फ्रीमैन-शेल्डन सिंड्रोम को (एफएसएस) को 'विसलिंग फेस सिंड्रोम', 'विंडमिल-वेन-हैंड सिंड्रोम', 'क्रैनियोकार्पोटारसल डिसप्लेसिया' और 'डिस्टल आर्थ्रोग्रिपोसिस टाइप 2' के नाम से भी जाना जाता है।
इस सिंड्रोम में हड्डियां, जोड़, सिर और चेहरे का विकास प्रभावित होता है। यह पुरुष और महिलाओं दोनों को समान रूप से प्रभावित करता है। एफएसएस के लक्षण बच्चे के जन्म के समय से ही दिखाई देने लगते हैं, इसमें जोड़ों में लचीलापन, रीढ़ में असामान्यता, चेहरे की बनावट सामान्य ना होना इत्यादि शामिल हैं।
(और पढ़ें - हड्डियों को मजबूत बनाने के उपाय)