ऑक्सीडेटिव तनाव से बचना मुश्किल है। हालांकि, कुछ ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं, जिनसे शरीर पर ऑक्सीडेटिव तनाव के प्रभावों को कम किया जा सके। इसके प्रबंधन में एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढ़ाना शामिल है, जिससे मुक्त कणों की संख्या में कमी आ सकती है।
ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकने का एक तरीका यह है कि आहार में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट लिया जाए। इसके लिए दिन में पांच बार अलग-अलग तरह के फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए, इससे शरीर को एंटीऑक्सीडेंट का उत्पादन करने में मदद मिल सकती है। ऐसे फल और सब्जियों के उदाहरणों में जामुन, चेरी, खट्टे फल, आलूबुखारा, गहरे हरे रंग का पत्तेदार साग, ब्रोकली, गाजर, टमाटर, जैतून शामिल हैं। आहार संबंधी एंटीऑक्सीडेंट स्रोतों के अन्य उदाहरणों में मछली और नट्स्, विटामिन ई, विटामिन सी, हल्दी, ग्रीन टी, मेलाटोनिन, प्याज, लहसुन, दालचीनी शामिल हैं।
इसके अलावा जीवनशैली में बदलाव करके भी ऑक्सीडेटिव तनाव को रोका जा सकता है या कम किया जा सकता है।
नियमित रूप से मध्यम तीव्रता के व्यायाम करें। इससे प्राकृतिक तौर पर एंटीऑक्सीडेंट मिलता है और यह ऑक्सीडेटिव तनाव की वजह से होने वाले नुकसान को भी कम करता है।
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धूम्रपान न करें और धूम्रपान कर रहे लोगों के बीच रहकर उनके धुंए के संपर्क में न आएं।
रसायनयुक्त चीजों का इस्तेमाल न करें। रेडिएशन के संपर्क में न रहें। इसके अलावा पेस्टिसाइड या बागवानी में उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक के संपर्क में न रहें।
सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। सनस्क्रीन आपकी त्वचा को पराबैंगनी रोशनी से होने वाले नुकसान से बचाता है।
शराब का सेवन कम करें, नींद पूरी लें और ओवरईटिंग से बचें। अध्ययनों से पता चला है कि कम मात्रा में व थोड़ी-थोड़ी देर पर खाने वालों के मुकाबले उन लोगों में जो ज्यादा व लगातार भोजन करते हैं उनमें ऑक्सीडेटिव तनाव का जोखिम बना रहता है।
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