पैरों में सूजन - Swelling in Feet in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

November 24, 2017

February 01, 2024

पैरों में सूजन
पैरों में सूजन

पैरो में सूजन क्या होती है?

एडिमा, जिसको सामान्य भाषा में 'सूजन' कहा जाता है, शरीर में कुछ उतकों में असामान्य रूप से द्रव इकट्ठा होने के कारण होता है। ये द्रव त्वचा के निचले भाग में भी इकट्ठा हो सकता है। आमतौर पर यह टांगों में ही होता है।

(और पढ़ें - पैरों में दर्द)

पैरों के सूजन, जिसको पीडल इडिमा (Pedal Edema) कहा जाता है, एक सामान्य समस्या है। हालांकि इसमें अक्सर दर्द नहीं होता, लेकिन यह कई बार कष्टदायी हो सकता है और रोजाना की गतिविधियों में रुकावटें डाल सकता है। यह रक्त संचार प्रणाली, लिम्फ नोड्स (lymph nodes), या गुर्दों से संबधित समस्याओं का संकेत हो सकता है। वृद्ध् या गर्भवती महिलाओं में यह समस्या काफी आम होती है। सूजन पैरों को हिलाने में कठिनाई पैदा कर सकती है, क्योंकि आपके पैर सुन पड़ जाते हैं। 

(और पढ़ें - पैरों में दर्द के घरेलू उपाय

पैरों में सूजन के लक्षण - Swelling in Feet Symptoms in Hindi

पैरो में सूजन के क्या लक्षण हो सकते हैं?

पैरों की सूजन के साथ निम्न लक्षण नोटिस किए जा सकते हैं:

  • सूजी हुई, तनी हुई और चमकदार त्वचा
  • अगर त्वचा को उंगली से दबाने के बाद वहां पर कुछ सेकिंड्स के लिए गड्ढा बन जाता है, (इसे पीटिंग एडिमा कहा जाता है)
  • टखनों, चेहरे व आंखों के पास फुलाव (puffiness) होना
  • शरीर के अंगों में दर्द और जोड़ो में अकड़न
  • वजन घटना या बढ़ना, (और पढ़ें - वजन बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?)

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  • हाथ व गर्दन की नसें उभरना
  • नाड़ी तेज होना और ब्लड प्रेशर बढ़ना
  • सिर दर्द
  • पेट में दर्द
  • आंत के कार्यों व समय में बदलाव
  • मतली और उल्टी
  • भ्रम (confusion) और सुस्ती
  • देखने की क्षमता में असामान्यता

पैरों में सूजन के कारण - Swelling in Feet Causes in Hindi

पैरो में सूजन के कारण व जोखिम कारक क्या हो सकते हैं?

पैरों में सूजन का सबसे आम कारण है इन्फ्लमेशन (चोट लगने पर शरीर की अपने को ठीक करने की प्रतिक्रिया, जो आम तौर से दर्द और जलन का रूप लेती है) या चोट। 

कुछ अन्य कारण इस प्रकार हैं - 

  • गुरुत्वाकर्षण (Gravity) – पैरों की सूजन अक्सर गुरुत्वाकर्षण के परिणामस्वरुप भी हो जाती है। कई घंटों तक एक ही जगह पर बैठे रहने (उदाहरण के लिए ट्रेन में बैठकर लंबा सफर करना या ऑफिस की कुर्सी पर लंबे समय तक बैठे रहना) से गुरुत्वाकर्षण के कारण द्रव नीचे पैरों की तरफ आने लगता है। इस प्रकार की पैरों की सूजन ज्यादातर शाम के समय महसूस होती है, और सुबह उठने तक हो जाती है।
  • हार्ट फेलीयर (ह्रदय का रुक जाना) – जिन लोगों का दिल कमजोर होता है, वे पूरे शरीर में रक्त को प्रभावी ढंग से पंप करने में असमर्थ होते हैं। नतीजतन, रक्त वाहिकाओं से द्रव बाहर निकलकर त्वचा के नीचे मौजूद ऊतकों में जाने लग जाता है, जिसके परिणामस्वरूप पैरों में सूजन हो जाती है। हार्ट फेलीयर के रोगियों में पैरों की सूजन की समस्या ज्यादा  गंभीर होती है, खासकर जिनके लक्षणों को ठीक तरीके से नियंत्रित नहीं किया जा रहा और पर्याप्त ईलाज नहीं मिल पा रहा।
  • खून में प्रोटीन का स्तर कम होना - कुछ मामलों में जिन लोगों के खून में प्रोटीन का स्तर कम होता है, उनके पैरों में सूजन की समस्या हो सकती है। खून में एल्बुमिन (albumin) नाम का प्रोटीन होता है, जो रक्त वाहिकाओं को द्रव अपने अंदर रखने में मदद करता है। अगर एल्बुमिन की मात्रा कम हो तो रक्त वाहिकाओं से द्रव रिसने लगता है और पैरों में सूजन आ जाती है।
  • गर्भावस्था - गर्भावस्था में पैरो में सूजन हो जाती है, जो बच्चे को जन्म देने के बाद ठीक हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि, जब गर्भाश्य का आकार बढ़ता है, तो दबाव के कारण रक्तवाहिकाएं संकुचित होने लग जाती हैं, और उनसे द्रव रिसने लग जाता है। इसके अलावा गर्भवती महिला के शरीर में खून की मात्रा बढ़ने के कारण भी यह समस्या हो जाती है।
  • लिवर व गुर्दे के रोग – जो लोग गुर्दे या किडनी के रोग से ग्रसित हैं, उनके खून में अक्सर एलब्यूमिन (प्रोटीन का एक प्रकार) कम हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि लिवर पर्याप्त मात्रा में एलब्यूमिन नहीं बना पाता और दूसरी ओर किडनी एलब्यूमिन को मूत्र (यूरिन) में मिलाकर शरीर से बाहर निकाल देती है (सामान्य स्थिति में मूत्र में एलब्यूमिन नहीं होता)।
  • खून के थक्के और ट्यूमर – जिन लोगों की टांगों में खून के थक्के जम जाते हैं, उनकी टांगों में सूजन की समस्या भी होने लग जाती है। टांगों में खून के थक्के कई कारणों से बन सकते हैं, जिनमें कई घंटों तक टांगें न हिलाना, हाल ही में फ्रैक्चर होना या रक्त के थक्के अपने आप बनना संबंधित समस्याएं शामिल हैं। जिन लोगों के पेट के अंदर कहीं ट्यूमर बन गया है, खासकर ट्यूमर अगर किसी रक्तिवाहिका को दबा रहा है, तो टांगों में सूजन आ सकती है।
  • दवाएं – कुछ प्रकार की दवाएं जैसे एंटी-हाइपरटेंसिव दवाएं (उच्च रक्तचाप विरोधी), दर्द निवारक दवाएं जैसे नॉन स्टेरॉयडल एंटी-इन्फ्लामेट्री दवाएं (ibuprofen, naproxen) और स्टेरॉयड दवाएं पैरों में सूजन पैदा कर सकती हैं। ज्यादातर मामलों में सूजन काफी हल्की होती है और मरीज को किसी प्रकार की गंभीर समस्या नहीं होती। सूजन का कारण बनने वाली दवाएं बंद करके या उनकी वैकल्पिक दवा लेने से सूजन कम की जा सकती है। (लेकिन कोई भी दवा बिना डाक्टर की सलाह के शुरू या बंद न करें।)
  • त्वचा एलर्जी और संक्रमण – कई बार त्वचा में एलर्जी या संक्रमण आदि होने से भी टांगों में सूजन आने लगती है।

अगर किसी व्यक्ति में निम्न समस्याएं हैं, तो पैर, टखना और टांग में सूजन आम हो सकती है:

  1. मोटापा
  2. वृद्धावस्था
  3. टांग में संक्रमण
  4. टांग में कोई ऐसी नस, जो खून को पूरी तरह से हृद्य में पंप नहीं कर पा रही। 

पैरों में सूजन का परीक्षण - Diagnosis of Swelling in Feet in Hindi

पैरो में सूजन का निदान कैसे किया जा सकता है?

पैरों की सूजन का निदान मरीज की पिछली मेडिकल जानकारी पर निर्भर करता है, निदान करने के लिए डॉक्टर संपूर्ण शारीरिक परिक्षण भी करते हैं।

जांच के लिए निम्न की आवश्यकता पड़ सकती है:

  • छाती का एक्स-रे,
  • पेट का अल्ट्रासाउंड टेस्ट,
  • इलेक्ट्रोलाइट विश्लेषण,
  • पैरों के अल्ट्रासाउंड,
  • लिवर कार्यों की जांच के लिए खून टेस्ट,
  • मूत्र विश्लेषण
  • मरीज के गुर्दे और लिवर कार्यों का मूल्यांकन।

यह समझना जरूरी है कि खुद एडिमा ही शारीरिक स्वास्थ्य रुकावट बन सकता है। अंतर्निहित कारण का पता लगाना महत्वपूर्ण है, ताकि उपचार का लक्ष्य विशेष रूप से उस स्थिति पर किया जा सके जो सूजन का कारण बन रही है।

पैरों में सूजन का इलाज - Swelling in Feet Treatment in Hindi

पैरों की सूजन कैसे दूर करें

पैरों में सूजन का इलाज उसके कारण पर ही निर्भर करता है।

कुछ ऐसी तकनीकें हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने पैरों की सूजन कम कर सकते हैं। लेकिन इन तकनीकों का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

  • हिलाना-डुलाना (Movement) – शरीर का जो भाग सूजा हुआ है, उसे हिलाएं, जैसे कि टांगें। ऐसा करने से उनमें जमा हुआ रक्त वापस हृदय की तरफ जाने लगता है और इससे सूजन में आराम मिलता है।
  • प्रभावित हिस्से को ऊंचाई पर रखना – दिन में कुछ समय सूजन प्रभावित हिस्सें को ह्रदय (हार्ट ) के स्तर से थोड़ी ऊंचाई वाले स्थान पर रखें। इसके साथ ही कुछ मामलों में सोते समय प्रभावित हिस्से को दिल से ऊंचाई पर रखना काफी मददगार होता है।
  • मसाज या मालिश – इसमें प्रभावित स्थान को दिल की तरफ जाने वाली रक्त की गति में सहलाना होता है, लेकिन इसे ज्यादा दबाव के साथ नहीं बल्कि आराम करना चाहिए. इसकी मदद से जमा हुए द्रव को उस जगह से हटाने में मदद मिलती है।
  • दबाव देना – जिस अंग में सूजन हो उसको दबाए रखने के लिए जुराब, मोजे, दस्ताने या स्लीव आदि पहनें। क्योकिं आम तौर पर इनको पहनने से सूजन कम होने में मदद मिलती है एवं ये सूजन को और आगे बढ़ने से रोकते हैं। इसके साथ ही साथ ये प्रभावित त्वचा के उतकों में द्रव को एकत्रित होने से रोकते हैं।
  • सावधानी - सूजन प्रभावित क्षेत्र को साफ, मॉइस्चराइज और किसी भी प्रकार की चोट से मुक्त रखें। क्योकिं सूखी और फटी त्वचा में पपड़ी और संक्रमण की ज्यादा संभावना रहती है। इसलिए अपने पैर में हमेशा सुरक्षात्मक चीजें पहनें रखें, खासकर जिस जगह पर सूजन  है।
  • नमक का सेवन कम करें – नमक द्रव के एकत्रित होने की गति को बढ़ाता है, और सूजन को बढ़ाता है।
  • नियमित रूप से व्यायाम करना - चलना और शारीरिक व्यायाम मांसपेशियों की पंप क्रिया में सुधार करती है और पैर की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। एडिमा के मरीजों को सलाह दी जाती है कि खड़े होने की अवस्था के दौरान अपने शरीर के वजन को पैर के पंजों, एड़ियों तथा उंगलियों पर बराबर बदलते रहना चाहिए।
  • वजन कम करना – शरीर का वजन कम करना, पैरों शरीर का दबाव कम करता है, जिससे सूजन जैसी समस्याएं भी कम हो जाती हैं।
  • अत्याधिक देर तक बैठे या खड़े ना रहें।
  • यात्रा के दौरान खड़े होते रहें और थोड़ा बहुत चलते रहें।
  • अत्याधिक तापमान से टांगों को बचाएं, जैसे बहुत गर्म पानी में नहाना आदि।
  • ठंडे मौसम में गर्म कपड़े पहन कर रखें।
  • मरीज को दिन में कई बार लेटना चाहिए। जब लेटे हों तब अपनी टांगों को हृदय से उपर रखें तथा घुटनों को हल्का मोड़ कर रखें।

क्या पैरों में सूजन गंभीर समस्या हो सकती है? - Is a swollen foot serious in Hindi?

सूजी हुईं एड़ियां और पैर आमतौर पर चिंता का कारण नहीं होते, खासकर यदि आप बहुत अधिक समय तक खड़े हों या फिर चल रहे हों. लेकिन अगर पैर और एड़ियां हमेशा सूजे रहते हैं तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकते हैं.

प्रेग्नेंसी के दौरान एड़ियों और पैरों पर सूजन सामान्य है लेकिन अचानक या अत्याधिक सूजन प्रीक्लेम्पसिया का संकेत हो सकता है, यह एक गंभीर स्थिति है. इसमें गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद हाई ब्लड प्रेशर या फिर मूत्र में प्रोटीन अधिक विकसित हो जाता है, जिससे प्रसव में समस्या आती है.

पैर या फिर एड़ी में चोट लगने के कारण भी सूजन आ सकती है. सबसे सामान्य है एड़ी में मोच आ जाना. जब गलती से पैर फिसल जाता तो लिगामेंट नॉर्मल रेंज से स्ट्रेच हो जाता है, इसके कारण मोच आ जाती है.

कभी-कभी सूजन, दिल, लीवर या किडनी की बीमारियों का भी संकेत हो सकती है. किडनी की बीमारी में पैर और एड़ियों में सूजन आ जाती है. जब गुर्दे ठीक से काम नहीं कर रहे होते तो शरीर में द्रव का निर्माण हो जाता है, जिससे पैरों में सूजन आ जाती है.

पैरों की सूजन के लिए क्या करें? - What to do for swollen feet in Hindi?

पैरों की सूजन के इलाज के लिए निम्न बातों पर ध्यान दें

  • रोजाना 8 से 10 ग्लास पानी पीना चाहिए: शरीर में तरल पदार्थ का ज्यादा मात्रा सूजन को कम करने में मदद करती है. जब हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो यही तरल पदार्थ शरीर तक नमी पहुंचाता है जो सूजन को कम करने में मदद करती है.
  • कंप्रेशन मोज़े इस्तेमाल करें: कंप्रेशन मोज़े किसी दवाई की दुकान पर मिल सकती है या फिर आप चाहें तो इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं. यह मोज़े 12 से 15 मिमी और 15 से 20 मिमी के मरकरी (पारा) वाला होना चाहिए. कंप्रेशन मोज़े अलग अलग वजन और कम्प्रेशन स्तर के होते हैं. बिना डॉक्टर की सलाह के ख़रीद रहे हैं तो पहले हल्के मोज़े से शुरूआत करें. बाद में जिसमें आपको आराम मिले उस तरह का कंप्रेस्ड मोज़े ले सकते हैं.
  • सेंधा नमक युक्त ठंडा पानी: सेंधा नमक मांसपेशियों के दर्द को कम करने के साथ- साथ सूजन को भी कम करता है. थ्योरी के अनुसार सेंधा नमक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर आराम पहुंचाता है. सेंधा नमक युक्त पानी में पैर को 15 से 20 मिनट तक डुबो कर रखें
  • पैर को ऊपर उठाना: सोते या लेटते समय पैर को तकिया जैसी चीजों पर दिल के लेवल से ऊपर रखें. गर्भवती महिलाएँ पैरों की सूजन कम करने के लिए दिन में कई बार अपने पैरों को ऊपर उठाएं. यह काम एक बार में लगभग 20 मिनट तक करें.
  • इधर-उधर घूमते रहें: लंबे समय तक खड़े या बैठे रहना पैरों में सूजन का कारण हो सकता है. इसलिए हर घंटे थोड़ा सा इधर-उधर घूमने की कोशिश करें. अगर ऑफ़िस में हैं तो कुर्सी पर ही बैठे बैठे ही घुटनों और टखने को हिलाते डुलाते रहें.
  • आहार में सप्लीमेंट्स: अपने आहार में मैग्नेशियम युक्त चीजें शामिल करें जैसे कि बादाम, काजू, पालक, डार्क चॉकलेट आदि . रोजाना 200 से 400 मिलीग्राम मैग्नेशियम का सेवन करने से सूजन की परेशानी से लड़ने में मदद मिल सकती है. मैग्नेशियम की खुराक सभी व्यक्ति करे लिए सही नहीं होती है खासकर तब जब आप किडनी और हार्ट की समस्या से जूझ रहे हैं. किसी भी तरह का खुराक लेने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछें.
  • आहार में परिवर्तन: सोडियम का सेवन कम करने से पैरों के साथ-साथ शरीर के सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है. खाने में सोडियम की मात्रा को कम करें
  • ज्यादा वजन: अधिक वजन होने से आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन धीमे हो जाता है जिस कारण से शरीर के निचले हिस्सों में सूजन हो सकती है. वजन कम करने से आपके पैरों में खिंचाव कम हो सकता है और संभवतः पैर की सूजन भी कम हो सकती है. डॉक्टर से इस बारे में सलाह लें.
  • पैरों की मालिश: मालिश सूजन वाले पैरों के लिए बहुत अच्छी हो सकती है. पैरों की नीचे से ऊपर की और मालिश करने से आराम मिलता है.

पैरों की सूजन ठीक होने में कितना समय लेती है? - How long does it take for swollen feet to heal in Hindi?

अक्सर लोग सूजन से घबरा जाते हैं. सूजन असल में उपचार की प्रक्रिया है. सूजन से ही शरीर को ये पता चलता है कि किस जगह माशपेशियों और कोशिकाओं को दोबारा बनने की या ठीक होने की जरूरत है. ज्यादातर मामलों में सूजन कुछ दिनों के बाद कम हो जाती है. पहले दो से चार सूजन ज़्यादा होती है उसके बाद धीरे धीरे कम होने लगती है. यदि सूजन इससे अधिक समय तक रहती है, तो आपको डॉक्टर को  दिखाना चाहिए.



संदर्भ

  1. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Swelling
  2. National Health Service [Internet]. UK; Swollen ankles, feet and legs (oedema)
  3. Emma J Topham, Peter S Mortimer. Chronic lower limb oedema. Clinical Medicine Vol 2 No 1 January/February 2002. Clin Med JRCPL 2002;2:28–31
  4. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Foot, leg, and ankle swelling
  5. Jennifer M. Vesely, Teresa Quinn, Donald Pine. Elder care: A Resource for Interprofessional Providers. University of Minnesota, University of Arizona, Health Resources and Services Administration. July 2013.
  6. Kumar Natarajan. [internet]. Chapter 72. Practical Approach to Pedal Edema.

पैरों में सूजन की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Swelling in Feet in Hindi

पैरों में सूजन के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

दवा का नाम

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₹110.0

₹65.0

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पैरों में सूजन पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 6 साल पहले

पैरों में सूजन की वजह क्या है?

Dr. Surender Kumar MBBS , सामान्य चिकित्सा

पैरों में सूजन ओवर वेट होने से, लंबे समय से बैठे या खड़े रहने से, लंबे समय से कोई दवाई जैसे स्टेरोएड, एस्ट्रोजेन और टेस्टोस्टेरोन लेने से, हार्मोनल बदलाव होने से, पैरों में रक्त के थक्के बनने से, पैरों में चोट या संक्रमण होने से आती है।

सवाल 5 साल से अधिक पहले

एक पैर में सूजन की वजह क्या है?

Dr. Rahul Poddar MBBS, DNB, MBBS, DNB , सामान्य शल्यचिकित्सा

कई बार एक ही पैर में लंबे समय से सूजन बनी रहती है। इसकी निम्न वजहें हो सकती हैं-

  • एक पैर या पंजे में संक्रमण होना।
  • एक पैर की नस में समस्या होना या नस का मुड़ जाना।
  • किसी कीड़े का काटना।
  • रक्त का थक्का जम जाना। 

सवाल 5 साल से अधिक पहले

पैरों में सूजन और जलन की वजह क्या है?

Dr. , General Physician

पैरों में सूजन की वजह से कई बार जलन का अहसास भी होने लगता है। हालांकि यह चोट या संक्रमण की वजह से होता है, जो कि सामान्य है। लेकिन कई बार पैरों में सूजन और जलन साथ-साथ हो तो इसकी वजह रूमेटाइड अर्थराइटिस या फिर कोई और इंफ्लेमेटरी डिसआर्डर हो सकता है। पैरों में सूजन और जलन की कुछ निम्न वजहें हैं

  • टूटा हुआ पैरों का पंजा।
  • टूटा हुआ पैर।
  • सेलुलाइटिस
  • गठिया
  • पैर में जख्म या संक्रमण।
  • बर्साइटिस (जोड़ों में दर्द और सूजन)
  • ऑस्टियोअर्थराइटिस।
  • एड़ी में मोच।

सवाल 5 साल से अधिक पहले

ठंड में पैरों में सूजन क्यों आती है??

Dr. Anand Singh MBBS , सामान्य चिकित्सा

सर्दियों में कुछ लोगों के पैरों में सूजन आ जाती है। इसमें हल्की खुजली और असहजता होती है। लेकिन इससे किसी तरह की स्थायी समस्या पैदा नहीं होती। हां, त्वचा लाल या नीली नजर आने लगती है। मौसम में तब्दीलियां होते ही ये अपने आप ठीक भी हो जाती है। अगर ऐसा नहीं होता यानी कई हफ्तों तक ठंड की वजह से पैरों में सूजन बनी होती है तो डाक्टर के पास जाकर अपना इलाज कराना चाहिए।