एससीएडी की समस्या किन कारणों से होती है, उस संबंध में अभी स्पष्ट रूप से बता पाना मुश्किल है. फिर भी कुछ ऐसे कारक हैं, जिसके चलते ये बीमारी परेशान कर सकती है. मुख्य रूप से यह बीमारी युवाओं और स्वस्थ महिलाओं को प्रभावित करती है. यह बीमारी उन लोगों को भी हो सकती है, जिन्हें कोई हृदय रोग नहीं है. महिलाओं में इसके मामले अधिक देखने को मिलते हैं. आइए, उन जोखिम कारकों के बारे में जानते हैं, जिनके चलते एससीएडी की समस्या हो सकती है -
हार्मोनल बदलाव
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को एससीएडी होने की संभावना अधिक होती है. इसका मुख्य कारण हार्मोनल बदलाव होना होता है. महिलाओं में हर स्थिति में हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं. मासिक धर्म के समय व पोस्ट मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होने लगता है, इस स्थिति में एससीएडी की समस्या हो सकती है.
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अधिक व्यायाम करना
जो लोग अधिक व्यायाम करते हैं, उनके कोरोनरी धमनी के अंदरुनी हिस्से के फटने की संभावना अधिक होती है. इसलिए, इन लोगों में एससीएडी की बीमारी के मामले अधिक देखने को मिलते हैं. कई बार तो इन लोगों को कोई हृदय रोग नहीं होता है, फिर भी एससीएडी हो जाता है.
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अधिक भार उठाना
अधिक भार उठाने के कारण भी एससीएडी हो सकता है. इसलिए आपको बहुत अधिक शारीरिक श्रम करने और भार उठाने से बचना चाहिए.
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खांसी या उल्टी
जब किसी व्यक्ति को बार-बार उल्टी आती है या गंभीर रूप से खांसी आती है, तो उसकी कोरोनरी धमनी का अंदरुनी हिस्सा फट सकता है. इस वजह से खांसी एससीएडी का कारण बन सकता है.
इसके अलावा, कुछ खास तरह के लोगों में स्पॉन्टेनियस कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन होने का जोखिम अधिक होता है -
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