सीरिंगोमीलिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रीढ़ की हड्डी में सिरिंक्स नामक सिस्ट बनने लगती है। यह सिस्ट समय के साथ फैलती और बढ़ती है। धीरे-धीरे यह रीढ़ की हड्डी के केंद्र को खराब करती है, जिसकी वजह से पीठ, कंधे, भुजाओं या टांगों में दर्द, कमजोरी और अकड़न की समस्या महसूस होती है। इसके अलावा सिरदर्द और तापमान के प्रति संवेदनशीलता (विशेष रूप से हाथों में) भी आ जाती है। इसमें दिखाई देने वाले लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। सीरिंगोमीलिया अक्सर मस्तिष्क से जुड़ी जन्मजात असामान्यताओं जैसे 'कियारी आई माल्फॉर्मेशन' से जुड़ा होता है, लेकिन यह किसी चोट की जटिलता या मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी के ऊतकों की सूजन (मेनिनजाइटिस), हेमरेज या ट्यूमर के रूप में भी हो सकता है। चोट के बाद लक्षण महीनों या वर्षों तक दिखाई दे सकते हैं। सीरिंगोमीलिया के कुछ मामले फैमिली हिस्ट्री से जुड़े हैं। हालांकि, यह दुर्लभ है।
सीरिंगोमीलिया के उपचार में अक्सर सर्जरी की मदद ली जाती है और ऐसी गतिविधियों से बचने का सुझाव दिया जाता है, जिनसे खिचाव हो सकता है। कुछ रोगियों में कैथेटर, ड्रेनेज ट्यूब और वाल्व का उपयोग करके सिस्ट में से द्रव को निकाला जाता है। यदि उपचार नहीं किया जाता है, तो ऐसे में भुजाओं और टांगों में लगातार बढ़ने वाली कमजोरी, हाथ में कुछ महसूस न होना और तेज दर्द हो सकता है।
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