प्लीहा को हिंदी में “तिल्ली” भी कहा जाता है, और अंग्रेजी में “स्प्लीन” (spleen) कहा जाता है। यह एक आतंरिक अंग है जो बाईं ओर पसलियों के नीचे होता है।
इन्फेक्शन, लिवर की बीमारी और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं से स्प्लीन बढ़ने की समस्या हो सकती है जिसे "स्प्लेनोमेगली" (splenomegaly) भी कहा जाता है।
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अधिकतर लोगों को बढ़े हुए स्प्लीन के कारण कोई लक्षण नज़र नहीं आते। ज़्यादातर इस समस्या का पता शारीरिक जाँच के दौरान चलता है। डॉक्टर को वयस्क लोगों (यदि वे बहुत पतले नहीं हैं) में हाथ लगाने पर एक सामान्य आकार की स्वस्थ तिल्ली महसूस नहीं होती, मगर बढ़ी हुई तिल्ली बढ़ी हुई तिल्ली महसूस हो जाती है। यदि डॉक्टर को लगता है की आपकी प्लीहा बढ़ा हुई है, तो वह आपको इमेजिंग व रक्त जाँच कराने के लिए कहेंगे जिससे उसके बढ़ने का कारण का पता लगाया जा सके।
बढ़ी हुई तिल्ली के उपचार का मुख्य उद्देश्य इसके होने के कारण को ठीक करना होता है। सर्जरी साधारण तौर पर इसका पहला उपचार नहीं है मगर कुछ परिस्थितियों में की जा सकती है।