गैंग्रीन का इलाज कैसे किया जाता है?
गैंग्रीन के कारण जो ऊतक नष्ट हो चुके हैं, उनको फिर से सामान्य नहीं किया जा सकता लेकिन कुछ उपाय करके बचे हुऐ स्वस्थ ऊतकों में गैंग्रीन होने से बचाव किया जा सकता है। गैंग्रीन की गंभीरता पर निर्भर करते हुऐ आपके डॉक्टर कई अलग-अलग उपचार तरीकों में से कोई एक चुन सकते हैं।
यदि शरीर के किसी हिस्से में पर्याप्त मात्रा में खून ना पहुंच पाने के कारण गैंग्रीन हुआ है, तो रक्त वाहिकाओं को ठीक करने के लिए ऑपरेशन करना पड़ सकता है। यदि गैंग्रीन किसी प्रकार के संक्रमण के कारण हुआ है, तो उसका इलाज करने के लिए शक्तिशाली एंटीबायोटिक्स दी जाती है और ऑपरेशन का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
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ऑपरेशन:
नष्ट हुऐ ऊतकों को निकालने के लिए डॉक्टर सर्जरी कर सकते हैं, ऐसा करने से गैंग्रीन फैलने से रुक जाता है और क्षतिग्रस्त ऊतक ठीक होने लग जाते हैं। यदि संभव होता है तो सर्जरी के दौरान डॉक्टर क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाओं को ठीक कर देते हैं, जिससे प्रभावित क्षेत्र में रक्त का बहाव सुधर जाता है। सभी नष्ट हुऐ ऊतकों को निकालने के लिए कभी-कभी एक से अधिक बार सर्जरी करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
यदि रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी (फिर से जोड़ने की प्रक्रिया) की आवश्यकता पड़ती है, तो डॉक्टर गैंग्रीन के कारण क्षतिग्रस्त हुई त्वचा को ठीक करने के लिए स्किन ग्राफ्ट (Skin Graft) प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हैं। स्किन ग्राफ्ट प्रक्रिया में डॉक्टर शरीर के किसी अन्य हिस्से से त्वचा को निकालते हैं और प्रभावित क्षेत्र में उसका प्रत्यारोपण कर देते हैं। त्वचा अक्सर ऐसी जगह से निकाल कर लगाई जाती है, जो कपड़ों के नीचे छिपी रहती है। इस त्वचा को पट्टी बांधकर या टांके आदि लगा कर प्रभावित त्वचा से चिपका दिया जाता है। स्किन ग्राफ्ट सिर्फ तब की जा सकती है जब प्रभावित क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में खून पहुंच रहा हो।
कुछ गंभीर मामलों में गैंग्रीन जिसमें हाथों या पैरों की उंगली बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाती है और सर्जरी की मदद से उसे काटकर शरीर से अलग करना पड़ता है। कुछ मामलों में क्षतिग्रस्त अंग को निकाल कर कृत्रिम अंग भी लगाया जा सकता है।
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एंटीबायोटिक दवाएं:
यदि गैंग्रीन किसी प्रकार के संक्रमण के कारण हुआ है या गैंग्रीन से प्रभावित हिस्सा संक्रमित हो गया है, तो उसका इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं। एंटीबायोटिक दवाओं को नसों के द्वारा (इंट्रावेनस) या मुंह के द्वारा (ओरल) लिया जा सकता है।
यदि नष्ट हुऐ ऊतकों को निकालने के लिए सर्जरी करवानी पड़ रही है, तो डॉक्टर आपके लिए कुछ एंटीबायोटिक दवाएं लिख सकते हैं। जब तक संक्रमण ठीक नहीं हो जाता डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स जारी रखने का सुझाव देते हैं। जब तक आप हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी को पूरा नहीं कर लेते डॉक्टर तब तक आपको एंटीबायोटिक दवाएं लेने को कह सकते हैं।
हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी:
सर्जरी और एंटीबायोटिक दवाओं के अलावा गैंग्रीन का इलाज करने के लिए हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ा दिया जाता है और ऑक्सीजन के स्तर को भी बढ़ा दिया जाता है, ऐसा करने से खून अधिक मात्रा में शरीर के सभी हिस्सों तक ऑक्सीजन पहुंचा पाता है। खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने पर बैक्टीरिया तेजी से नहीं बढ़ पाते हैं, क्योंकि वे ऑक्सीजन की गैर मौजूदगी में ही तेजी से विकसित होते हैं। ऑक्सीजन घाव को जल्दी भरने में भी मदद करती है।
यह थेरेपी करने के लिए आपको एक विशेष मशीन में बैठा या लेटा दिया जाता है। इस मशीन में एक गद्देदार मेज होती है, जो एक ट्यूब में चली जाती है। इस ट्यूब के अंदर बाहरी वातावरण के मुकाबले अधिक मात्रा में प्राकृतिक ऑक्सीजन होती है और ट्यूब के अंदर का वायु दाब भी बाहरी वातावरण के मुकाबले थोड़ा अधिक होता है। गैस गैंग्रीन के लिए हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी का समय अक्सर 90 मिनट होता है, आपको यह प्रक्रिया एक दिन में कई बार करवानी पड़ सकती है।
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अन्य इलाज:
रक्त के बहाव को ठीक करने के लिए अक्सर वास्कुलर सर्जरी की जाती है, जिसमें बाईपास सर्जरी और एंजियोग्राफी आदि शामिल हैं। कुछ मामलों में खून के थक्के बनने से बचाव करने के लिए कुछ दवाएं भी लिखी जा सकती हैं।
गैंग्रीन के अन्य उपचारों में तरल पदार्थ पीना, पोषक तत्वों का सेवन करना और दर्द व तकलीफ से राहत पाने के लिए दवाएं लेना आदि शामिल है।
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