गंभीर क्षति पर बहुत प्रभावी है। यह टीका नियमित तौर पर नवजात शिशुओं और बच्चों को मेनिनजाइटिस, निमोनिया और रक्त संक्रमण से बचाने के लिए लगाया जाता है। आपके बच्चे के डॉक्टर द्वारा आपको इस टीके के उपयोग की सलाह दी जानी चाहिए, जिससे कानों में होने वाले कुछ संक्रमणों को रोकने में मदद मिल सकती है।

कान में संक्रमण के जोखिम कारक: 

हाल ही के वर्षों में, वैज्ञानिकों ने उन लोगों की विशेषताओं की पहचान की है, जिनमें मध्य कान के आवर्ती संक्रमण की अधिक संभावना है –

  • पुरुषों को इसके होने का जोखिम अधिक होता है,
  • कान के संक्रमण का पारिवारिक इतिहास,
  • बोतल से दूध पीने वाले बच्चे (स्तनपान करने वाले बच्चों के कान में संक्रमण कम पाया जाता है),
  • बच्चे जो पूरा दिन देखभाल केंद्रों में रहते हैं,
  • तम्बाकू का सेवन या धूम्रपान करने वालों के साथ एक ही घर में रहने वाले लोग,
  • असामान्य तालु वाले लोग, जैसे कि एक विभाजित ताल (Cleft Palate),
  • कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग या क्रोनिक श्वसन तंत्र रोग, जैसे कि सिस्टिक फाइब्रोसिस और अस्थमा (दमा)।

कान में इन्फेक्शन (ओटाइटिस मीडिया) से बचाव - Prevention of Ear Infection (Otitis Media) in Hindi

कान में संक्रमण (ओटाइटिस मीडिया) से कैसे बचा जा सकता है? 

निम्नलिखित युक्तियां कान के संक्रमण के जोखिम को कम कर सकती हैं –

  • सामान्य सर्दी और अन्य बीमारियों से बचें। अपने बच्चों को अच्छी तरह से हाथ धोने और खाने-पीने के बर्तनों को साझा न करने की सीख दें। बच्चों को बताएं कि खांसते या छींकते समय मुंह को हाथों से ढकना चाहिए। यदि संभव हो, तो अपने बच्चे को सामूहिक शिशु देखभाल केंद्र में ज़्यादा समय के लिए न छोड़ें। बच्चे को ऐसे देखभाल केंद्र में छोड़ा जा सकता है, जहां बहुत कम बच्चे हों। बच्चे के बीमार होने पर कोशिश करें कि उसे देखभाल केंद्र या विद्यालय न भेजें।
  • सेकंड हैंड स्मोक (किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा किये गए धूम्रपान का धुआं सांस द्वारा अंदर ले जाना) से बचें। सुनिश्चित करें कि आपके घर में कोई भी धूम्रपान न करे। घर से दूर प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहें।
  • अपने बच्चे को स्तनपान कराएं। यदि संभव हो, तो कम से कम छह महीने तक अपने बच्चे को स्तनपान कराएं। इस दूध में एंटीबॉडी होते हैं, जो बच्चे को कान के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
  • बच्चे को खड़ा करके बोतल से दूध पिलाएं। जब बच्चा लेटा हुआ हो, तो उसके मुंह में बोतल न लगाएं। पालने में बच्चे के साथ बोतल न रखें। 
  • टीकाकरण के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। अपने चिकित्सक से पूछें कि आपके बच्चे के लिए कौन सा टीका उपयुक्त है। मौसमी फ्लू (Seasonal flu shots) और न्यूमोकोकल टीके कान के संक्रमण को रोकने में मदद कर सकते हैं।

(और पढ़ें - बच्चों को सिखाएं अच्छी सेहत के लिए अच्छी आदतें)

कान में संक्रमण (ओटाइटिस मीडिया) का परीक्षण - Diagnosis of Ear Infection (Otitis Media) in Hindi

कान में संक्रमण का परीक्षण​/ निदान कैसे किया जाता है?

यदि आप बच्चों की देखभाल करते हैं, तो आप शायद पहले से जानते होंगे कि उन्हें कितनी बार कान में दर्द होता है। कान में संक्रमण वयस्कों में भी होता है, लेकिन किशोरों में यह अधिक देखा जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि वे वायरस और जीवाणुओं से अच्छी तरह नहीं लड़ पाते और उनके छोटे कान अभी तक तरल पदार्थों को निकालने में सक्षम नहीं होते हैं।  

यदि आपको या आपके बच्चे को कान में दर्द के साथ गले में खराश, बंद नाक या बुखार है तो ये संक्रमण के संकेत हो सकते हैं। 

अपनी समस्या के बारे में जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आपको संक्रमण है, तो वह आपका सर्वोत्तम उपचार कर सकते हैं।

(और पढ़ें - एमआरआई स्कैन क्या है)

डॉक्टर क्या जांच करेंगे?

आपके डॉक्टर आपसे बीमारी के लक्षण के बारे में पूछेंगे। डॉक्टर के पास जाने से पहले अपने ज़रूरी नोट्स और दिमाग में आने वाले प्रश्नों को लिखकर अपने साथ रख लें। 

वह संक्रमण के लक्षणों को देखने के लिए ओटोस्काप नामक एक उपकरण का प्रयोग करेंगे और उसके द्वारा कान के परदे को देखेंगे। चिड़चिड़े शिशुओं की इस प्रकार जांच करना एक कठिन काम है, तो अगर आपके छोटे बच्चे के कान में दर्द है, तो परीक्षण के दौरान उसे शांत करने के लिए तैयार रहें।

(और पढ़ें - एक्स रे क्या है)

चिकित्सक एक दूसरे प्रकार के ओटोस्काप  का उपयोग करके मध्य कान में होने वाली रुकावट या अवरोध की भी जांच कर सकते हैं। इस उपकरण द्वारा कान के परदे पर थोड़ी हवा छोड़ी जाती है। इस हवा द्वारा कान के परदे को आगे-पीछे हिलना चाहिए। यदि वहां तरल उपस्थित है, तो यह उतना ज्यादा नहीं हिलेगा। 

डॉक्टर टिम्पनोमीटर (Tympanometer) नामक दूसरे उपकरण के द्वारा संक्रमण के संकेत भी देख सकते हैं। यह उपकरण मध्य कान में द्रव की जांच करने के लिए ध्वनि और वायु दबाव का उपयोग करता है।

यदि आवश्यक हो, तो कान के विशेषज्ञ या ऑडियोलॉजिस्ट के पास जाया जा सकता है। ऑडियोलॉजिस्ट बहरेपन की जांच करने के लिए एक परीक्षण करेंगे।

(और पढ़ें - लैब टेस्ट)

कान में संक्रमण (ओटाइटिस मीडिया) का इलाज - Ear Infection (Otitis Media) Treatment in Hindi

कान में संक्रमण का इलाज क्या है?

अकसर एक वायरस कान के संक्रमण का कारण बनता है, जिसमें एंटीबायोटिक दवाएं कोई असर नहीं करेंगी। यदि आपके इतिहास के आधार पर डॉक्टर को संदेह है कि बैक्टीरिया संक्रमण का कारण हो सकता है, तो वह एक एंटीबायोटिक का सुझाव देंगे। 

आप उन चीजों के बारे में भी अपने डॉक्टर से परामर्श करें, जो आप घर पर कर सकते हैं।

1. दर्द से राहत

यदि संक्रमण का कारण वायरस है और आपको इसके ठीक होने की प्रतीक्षा करनी है, तो आपको दर्द सहने की आवश्यकता नहीं है।

आपके डॉक्टर दर्द निवारक, आमतौर पर एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन की सिफारिश कर सकते हैं जो बुखार को कम करने में भी मदद करते हैं। रीय सिंड्रोम (Reye's Syndrome) के खतरे की वजह से बच्चों को एस्पिरिन दवा नहीं देनी चाहिए। रीय सिंड्रोम एक दुर्लभ स्थिति है, जो मस्तिष्क या लिवर में सूजन पैदा कर सकती है।

कम ताप पर हीटिंग पैड का उपयोग करके दर्द को कम किया जा सकता है। बच्चों में हीटिंग पैड का उपयोग करते समय बहुत सावधान रहें।

2. एंटीबायोटिक्स

यदि आपके डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं देने का निर्णय करते हैं, तो सभी निर्देशों का पालन करें। सभी खुराक लें, भले ही आप या आपका बच्चा बेहतर महसूस कर रहे हों। यदि आप खुराक छोड़ देते हैं या दवा से बीमार महसूस करते हैं, तो अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से संपर्क करें।

यदि आप दवा का कोर्स पूरा नहीं करते हैं, तो आपको दुबारा संक्रमण हो  सकता है और यह अन्य उपचार के लिए भी बाधक बन सकता है।

3. तरल का स्राव 

यदि कोई संक्रमण गंभीर जटिलताओं का कारण बनता है, तो लंबे समय तक तरल पदार्थ कान में जमा रहता है या आपके बच्चे को कान में बार-बार संक्रमण होता रहता है, तो आपके चिकित्सक मेरिंगोटमी (Myringotomyनामक एक प्रक्रिया का उपयोग कर सकते हैं।

डॉक्टर कान के परदे में एक छोटा सा छेद बनाते हैं, ताकि पानी, रक्त या मवाद जैसे तरल बाहर निकल सकें। कई मामलों में, वह इसमें एक ट्यूब डाल देते हैं ताकि तरल दोबारा इकठ्ठा न हो सके।

ट्यूब जो आमतौर पर 6 से 18 महीनों में अपने आप निकल जाती है, हवा को सुविधाजनक रूप से अंदर जाने देती है और मध्य कान को सूखा रखता है। इसके साथ ही साथ ट्यूब निम्न कार्य भी करता है –

  • दर्द कम करना,
  • सुनने की क्षमता को बेहतर बनाना,
  • आपके बच्चे के कान में बार-बार होने वाले संक्रमण को कम करना।

छोटे बच्चों के कानों में ये ट्यूब सर्जरी के द्वारा डाले जाते हैं। इसके लिए उन्हें अस्पताल जाने की आवश्यकता होती है। प्रक्रिया के दौरान उन्हें सुलाने के लिए कोई दवा दी जाती है, जिसका असर आमतौर पर लगभग 15 मिनट तक रहता है।

बड़े बच्चों और वयस्कों में यह प्रक्रिया बिना बेहोश किये की जाती है। यह डॉक्टर के क्लिनिक में की जा सकती है।

इस सर्जरी में शायद ही कभी संक्रमण या जलन होती है और आमतौर पर इसके दीर्घकालिक परिणाम होते हैं। यदि ट्यूब बाहर आ जाती हैं और संक्रमण दुबारा हो जाता है, तो अधिक उपचार के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।

कानों के संक्रमण के लिए टॉन्सिल को हटाने के बारे में डॉक्टर आमतौर पर विचार नहीं करते हैं।

कान में संक्रमण (ओटाइटिस मीडिया) की जटिलताएं - Ear Infection (Otitis Media) Complications in Hindi

कान में संक्रमण (ओटाइटिस मीडिया) से क्या जटिलताएं पैदा हो सकती हैं?

अधिकांश कान के संक्रमण में दीर्घकालिक जटिलताएं नहीं होती हैं। लेकिन बार-बार होने वाले संक्रमण और लगातार होने वाले तरल पदार्थों के उत्पादन से कुछ गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। 

  • सुनने की क्षमता में कमी – कान के संक्रमण के साथ सुनने की क्षमता में कमी आना और ठीक हो जाना काफी आम है। मध्य कान में लगातार संक्रमण या निरंतर रूप से तरल के इकठ्ठा होने के कारण श्रवण शक्ति को काफी नुकसान हो सकता है। अगर कान के परदे या मध्य कान की संरचनाओं में स्थायी रूप से कोई क्षति होती है, तो आप हमेशा के लिए बहरे हो सकते हैं।
  • भाषा या विकासात्मक विलंब – यदि शिशुओं और बच्चों में अस्थायी या स्थायी रूप से सुनने की क्षमता का ह्रास होता है, तो उनमें भाषा, सामाजिक और विकासात्मक कौशल का विकास देर से हो सकता है।
  • संक्रमण का प्रसार – अनुपचारित संक्रमण या जिन संक्रमण पर उपचार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, वे आस-पास के ऊतकों में फैल सकते हैं। कान के पीछे एक उभरी हुई हड्डी (मास्टॉइड) में होने वाले संक्रमण को मास्टॉइडिसिस (Mastoiditis) कहा जाता है। इस संक्रमण से हड्डी को नुकसान हो सकता है और मवाद से भरी गांठों का निर्माण हो सकता है। मध्य कान का गंभीर संक्रमण मस्तिष्क सहित खोपड़ी के अन्य ऊतकों में बहुत ही कम मामलों में फैलता है।
  • कान के परदे का फटना – ज्यादातर मामलों में कान का क्षतिग्रस्त पर्दा 72 घंटों के भीतर ठीक हो जाता है। कुछ मामलों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।


संदर्भ

  1. National Health Service [Internet] NHS inform; Scottish Government; Middle ear infection (otitis media).
  2. The Johns Hopkins University. [Internet]. Baltimore, United States; Otitis Media.
  3. National Institutes of Health [Internet]. U.S. Department of Health & Human Services; Otitis Media.
  4. National Institutes of Health [Internet]. U.S. Department of Health & Human Services; Ear Infections in Children.
  5. Office of Disease Prevention and Health Promotion. [Internet]. U.S. Department of Health and Human Services. Evidence-Based Resource Summary.

कान में इन्फेक्शन (ओटाइटिस मीडिया) के डॉक्टर

Dr. Anu Goyal Dr. Anu Goyal कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
25 वर्षों का अनुभव
Dr. Manish Gudeniya Dr. Manish Gudeniya कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
8 वर्षों का अनुभव
Dr. Manish Kumar Dr. Manish Kumar कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
17 वर्षों का अनुभव
Dr. Oliyath Ali Dr. Oliyath Ali कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
7 वर्षों का अनुभव
डॉक्टर से सलाह लें

कान में इन्फेक्शन (ओटाइटिस मीडिया) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Ear Infection (Otitis Media) in Hindi

कान में इन्फेक्शन (ओटाइटिस मीडिया) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।