नेक्रोटाइजिंग फैसीसाइटिस एक दुर्लभ और घातक जीवाणु संक्रमण है जो पूरे शरीर के सॉफ्ट टिश्यृ को प्रभावित करता है। इस बीमारी के कारण मुख्य रूप से त्वचा के नीचे के ऊतक और मसल फेशिया प्रभावित होती हैं। संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया छोटे कट, चोट और यहां तक कि इंजेक्शन लगे स्थानों के माध्यम से भी शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और तेजी से फैलने लगते हैं। नेक्रोटाइजिंग फैसीसाइटिस को इसके शाब्दिक अर्थ के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है। नेक्रोटाइज़िंग का मतलब है मौत का कारण और फेशिया का अर्थ है त्वचा के नीचे और मांसपेशियों, नसों तथा रक्त वाहिकाओं के आसपास के ऊतक। नेक्रोटाइजिंग फैसीसाइटिस की स्थिति में आस-पास के ऊतक संक्रमित होकर मृत होने लग जाते हैं, इसी वजह से इसे फ्लेश ईटिंग डिजीज के नाम से भी जाना जाता है।
नेक्रोटाइजिंग फैसीसाइटिस कई अलग-अलग बैक्टीरिया के कारण हो सकता है। हालांकि, स्ट्रेप्टोकोकस ऑरियस या स्ट्रेप्टोकोकस प्योजेनेस बैक्टीरिया को इसका मुख्य कारक माना जाता है। चूंकि इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षण अस्पष्ट होते हैं, इस वजह से इसका निदान करना काफी मुश्किल हो जाता है। नेक्रोटाइजिंग फैसीसाइटिस का संक्रमण किसी को भी हो सकता है। हालांकि, जिन लोगों को मधुमेह, किडनी की बीमारी, लिवर सिरोसिस और कैंसर की समस्या होती है, उन लोगों में इसका खतरा अधिक होता है। इसके अलावा बहुत अधिक शराब पीने वाले अथवा इंट्रावेनस ड्रग्स (नशीली दवाओं का इस्तेमाल) करने वालों में भी संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है।
इस लेख में हम नेक्रोटाइजिंग फैसीसाइटिस के लक्षण, कारण और इसके इलाज की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।