प्रजनन प्रणाली संक्रमण क्या है?
प्रजनन प्रणाली (Reproductive system) में होने वाले संक्रमण को प्रजनन प्रणाली संक्रमण (reproductive tract infection: RTIs) कहा जाता है। इसमें यौन संचारित रोग (Sexually transmitted disease: STDs) और बिना यौन गतिविधि के प्रजनन प्रणाली में होने वाले अन्य संक्रमण को शामिल किया जाता है। योनि के अंदर रहने वाले बैक्टीरिया और जीवाणुओं की वृद्धि प्रजनन प्रणाली के अन्य संक्रमण की वजह हो सकते हैं। इसके अलावा असुरक्षित गर्भपात व डिलीवरी के कारण भी आईआट्रोजेनिक संक्रमण (iatrogenic infection) हो जाता है।
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प्रजनन प्रणाली संक्रमण के लक्षण क्या होते हैं?
महिलाओं में यह संक्रमण मुख्य रूप से निचली प्रजनन प्रणाली जैसे योनी और गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होता है। इसमें निम्न तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं।
- योनि से आसामान्य स्त्राव (डिस्चार्ज) होना (और पढ़ें - योनि से रक्तस्राव का इलाज)
- यौन अंगों में दर्द, (और पढ़ें - योनि में दर्द का इलाज)
- यौन अंगों में खुजली,
- पेशाब करते समय जलन होना,
- पेट में दर्द होना, (और पढ़ें - पेट दर्द से छुटकारा पाने के उपाय)
- अनियमित मासिक धर्म,
- मासिक धर्म में रक्त के साथ खून के थक्के आना, आदि।
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प्रजनन प्रणाली संक्रमण क्यों होता है?
बैक्टीरिया, जीवाणु और रोगाणु प्रजनन प्रणाली संक्रमण का कारण होते हैं। किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाते समय यह बैक्टीरिया या रोगाणु श्लेष्मा झिल्ली के माध्यम से शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं।
प्रजनन प्रणाली का संक्रमण मां से गर्भ में पल रहें बच्चे या जन्म लेते समय भी बच्चे को हो सकता है। इसके दुष्प्रभाव जन्म के पहले या जन्म के शुरूआती 30 दिनों में बच्चे के अंदर दिखाई देने लगते हैं।
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प्रजनन प्रणाली संक्रमण का इलाज कैसे होता है?
प्रजनन प्रणाली के संक्रमण में यौन संचारित संक्रमण जैसे क्लैमाइडिया, गोनोरिया, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हर्पिस, एचपीवी, सिफलिस आदि को शामिल किया जाता है। प्रजनन प्रणाली के संक्रमण के कारण के आधार पर इसका इलाज निर्भर करता है। हालांकि डॉक्टर व्यक्ति को एंटीबायोटिक दवाएं जैसे एजिथ्रोमाईसिन (Azithromycin), एमोक्सिलीन (Amoxicillin) और सिप्रोफ्लोक्सेसिन (Ciprofloxacin) आदि लेने की सलाह देते हैं।
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