पैरॉक्सिस्मल नेक्स्टर्नल हीमोग्लोबिनुरिया (पीएनएच) क्या है?
पीएनएच खून से संबंधित एक दुर्लभ रोग है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं एक दूसरे से अलग हो जाती हैं। डॉक्टर इसे "हेमोलिसिस" कहते हैं। ऐसा तब होता है जब किसी व्यक्ति की रक्त कोशिकाओं की सतह पर से एक विशेष प्रोटीन गायब हो जाता है, ये प्रोटीन रक्त कोशिकाओं को शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से बचाता है।
ये लाल रक्त कोशिकाएं जब एक दूसरे से अलग हो जाती हैं, तो अंदर हीमोग्लोबिन रिलीज होता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं का लाल हिस्सा होता है, जो शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन पहुंचाता है। हीमोग्लोबिन के रिलीज होने की वजह से पीएनएच के कई लक्षण सामने आ सकते हैं।
पीएनएच किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है, लेकिन ज्यादातर 30 व 40 की उम्र के आस-पास के लोगों में यह बीमारी देखी जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि हर साल अमेरिका में 400 से 500 मामलों का निदान किया जाता है।
पीएनएच को समझने के लिए, पहले यह जानना जरूरी है कि प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे काम करती है व अस्थि मज्जा कैसे रक्त बनाती है।
पीएनएच का मतलब
इसका पूरा नाम है - पैरॉक्सिस्मल नेक्स्टर्नल हीमोग्लोबिनुरिया
- पैरॉक्सिस्मल का अर्थ है "अचानक और अनियमित"
- नेक्स्टर्नल का अर्थ है "रात में"
- हीमोग्लोबिनुरिया का अर्थ है "पेशाब में खून"
पीएनएच के लक्षण
पीएनएच को ये नाम अपने एक लक्षण के कारण मिला है। इसमें रात या सुबह के समय पेशाब में गहरा खून आता है। पैरॉक्सिस्मल नेक्स्टर्नल हीमोग्लोबिनुरिया के नाम से ही पता चलता है कि इसमें "अचानक", "रात में" "पेशाब में खून" आता है। ऐसा पीएनएच से ग्रस्त करीब 50 फीसदी लोगों में होता है। इस रोग के लक्षण निम्न कारणों से हो सकते हैं:
- लाल रक्त कोशिकाओं का एक दूसरे से अलग होना
- कम मात्रा में लाल रक्त कोशिकाएं (जो एनीमिया पैदा कर सकती हैं)
- नसों में खून के थक्के जमना
कुछ लोगों में बहुत ज़्यादा लक्षण दिख सकते हैं और कुछ लोगों में लक्षण कम दिखाई देते हैं। आमतौर पर, शरीर में जितनी अधिक दोषपूर्ण रक्त कोशिकाएं होती हैं, उतना ही ज्यादा पीएनएच प्रभावित करेगा।
लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने और एनीमिया की वजह से निम्न संकेत मिल सकते हैं:
- थकान और कमजोरी महसूस होना
- सिरदर्द
- सांस लेने में दिक्कत
- अनियमित धड़कन
- पेट दर्द
- निगलने में कठिनाई
- रूखी या पीली त्वचा
- आसानी से खरोंच लगना
- पुरुषों में इरेक्शन की परेशानी
पीएनएच का इलाज
पीएनएच के इलाज में इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जाना शामिल है। फिलहाल इसका इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि लक्षण व बीमारी कितनी गंभीर रूप ले चुकी है। यदि किसी व्यक्ति में एनीमिया के कुछ लक्षण हैं, तो उसे निम्न चीजों की आवश्यकता पड़ सकती है:
- फोलिक एसिड, जो अस्थि मज्जा (बोन मैरो) को सामान्य रक्त कोशिकाएं बनाने में मदद करता है।
- लाल रक्त कोशिकाएं बनाने के लिए आयरन सप्लीमेंट।
अन्य उपचारों में शामिल हैं:
- खून चढ़ाना:
इस प्रक्रिया में बीमारी या चोट के बाद शरीर में खून चढ़ाया जाता है। ये एनीमिया के इलाज में मददगार है।
- बोन मैरो स्टेम सेल ट्रांसप्लांट:
यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जो क्षतिग्रस्त या रोगग्रस्त अस्थि मज्जा को शरीर में स्वस्थ रक्त बनाने वाली स्टेम कोशिकाओं में बदलता है। यह प्रक्रिया पीएनएच का एकमात्र इलाज है। इसमें भाई या बहन से स्टेम कोशिकाओं ले सकते हैं।