हिर्सुटिज्म - Hirsutism in Hindi

Dr. Archana NirulaMBBS,PG Diploma

June 28, 2017

January 31, 2024

हिर्सुटिज्म
हिर्सुटिज्म

अधिकतर महिलाओं को चेहरे पर बारीक, स्किन की कलर के और बहुत कम नजर आने वाले बाल होते हैं. वहीं, जब ये बाल मोटे होने के साथ ही दूर से नजर आने लगते हैं, तो इस स्थिति को हिर्सुटिज्म कहा जाता है. यह ऐसी स्थिति है, जब महिलाओं को उन जगहों पर बहुत बाल उगने लगते हैं, जहां पुरुषों को बाल उगते हैं. ये बाल मोटे और गहरे रंग के होते हैं.

ऐसा एंड्रोजन नामक हार्मोन के ज्यादा होने से होता है, जो मेनोपॉज संबंधित हार्मोन बदलाव है. ऐसा एड्रेनल ग्लैंड या ओवरी के डिसऑर्डर की वजह से भी हो सकता है. हिर्सुटिज्म का मुख्य लक्षण मोटे और गहरे रंग के बाल हैं, जो चेहरे, चेस्ट व पीठ आदि पर नजर आते हैं. इसे शेविंग व वैक्सिंग के साथ-साथ स्पिरोनोलैक्टोन जैसी कुछ दवाओं के जरिए भी ठीक किया जा सकता है.

आज इस लेख में हम हिर्सुटिज्म के कारण, लक्षण व उपचार के बारे में विस्तार से बात करेंगे -

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हिर्सुटिज्म क्या है? - What is Hirsutism in Hindi

हिर्सुटिज्म ऐसी कंडीशन है, जब महिला को जरूरत से ज्यादा बाल उसके शरीर पर उगने लगते हैं. चेहरे, होंठ के ऊपरी हिस्से, ठोड़ी, चेस्ट, पेट व पीठ पर बारीक बाल की बजाय मोटे, खुरदुरे और गहरे रंग के बाल उगने लगते हैं. जाहिर सी बात है कि ऐसी स्थिति होने पर महिला को तनाव होने लगता है, लेकिन समस्या का इलाज किया जा सकता है. जिन महिलाओं को हिर्सुटिज्म की समस्या होती है, उनमें से करीब आधे में एंड्रोजेन नामक हार्मोन ज्यादा होता है.

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हिर्सुटिज्म के लक्षण - Hirsutism Symptoms in Hindi

हिर्सुटिज्म में महिलाओं के शरीर के कुछ ऐसे हिस्सों पर सख्त या गहरे रंग के बाल आते हैं, जहां आमतौर पर नहीं आने चाहिए जैसे चेहरा, छाती, पेट का निचला हिस्सा, जांघ के अंदर का हिस्सा और पीठ.

एंड्रोजन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ने पर धीरे-धीरे अन्य लक्षण विकसित हो सकते हैं. इस प्रक्रिया को विरिलाइजेशन (virilization) कहा जाता है. विरिलाइजेशन के निम्न लक्षण हो सकते हैं :

  • आवाज में भारीपन आना
  • गंजापन
  • मुंहासे
  • स्तनों का आकार कम होना
  • मांसपेशियों में वृद्धि
  • क्लाइटोरिस का बढ़ना

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हिर्सुटिज्म के कारण - Hirsutism Causes in Hindi

हिर्सुटिज्म होने के कई कारण हैं, जिनमें से एक है एंड्रोजन नामक हार्मोन का अधिक मात्रा में होना. इसके अलावा, इंसुलिन का ज्यादा स्तर भी इसका कारण है. आइए, हिर्सुटिज्म के कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

एंड्रोजेन हार्मोन

इस हार्मोन के बढ़े हुए स्तर या एंड्रोजन के प्रति हेयर फॉलिकल के ओवर सेंसिटिव होने के कारण हिर्सुटिज्म होने की आशंका रहती है.

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टेस्टोस्टेरोन

यह पुरुषों में पाया जाने वाल सेक्स हार्मोन होता है. जब महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, तो अनचाही जगह पर बालों का विकास तेज गति से होता है.

इंसुलिन का उच्च स्तर

हिर्सुटिज्म का शिकार होने का एक अन्य कारण इंसुलिन का स्तर ज्यादा होना भी है. इंसुलिन का बढ़ा हुआ स्तर ओवेरियन सेल्स को स्टिमूलेट करके एंड्रोजन हार्मोन का निर्माण करता है. यह उन महिलाओं में हो सकता है, जिन्हें मुख्य रूप से टाइप 2 डायबिटीज की समस्या होती है.

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दवाइयां

कुछ दवाएं महिलाओं के शरीर में हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे उनके चेहरे या शरीर पर अनचाहे बाल उग आते हैं. ऐसा एनाबॉलिक स्टेरॉयड नामक हार्मोन वाली दवा के कारण होता है. इसके अलावा, मिनोक्सिडिल (रोगाइन) नामक दवा के कारण भी हो सकता है.

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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)

यह स्थिति अक्सर यौवन अवस्था में शुरू होती है और इसमें महिलाओं में सेक्स हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है. कुछ वर्षों में पीसीओएस की वजह से शरीर पर धीरे-धीरे अधिक बाल आने लगते हैं, अनियमित मासिक धर्ममोटापाबांझपन और कभी-कभी अंडाशय पर कई अल्सर बनने की समस्या भी हो सकती है.

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कुशिंग सिंड्रोम

यह तब होता है, जब किसी व्यक्ति के शरीर में कोर्टिसोल (एक प्रकार का हार्मोन) का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है. यह प्रेडनिसोन जैसी दवाइयों का लंबे समय तक सेवन करने या एड्रेनल ग्रंथियों द्वारा अत्यधिक कोर्टिसोल बनने के कारण हो सकता है.

कंजेनाइटल एड्रेनल हाइपरप्लासिया

यह एक अनुवांशिक स्थिति है जिसमें एड्रेनल ग्रंथियों द्वारा कोर्टिसोल और एंड्रोजन सहित स्टेरॉयड हार्मोन का असामान्य रूप से उत्पादन होने लगता है.

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ट्यूमर 

अंडाशय या एड्रेनल ग्रंथियों में ट्यूमर भी कई बार हिर्सुटिज्म का कारण बन सकता है.

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हिर्सुटिज्म से बचाव - Prevention of Hirsutism in Hindi

आमतौर पर हिर्सुटिज्म को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन अगर आप ओवरवेट हैं, तो वजन कम करके हिर्सुटिज्म को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. यह पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की स्थिति में और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है.

हिर्सुटिज्म का उपचार - Hirsutism Treatment in Hindi

हिर्सुटिज्म के उपचार के तौर पर शेविंग, वैक्सिंग, ब्लीचिंग, इलेक्ट्रोलाइसिस से मदद मिल सकती है. आइए, हिर्सुटिज्म के उपचार के बारे में विस्तार से जानते हैं -

कम वजन

वजन कम करने से एंड्रोजन स्तर भी कम होता है और इससे अनचाहे बाल भी कम होने लगते हैं.

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शेविंग 

आप रेजर या ट्रिमर से अनचाहे बालों को आसानी से हटा सकती हैं. सख्त बाल हटाने के लिए रोज शेव करने की जरूरत पड़ सकती है. अगर शेविंग की वजह से स्किन पर जलन महसूस हो रही है तो आफ्टर शेव क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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थ्रेडिंग

बालों को जड़ से निकालने के लिए अलग-अलग तरीके अपना सकती हैं. आप चिमटी का उपयोग कर सकती हैं या फिर थ्रेड से भी बाल निकलवा सकती हैं, लेकिन इन तरीकों से दर्द और त्वचा पर लालिमा की दिक्कत हो सकती है.

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वैक्सिंग

अनचाहे बालों को जड़ से हटाने के लिए वैक्सिंग की मदद ली जा सकती है. इससे बाल लंबे समय तक नहीं आते हैं और हो सकता है कि बालों की ग्रोथ धोरे-धीरे कम हो जाए.

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क्रीम

बाजार में कुछ ऐसी क्रीम मौजूद हैं, जिनमें तेज रसायन होते हैं, इन्हें डेपिलाटोरीज कहते हैं. यह क्रीम संवेदनशील त्वचा के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं इसलिए ज्यादा मात्रा में क्रीम का उपयोग करने से पहले पैच टेस्ट कर लें. इसका मतलब है कि थोड़ी-सी क्रीम लेकर स्किन के छोटे-से हिस्से पर लगाकर देखें

इलेक्ट्रोलिसिस

आप इलेक्ट्रोलिसिस से बालों को हटा सकती हैं. यह थोड़ा महंगा हो सकता है। इसमें इलेक्ट्रिक करंट के जरिए बालों को जड़ से निकाल दिया जाता है. इसमें थोड़े-थोड़े समय में सीटिंग लेनी पड़ती है और कुछ समय बाद बाल आना बंद हो जाते हैं.

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लेजर से बाल हटाना

लेजर ट्रीटमेंट से भी बालों को हटाया जा सकता है, लेकिन इसमें आपको कई सीटिंग लेनी पड़ती हैं. यदि आपको लगता है कि आपके चेहरे या शरीर पर बहुत अधिक व मोटे बाल निकलने लगे हैं, तो आपको उपचार जानने के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए. एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (हार्मोन संबंधी विकारों के विशेषज्ञ) या त्वचा रोग विशेषज्ञ से आपको सलाह लेनी चाहिए.

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हिर्सुटिज्म के लिए दवा - Hirsutism medicines in Hindi

ऐसी दवाइयां जो एंड्रोजेन स्तर को दबा सकती हैं, उनका इस्तेमाल करने से भी हिर्सुटिज्म को ठीक किया जा सकता है. इनमें स्पिरोनोलैक्टोन व फिनास्टेराइड जैसी दवाइयां प्रमुख हैं. आइए, इन दवाओं के बारे में जानते हैं -

स्पिरोनोलैक्टोन Spironolactone

स्पिरोनोलैक्टोन (आलडैक्टोन) में एंटीएंड्रोजेनिक प्रभाव होता है. हिर्सुटिज्म के इलाज के लिए इसे सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. इसके परिणाम सामान्य हैं और इसे कम से कम 6 महीने तक इस्तेमाल करना होता है. वहीं, इसके दुष्प्रभावों में मासिक धर्म की अनियमितता शामिल है. साथ ही ये दवा जन्म दोष का कारण भी बन सकती है, इसलिए जो महिला गर्भावस्था की योजना बना रही है या गर्भवती हो, उसे ये दवा नहीं लेनी चाहिए.

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फिनास्टेराइड Finasteride

फिनास्टेराइड शरीर में एंड्रोजन के प्रभाव को ब्लॉक करने का काम करती है. इस संबंध में एनसीबीआई की साइट पर एक रिसर्च पेपर भी प्रकाशित है. इस रिसर्च में कुछ महिलाओं को शामिल किया गया और उन्हें 6 महीने तक रोज 5mg फिनास्टेराइड की डोज दी गई. इसके बाद उन महिलाओं में हिर्सुटिज्म का प्रभाव कम होने लगा.

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फ्लूटामाइड Flutamide

फिनास्टेराइड व स्पिरोनोलैक्टोन की तरह फ्लूटामाइड भी प्रभावी दवा है. इसके इस्तेमाल से भी हिर्सुटिज्म के असर को कम किया जा सकता है. यह एक नॉनस्टेरॉइडल एंटीएंड्रोजन दवा है.

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सारांश – Summary

हिर्सुटिज्म ऐसी कंडीशन है, जिसमें महिला के शरीर के उन हिस्सों पर बाल मोटे और गहरे आने लगते हैं, जहां अमूमन बाल हल्के और बारीक होते हैं. एंड्रोजन और इंसुलिन का बढ़ा हुआ स्तर हिर्सुटिज्म के कारण हैं. ये बाल चेहरे, छाती, पीठ व पेट के नीचे जैसे शरीर के हिस्सों पर दिखते हैं. शेविंग, वैक्सिंग, इलेक्ट्रोलाइसिस और कुछ खास तरह की दवा हिर्सुटिज्म के उपचार के तौर पर मददगार साबित हो सकती हैं.

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संदर्भ

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हिर्सुटिज्म की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Hirsutism in Hindi

हिर्सुटिज्म के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।