लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस (स्पाइन के बीच की जगह कम होना) - Lumbar Spinal Stenosis in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

December 26, 2019

March 06, 2020

लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस
लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस

लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस क्या है? 

रीढ़ की हड्डी में बीच की जगह कम होने की स्थिति को लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस कहा जाता है। इस वजह से स्पाइन से गुजरने वाली नसों पर दबाव पड़ सकता है। लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस अधिकतर कमर के निचले हिस्से और गर्दन को प्रभावित करता है। इस बीमारी से ग्रस्त कुछ लोगों में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, जबकि कुछ लोगों में दर्द, झुनझुनी, सुन्न होना और मांसपेशियों में कमजोरी जैसी समस्या हो सकती है। यह लक्षण समय के साथ बढ़ सकते हैं। स्पाइनल स्टेनोसिस ऑस्टियोआर्थराइटिस से संबंधित स्पाइन को पहुंचने वाले नुकसान के कारण ज्यादा होता है। स्पाइनल स्टेनोसिस के गंभीर मामलों में, डॉक्टर रीढ़ की हड्डी या नसों में पर्याप्त जगह बनाने के लिए सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।

लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस के लक्षण

कई लोगों में एमआरआई या सीटी स्कैन के जरिए इस बीमारी का पता चलता है, लेकिन हो सकता है कि व्यक्ति को इसके लक्षण महसूस न हों। इसके लक्षण धीरे-धीरे शुरू होते हैं और समय के साथ गंभीर रूप ले लेते हैं। इसके अलावा बीमारी के लक्षण इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस किस हिस्से को प्रभावित कर रहा है और इसकी वजह से कौन-सी नसें प्रभावित हो रही हैं। इसके लक्षणों में शामिल हैं: 

  • स्पाइन के ऊपरी हिस्से के प्रभावित होने पर: 
    • हाथ, बांह, पैर या टांग में सुन्नता या झुनझुनी महसूस होना
    • हाथ, बांह, पैर या टांग में कमजोरी
    • चलने और संतुलन बनाने में दिक्कत आना
    • गर्दन में दर्द
    • गंभीर मामलों में, आंत्र या मूत्राशय का सामान्य रूप से कार्य न करना
       
  • स्पाइन के निचले हिस्से के प्रभावित होने पर: 
    • पैर या टांग में झुनझुनी या सुन्न महसूस होना
    • पैर या टांग में कमजोरी
    • लंबे समय तक खड़े रहने या चलने पर एक या दोनों पैरों में दर्द या ऐंठन
    • पीठ दर्द

लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस के कारण 

रीढ़ की हड्डी गर्दन से लेकर पीठ के निचले हिस्से तक होती है। स्पाइन की हड्डियां रीढ़ की नलिका (स्पाइनल कनाल) बनाती हैं जो कि रीढ़ की हड्डी (तंत्रिकाओं) को सुरक्षा प्रदान करती है। कुछ लोगों में जन्म से ही रीढ़ की नलिका छोटी होती है, लेकिन ज्यादातर स्पाइनल स्टेनोसिस के मामले तब होते हैं जब किसी वजह से रीढ़ की हड्डी के बीच की जगह कम होने लगती है।

लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस का निदान

  • एक्स-रे:
    एक्स-रे में एक विशेष मशीन की मदद से शरीर के अंदरूनी अंगो की तस्वीरें ली जाती हैं। इससे हड्डियों की संरचना, ढांचा और जोड़ों की स्थिति का पता चल सकता है।
     
  • सीटी स्कैन या सीएटी स्कैन:
    इसमें रीढ़ नलिका के आकार और आकृति एवं उसमें मौजूद पदार्थ तथा उसके आसपास की संरचना की गहराई से जानकारी मिलती है। ये तस्वीरें सामान्य एक्स-रे से मिली तस्वीरों से ज्यादा अच्छे तरीके से जानकारी देती हैं।
     
  • एमआरआई स्कैन:
    एमआरआई स्कैन शक्तिशाली मैगनेट और कंप्यूटर का प्रयोग कर रीढ़ की हड्डी, नसों की रूट और आसपास के हिस्सों को दिखाता है। इसके साथ ही हड्डी का बढ़ना, उसे नुकसान पहुंचने या ट्यूमर का पता भी चल सकता है।

लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस से जुड़ी जटिलताएं 

यदि लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस के गंभीर मामलों का समय पर इलाज न किया जाए तो ये बढ़ सकता है और स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी वजह से निम्न समस्याएं हो सकती हैं।

लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस का इलाज

  • दवाइयां
  • फिजिकल थेरेपी 
    इस बीमारी से ग्रस्त लोगों में दर्द की वजह से हिलने-डुलने में परेशानी आना सामान्य बात है। लेकिन इसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक दर्द हो सकता है।

ऐसे में आपको फिजिकल थेरेपिस्ट कुछ ऐसे व्यायाम बता सकते हैं जो आपकी स्थिति में मददगार साबित हों। एक्सरसाइज से मांसपेशियों को मजबूती मिल सकती है और उनकी क्षमता बढ़ सकती है। रीढ़ की हड्डी में लचीलापन और स्थिरता बनाए रखना एवं संतुलन बनाने में सुधार आता है।

  • सर्जरी
    यदि अन्य उपचारों से फायदा नहीं हो रहा है तो ऐसे में डॉक्टर सर्जरी करने की सलाह दे सकते हैं। सर्जरी में रीढ़ की नलिका के अंदर पर्याप्त जगह बनाई जाती है, जिसके बाद रीढ़ की हड्डी या नसों की रूट (जड़ों) पर पड़ रहा दबाव कम होता है।

हमारे शरीर में रीढ़ की हड्डी बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इसी की मदद से हम अपने अधिकतर काम कर पाते हैं। इसलिए रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। बेहतर होगा कि इस बीमारी से बचने के लिए आप पहले से ही सावधानी बरतना शुरू कर दें।



लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस (स्पाइन के बीच की जगह कम होना) के डॉक्टर

Dr. Pritish Singh Dr. Pritish Singh ओर्थोपेडिक्स
12 वर्षों का अनुभव
Dr. Vikas Patel Dr. Vikas Patel ओर्थोपेडिक्स
6 वर्षों का अनुभव
Dr. Navroze Kapil Dr. Navroze Kapil ओर्थोपेडिक्स
7 वर्षों का अनुभव
Dr. Abhishek Chaturvedi Dr. Abhishek Chaturvedi ओर्थोपेडिक्स
5 वर्षों का अनुभव
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लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस (स्पाइन के बीच की जगह कम होना) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Lumbar Spinal Stenosis in Hindi

लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस (स्पाइन के बीच की जगह कम होना) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

दवा का नाम

कीमत

₹650.0

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