पोलिमेल्जिया रूमेटिका (मांसपेशियों में दर्द और अकड़न) - Polymyalgia Rheumatica in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

December 11, 2019

January 30, 2024

पोलिमेल्जिया रूमेटिका
पोलिमेल्जिया रूमेटिका

पोलिमेल्जिया रूमेटिका क्या है?

पोलिमेल्जिया रूमेटिका एक ऐसा विकार है, जिसमें मांसपेशियों में दर्द (विशेष रूप से कंधों में) और अकड़न होती है। पोलिमेल्जिया रूमेटिका के लक्षण और संकेत आमतौर पर जल्दी दिखने शुरू हो जाते हैं और सुबह के समय लक्षण और ज्यादा गंभीर रूप ले लेते हैं। पोलिमेल्जिया रूमेटिका ज्यादातर 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। यह दुर्लभ ही 50 साल से कम उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। यह स्थिति एक अन्य सूजन-संबंधी विकार से जुड़ी है, जिसे 'जायंट सेल आर्टेराईटिस' कहा जाता है, जिसमें सिरदर्द, देखने में परेशानी, जबड़े में दर्द और  त्वचा पर छूने पर दर्द हो सकता है।

पोलिमेल्जिया रूमेटिका के लक्षण

पोलिमेल्जिया रूमेटिका के लक्षण जल्दी बढ़ने लगते हैं। इसमें मांसपेशियों में दर्द के अलावा अन्य लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  • कंधों और कूल्हों के आसपास छूने पर दर्द महसूस होना, विशेष रूप से सुबह के समय और आराम करने के बाद
  • कमजोरी
  • थकान
  • अक्सर बीमार महसूस करना
  • हल्का बुखार (कभी-कभी)
  • वजन कम होना
  • डिप्रेशन

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए

यदि आपको पहली बार मांसपेशियों में दर्द या जकड़न महसूस हो, इसकी वजह से नींद आने में दिक्कत हो रही हो और सामान्य गतिविधियां (जैसे कि कपड़े पहनना) करने में दिक्कत आ रही हो तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए। 

पोलिमेल्जिया रूमेटिका के कारण

डॉक्टर्स को पोलिमेल्जिया रूमेटिका के सटीक कारण के बारे में अभी पता नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि इस स्थिति के विकास में दो कारक शामिल हो सकते हैं:

  • जेनेटिक: कुछ प्रकार के जीन और जीन में भिन्नता होने से इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
  • पर्यावरणीय: पोलिमेल्जिया रूमेटिका के नए मामले संभवतः हर बार मौसम बदलने पर सामने आते हैं। डॉक्टर्स मानते हैं कि पर्यावरणीय कारण में कोई वायरस, इस बीमारी को विकसित करने में अहम भूमिका निभा सकता है, लेकिन अभी पोलिमेल्जिया रूमेटिक पैदा करने वाले इस तरह के विशेष वायरस की पहचान नहीं हुई है।

पोलिमेल्जिया रुमेटिका का इलाज

पोलिमेल्जिया रुमेटिका का कोई विशेष इलाज नहीं है। हालांकि, इसके लक्षणों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। इन लक्षणों को कम होने में 24 से 48 घंटे लग सकते हैं। इसमें डॉक्टर सूजन को कम करने के लिए, प्रेडनिसोन जैसी कोर्टिकोस्टेरोइड वर्ग की दवाई लिख सकते हैं। इस दवा की सामान्य खुराक प्रतिदिन 10 से 30 मि.ग्रा लेनी होती है। इसके अलावा प्रभावित व्यक्ति ओवर-द-काउंटर (डॉक्टर की सलाह के बिना) दर्द निवारक दवाइयां ले सकते हैं जैसे कि इबुप्रोफेन और नेप्रोक्सेन लेकिन ये पोलिमेल्जिया रुमेटिका के लक्षणों के उपचार में प्रभावी नहीं हैं।
कोर्टिकोस्टेरोइड का लंबे समय तक उपयोग करने से गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो डॉक्टर इन समस्याओं के लिए लगातार चेकअप (मॉनिटर) कर सकते हैं। कोर्टिकोस्टेरोइड ट्रीटमेंट के दुष्प्रभाव को ठीक करने के लिए डॉक्टर इसकी खुराक में कुछ बदलाव और उपचार कर सकते हैं। इसके संभावित दुष्प्रभाव निम्नलिखित हैं:

  • वजन बढ़ना
  • हड्डियों के घनत्व में कमी और हड्डियों का कमजोर होना (ऑस्टियोपोरोसिस)
  • हाई बीपी
  • डायबिटीज 
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  • मोतियाबिंद

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पोलिमेल्जिया रूमेटिका (मांसपेशियों में दर्द और अकड़न) के डॉक्टर

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