पोलैंड सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में एक तरफ की मांसपेशियों के विकास में कमी आ जाती है। यह मुख्य रूप से छाती को प्रभावित करता है, यानी इस स्थिति में छाती की मांसपेशियां अनुपस्थिति या अविकसित रह जाती हैं।
पोलैंड सिंड्रोम का नाम ब्रिटिश सर्जन सर अल्फ्रेड पोलैंड के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इस स्थिति की पहचान की थी। पोलैंड सिंड्रोम को पोलैंड एनोमली या पोलैंड सिक्वेंस भी कहा जाता है।
इस दुर्लभ स्थिति को पहली बार 19वीं शताब्दी में पहचाना गया था। नेशनल ह्यूमन जीनोम रिसर्च इंस्टीट्यूट (NHGRI) के अनुसार 10,000 से लेकर 1,00,000 लोगों में से किसी एक को यह बीमारी होती है। वैसे तो यह स्थिति जन्मजात है, लेकिन बहुत से लोग इसकी पहचान युवावस्था में कर पाते हैं। दूसरी तरफ अमेरिका के नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन का अनुमान है कि यह बीमारी 20,000 बच्चों में से एक को होती है।
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