मिडरियासिस होना क्या है?
मिडरियासिस एक ऐसी समस्या है, जिसमें आंखों की पुतली फैल जाती है। आंख के सफेद हिस्से के बीच मौजूद काले भाग को आंखों की पुतली कहा जाता है। ये पुतली बाहर से रौशनी लेती है और रेटिना के पास भेजती है ताकि हम देख पाएं। सामान्य तौर पर, कम रौशनी में आंखों की पुतली फैल जाती है ताकि ज्यादा से ज्यादा रौशनी आंख के अंदर जा सके। कभी-कभी पुतली सामान्य रौशनी में भी अपने आप फैलने लगती है, जिसे मिडरियासिस कहते हैं।
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मिडरियासिस के लक्षण क्या हैं?
मिडरियासिस का मुख्य लक्षण होता है आंख की पुतलियों का फैल जाना और बड़ा-छोटा न हो पाना। आंख की पुतली फैल जाती है, तो हमारी आंख रौशनी के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है। इसके कारण व्यक्ति को धुंधला दिखना और माथे व आंखों के पास संकुचन महसूस होने लगता है। इसके अलावा कभी-कभी व्यक्ति को सिरदर्द, चक्कर आना, आंख में समस्याएं महसूस होना और सोने में परेशानी जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। आंख की पुतली को घुमाने में दिक्कत और पलकों का अपने आप बंद होना इस बात का संकेत हो सकता है कि आंख की नस को नुकसान पहुंचने के कारण मिडरियासिस की समस्या हो रही है।
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मिडरियासिस क्यों होता है?
मिडरियासिस होने के बहुत से कारण हो सकते हैं। आंख पर चोट लगना एक मुख्य कारण है, जिसकी वजह से पुतलियां फैल जाती हैं। ऑक्सीटोसिन ऐसा हॉर्मोन होता है, जो व्यायाम करने या लोगों के साथ सामाजिक व शारीरिक संपर्क में आने से शरीर में बनता है। अगर ये हार्मोन अधिक हो जाए, तो आंखों की पुतलियां फैल जाती हैं। जो लोग ड्रग्स लेते हैं, उन्हें भी मिडरियासिस की समस्या हो सकती है। इसके अलावा कुछ मामलों में आंख की नसों को नुकसान होना या मस्तिष्क पर चोट लगने के कारण मिडरियासिस होता है।
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मिडरियासिस का इलाज कैसे होता है?
मिडरियासिस का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है और इलाज में आंख के सब कार्यों को सुरक्षित रखने का प्रयास किया जाता है। जैसे, अगर किसी दवा से रिएक्शन के कारण मिडरियासिस हुआ है, तो डॉक्टर मरीज को कुछ समय इंतजार करने की सलाह देते हैं ताकि पुतली अपने आप सामान्य हो जाए। अगर दिमाग या आंखों की चोट के कारण मिडरियासिस हुआ है, तो ज्यादा तीव्र उपचार का उपयोग किया जाता है। कुछ दुर्लभ मामलों में, आंख के अंदरूनी अंगों और नसों के नुकसान को ठीक करने के लिए व्यक्ति की सर्जरी भी की जा सकती है। सर्जरी के बाद आंख सही हो जाने तक व्यक्ति को आंख पर पैच पहनने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा मिडरियासिस के लिए ऐसी दवाओं का उपयोग भी किया जा सकता है जिनसे ग्लूकोमा में पुतलियों का संकुचन ठीक किया जाता है।
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