किसी भी व्यक्ति को संपूर्ण रूप से स्वस्थ और निरोगी बनाए रखने में उसके शरीर के इम्यून सिस्टम का अहम योगदान होता है। हमारा इम्यून सिस्टम बाहर से आक्रमण करने वाले संक्रामक रोगाणुओं का पता लगाता है और उन्हें बेअसर करने में मदद करता है। जब ऐसा होता है तो इन्फ्लेमेशन यानी सूजन और जलन की घटना होती है। शरीर के किसी भी अंग की ही तरह हमारी त्वचा भी इम्यून रिस्पॉन्स यानी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देने में शामिल होती है।
जब स्किन में इन्फ्लेमेशन यानी सूजन और जलन की समस्या होती है तो प्रभावित हिस्से में रैशेज यानी चकत्ते हो जाते हैं। इन्फ्लेमेटरी स्किन डिजीज, त्वचा विज्ञान से जुड़ी सबसे कॉमन समस्या है और यह कई अलग-अलग तरह की हो सकती है। जैसे- कभी-कभार होने वाले चकत्ते, जिसमें त्वचा में खुजली होती है और प्रभावित हिस्से पर लालिमा हो जाती है या फिर त्वचा पर लंबे समय तक रहने वाली स्थिति जैसे- एक्जिमा, डर्मेटाइटिस और सोरायसिस आदि होते हैं। स्किन इन्फ्लेमेशन या त्वचा में जलन की समस्या तुरंत होने वाली बेहद तेज (अक्यूट) हो सकती है या फिर लंबे समय तक रहने वाली (क्रॉनिक)।
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अक्यूट इन्फ्लेमेशन यानी त्वचा में अभी तुरंत बहुत तेज जलन महसूस होने की समस्या धूप की यूवी किरणों के संपर्क में आने से, एलर्जी पैदा करने वाले तत्व के संपर्क में आने से या फिर किसी केमिकल (साबुन या हेयर डाई) के संपर्क में आने से हो सकती है जिससे स्किन में बहुत तेज उत्तेजना महसूस होने लगती है। इस तरह की इन्फ्लेमेशन या त्वचा में जलन की समस्या 1 या 2 हफ्ते के अंदर अपने आप ठीक हो जाती है जबकि लंबे समय तक जारी रहने वाली इन्फ्लेमेशन की समस्या की वजह से उत्तकों को गंभीर नुकसान हो सकता है।