इबोला वायरस क्या है?
इबोला और मारबर्ग वायरस एक जैसे वायरस हैं जिनके संक्रमण से रक्तस्राव वाला (हेमरेजिक) बुखार हो सकता है। इनसे होने वाली बीमारी में अत्यधिक रक्तस्राव होता है, शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं और ज्यादातर रोगी की मृत्यु हो सकती है। ये दोनों वायरस अफ्रीका में जन्मे हैं, जहाँ कई दशकों से इस बीमारी का छिटपुट प्रकोप होता रहा है।
इबोला और मारबर्ग वायरस जानवरों के शरीर में रहते हैं और संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से यह बीमारी हो सकती है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खून, पसीना, आदि शरीर के या इससे निकलने वाले तरल पदार्थों (बॉडी फ्लूइड) या दूषित सुई के संपर्क में आने से यह बीमारी हो सकती है।
अब तक इन दोनों में से किसी भी वायरस के इलाज की दवा नहीं बनी है। इबोला या मारबर्ग वायरस से पीड़ित व्यक्ति में इस संक्रमण के कारण पैदा हुए मुश्किलों का ही इलाज हो पता है। वैज्ञानिक इन खतरनाक बीमारियों के इलाज की दवा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।