आयोडीन में कमी होने पर कौन से लक्षण विकसित होते हैं?
वजन बढ़ना:
- अस्पष्ट रूप से (जिसके कारण का ना पता हो) वजन घटना आयोडीन की कमी से होने वाले सबसे मुख्य लक्षणों में से एक है। (और पढ़ें - vajan badhane ka tarika)
- जब किसी व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म स्वस्थ होता है तो वह शरीर को उर्जा प्रदान करने के लिए कैलोरी को कम करता है। थायराइड हार्मोन की कमी के कारण होने वाली समस्या जिसको "हाइपोथायरायडिज्म" कहा जाता है, यह स्थिति व्यक्ति के मेटाबॉलिज्म की गति को धीमा कर देती है। (और पढ़ें - हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी क्या है)
- जब किसी व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, तो कैलोरी चर्बी के रूप में जमा होने लगती है जो मोटापे का कारण बनती है।
(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)
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कमजोरी महसूस होना:
- जब किसी व्यक्ति में आयोडीन की कमी हो जाती है तो उसको कमजोरी महसूस होने लगती है। उनके लिए उनके लिए ऐसी किसी भारी वस्तु को उठाना मुश्किल हो सकता है जिन्हें वे पहले आसानी से उठा लेते थे।
- किसी व्यक्ति में कमजोरी का तब पता चलता है, जब किसी व्यक्ति में पहले के मुकाबले कम ऊर्जा महसूस हो। हाइपोथायरायडिज्म किसी व्यक्ति में कैलोरी घटाने की प्रक्रिया को धीमा कर देती है जिससे शरीर में ऊर्जा भी कम होने लगती है। कम ऊर्जा का मतलब मांसपेशियों का ठीक रूप से कार्य ना कर पाना, जिस स्थिति में मरीज को कमजोरी महसूस होने लगती है। (और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के उपाय)
थकान महसूस होना:
- मेटाबॉलिक दर में गिरावट होने के कारण मरीज को थका हुआ महसूस होने लगता है। इसलिए थकान महसूस होना आयोडीन की कमी का एक संकेत है।
बाल झड़ना या कम होना:
यदि किसी व्यक्ति के बाल झड़ रहे हैं तो यह भी संभावित रूप से आयोडीन में कमी होने का एक संकेत हो सकता है।
थायराइड हार्मोन बालों के नवीनकरण (Hair renewal) को सपोर्ट प्रदान करते हैं। जब किसी व्यक्ति को हाइपोथायरायडिज्म होता है, तो उसमें थायराइड हार्मोन की कमी के कारण उनके बालों का रिन्यूवल (नए बनना) बंद हो जाता है।
(और पढ़ें - थायराइड डाइट चार्ट)
त्वचा में रूखापन:
- सूखी या पपड़ीदार त्वचा होना भी हाइपोथायरायडिज्म का संकेत हो सकता है, इसलिए यह आयोडीन में कमी के परिणाम से भी हो सकती है।
- थायराइड हार्मोन कोशिकाओं को रिन्यू (नवीनकरण) करने में भी मदद करता है। इस हार्मोन में कमी होने से कोशिकाएं नष्ट होने लगती है जिसके परिणामस्वरूप कई बार त्वचा में रूखापन या पपड़ी आने लगती है।
(और पढ़ें - रूखी त्वचा के लिए घरेलू उपाय)
ठंड लगना:
- आयोडीन की कमी से थायराइड हार्मोन की कमी हो जाती है। किसी व्यक्ति के थायराइड हार्मोन में कमी होने के कारण उसका मेटाबॉलिक रेट भी कम होने लगता है। (और पढ़ें - हार्मोन चिकित्सा कैसे होती है)
- जैसे ही उनके मेटाबॉलिज्म रेट की गति धीमी होती है, तो उनमें ऊर्जा कम बनने लगती है। ऊर्जा शरीर को गर्मी प्रदान करती है। शरीर को पूरी गर्मी ना मिलने के कारण व्यक्ति को ठंड लगने लगती है।
(और पढ़ें - थायराइड में परहेज)
हृदय की गति धीमी हो जाना:
- शरीर में आयोडीन की कमी होने पर दिल धड़कने की गति भी धीमी हो जाती है।
- जब किसी व्यक्ति के दिल धड़कने की गति धीमी होती है तो उनका सिर घूमने लगता है और उनको बीमार जैसा महसूस होने लगता है। ऐसे में वे कई बार बेहोश भी हो सकते हैं।
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सीखने व याददाश्त संबंधी समस्याएं:
- थायराइड हार्मोन मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत आवश्यक होता है, आयोडीन की कमी के कारण इस हार्मोन में कमी हो जाती है। इसके परिणामस्वरुप सीखने व समझने और याददाश्त कमजोर होने लगती हैं।
(और पढ़ें - याददाश्त बढ़ाने के घरेलू उपाय)
गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं:
- पर्याप्त मात्रा में आयोडीन प्राप्त करना किसी गर्भवती महिला के लिए थोड़ा कठिन हो सकता है। गर्भवती महिला को अपने लिए और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए आयोडीन की जरूरत पड़ती है।
- शिशु के जन्म लेने से पहले स्वस्थ रूप से विकसित होने के लिए थायराइड हार्मोन की जरूरत पड़ती है। इस हार्मोन में कमी होने से शिशु के स्वस्थ रूप से विकसित होने में भी कमी आ सकती है। यह शिशु को विकसित होने से रोक भी सकता है। (और पढ़ें - हार्मोन क्या है)
- यदि किसी गर्भवती महिला में गंभीर रूप से आयोडीन की कमी है, तो शिशु के मृत पैदा होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं।
(और पढ़ें - गर्भ में बच्चे का विकास कैसे होता है)
अनियमित मासिक धर्म या मासिक धर्म में अधिक खून आना:
गर्दन में सूजन:
- यदि किसी व्यक्ति में आयोडीन की कमी है तो उनकी गर्दन में सूजन आ सकती है। ऐसा उनकी थायराइड ग्रंथि जो गर्दन में स्थित होती है उसका आकार बढ़ने के कारण होता है।
- जब थायराइड ग्रंथि में पर्याप्त मात्रा में आयोडीन नहीं होता, तो यह खाद्य पदार्थों से और अधिक मात्रा में आयोडीन अवशोषित करने की कोशिश करती है। जिस कारण से थायराइड ग्रंथि का आकार बढ़ जाता है और गर्दन सूजी हुई दिखाई देती है।
शिशुओं में हाइपोथायरायडिज्म निम्न लक्षणों को विकसित कर सकता है:
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बच्चों और किशोरों में यह स्थिति निम्न लक्षण पैदा कर सकती है:
- ठीक से विकास ना होना
- दांत विकसित होने में देरी
- युवावस्था में देरी होना
- मानसिक विकास कम होना
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संज्ञानात्मक (कॉग्निटिव) स्थितियां:
लक्षण जिनमें निम्न शामिल हो सकते हैं:
- आईक्यू का कम स्तर
- सीखने में कठिनाई
- मानसिक विकलांगता (खासकर बच्चों में)
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डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर आपको निम्न लक्षण महसूस हो रहे हैं तो आपको डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।
- अचानक से अधिक ठंड महसूस होना जो सहन नहीं हो पा रही हो
- उनींदापन के बाद अत्यधिक थकान महसूस होना और अंत में बेहोश हो जाना
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