स्किन लीजन - Skin Lesion in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

December 23, 2020

April 01, 2021

स्किन लीजन
स्किन लीजन

अमेरिकन सोसायटी फॉर डर्मेटोलॉजिकल सर्जरी के अनुसार स्किन लीजन (त्वचा क्षति) का मतलब असामान्य उभार, गांठ, छाला, फोड़ा या त्वचा का रंग बदल जाने से है। ज्यादातर स्किन लीजन या त्वचा के घाव कोई नुकसान नहीं पहुंचाते लेकिन कुछ मामलों में यह स्किन कैंसर का संकेत हो सकते हैं।

स्किन लीजन के प्रकार

स्किन लीजन को दो श्रेणियों में बांटा गया है: प्राइमरी और सेकेंडरी। 

  • प्राइमरी स्किन लीजन: यह त्वचा से जुड़ी ऐसी असामान्य स्थिति है जो जन्म के समय भी मौजूद हो सकती है या फिर व्यक्ति के जीवनकाल में बाद में कभी भी हो सकती है।
  • सेकेंडरी स्किन लीजन: यह समस्या तब होती है जब प्राइमरी स्किन लीजन के साथ छेड़खानी की जाए। उदाहरण के लिए, जब कोई व्यक्ति तिल या मस्से को तब तक खुजलाता रहे जब तक उससे खून न निकलने लगे तो ऐसे में प्रभावित हिस्से पर पपड़ी आ जाएगी और यह स्थिति सेकेंडरी स्किन लीजन के अंतर्गत आती है।

(और पढ़ें - कील मुंहासे हटाने की क्रीम)

प्राइमरी स्किन लीजन के प्रकार - Types of Primary Skin Lesions in Hindi

बर्थमार्क या पैदाइशी निशान को प्राइमरी स्किन लीजन माना जाता है। इसके अलावा तिल, मुंहासे और चकत्ते भी प्राइमरी स्किन लीजन हैं। इसके अलावा निम्नलिखित स्थितियां भी प्राइमरी स्किन लीजन के तहत आती हैं-

  • ब्लिस्टर्स (फफोले) (जिसमें तरल पदार्थ भर जाता है)
  • मैक्यूल (एक तरह के चकत्ते, चित्ती या झाइ पड़ना जो दिखने में समतल होते हैं)
  • नोड्यूल (त्वचा के अंदर होने वाली ऊतक की असामान्य वृद्धि जो दिखने में गांठ जैसी होती है)
  • पैप्यूल (यह दिखने में छोटे पिंपल की तरह होते हैं) 
  • पस्ट्यूल (छोटे फफोले या पिंपल जिनमें मवाद भरा होता है)
  • रैश (चकत्ते जो दिखने में लाल, पपड़ीदार होते हैं)

सेकेंडरी स्किन लीजन में निम्नलिखित स्थितियां आती हैं-

  • क्रस्ट (एक तरह की पपड़ी जो स्किन लीजन को खुरचने के बाद बन जाती है और सुरक्षात्मक ऊतक की तरह कार्य करती है)
  • अल्सर (एक तरह का घाव)
  • स्केल (इसमें त्वचा सूखी हुई और चिटकी हुई दिखाई दे सकती है)
  • स्कार (किसी सर्जरी, कट या चोट के बाद जो निशान रह जाते हैं उन्हें स्कार कहते हैं)

(और पढ़ें - स्कार के लिए होम्योपैथी दवा)

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स्किन लीजन के कारण क्या हैं? - Skin Lesion Causes in Hindi

स्किन लीजन का सबसे मुख्य कारण त्वचा पर या त्वचा में संक्रमण होना है। स्किन लीजन का एक उदाहरण मस्सा है। मस्सा वायरस के कारण होता है और जब पीड़ित व्यक्ति की त्वचा किसी अन्य व्यक्ति की त्वचा के सीधे संपर्क में आती है तो ऐसे में दूसरे व्यक्ति को भी मस्से की समस्या हो सकती है। तो वहीं हर्पिस सिम्प्लेक्स वायरस जिसकी वजह से 'कोल्ड सोर्स' और 'जेनिटल हर्पीस' की समस्या होती है, वह भी एक तरह का स्किन लीजन है जो सीधे संपर्क में आने के कारण फैलता है।

चिकनपॉक्स या दाद एक तरह का सिस्टेमिक इंफेक्शन है जिसकी वजह से पूरे शरीर में स्किन लीजन हो सकता है।

कई प्रकार के स्किन लीजन वंशानुगत भी होते हैं, जैसे कि तिल और चित्ती (फ्रेकल्स), यह त्वचा पर छोटे व भूरे रंग के स्पॉट होते हैं। इसके अलावा बर्थमार्क यानी पैदाइशी जन्म चिन्ह भी एक तरह का लीजन है जो जन्म के समय से ही मौजूद रहता है।

इसके अलावा अन्य स्किन लीजन किसी एलर्जी की प्रतिक्रिया की वजह से हो सकते हैं जैसे 'एलर्जिक एक्जिमा' और 'कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस'। कुछ परिस्थितियां जैसे खून का संचार सही से नहीं होना या मधुमेह की वजह से भी त्वचा संवेदनशील हो सकती है, जिसकी वजह से स्किन लीजन या घाव हो सकते हैं।

स्किन लीजन का इलाज कैसे होता है? - Skin Lesion Treatment in Hindi

स्किन लीजन का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। इसके लिए निम्न तरीके अपनाए जा सकते हैं:

  • ज्यादातर लोग उपरोक्त बताए गए लक्षणों के लिए तत्काल ट्रीटमेंट नहीं लेते हैं। हालांकि कुछ लोग ओटीसी दवाइयों की मदद लेते हैं। ओटीसी यानी ओवर द काउंटर दवाइयां जिन्हें किसी भी मेडिकल स्टोर से खरीदने के लिए डॉक्टर के पर्चे की जरूरत नहीं होती है।
  • यदि ओटीसी दवाइयों से फायदा नहीं हो रहा है तो ऐसे में व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वे त्वचा की जांच करके क्रीम, लोशन या मौखिक रूप से ली जाने वाली दवाइयां लिख सकते हैं।
  • ध्यान रहे इम्पेटिगो जो कि स्किन लीजन का एक प्रकार है इसके लिए कोई ओटीसी उपचार मौजूद नहीं हैं। ऐसे में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए डॉक्टर से बात करें।
  • खोपड़ी पर यदि रिंगवर्म की समस्या है तो ऐसे में मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत हो सकती है। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर एंटीफंगल दवा लिख सकते हैं।
  • इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को अपने शरीर में नया तिल विकसित हुआ नजर आए या मौजूदा तिल में किसी तरह का बदलाव हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। वे स्किन कैंसर के लिए टेस्ट कर सकते हैं। यदि स्किन कैंसर की पुष्टि हो जाती है तो ऐसे में डॉक्टर विकिरण थेरेपीकीमोथेरेपी आदि की मदद ले सकते हैं।