परिचय
रोहे रोग या ट्रेकोमा आंख में होने वाला एक बहुत पुराना संक्रामक रोग है, यह दुनियाभर में अंधापन का एक प्रमुख कारण है। इससे होने वाले अंधेपन की रोकथाम की जा सकती है। रोहे रोग एक तरह का बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है, जो कुछ-कुछ कंजक्टिवाइटिस की तरह दिखाई पड़ता है। रोहे रोग का इलाज आसानी से किया जा सकता है।
यह रोग बैक्टीरियम क्लैमिडिया ट्रेकोमाटिस (Bacterium Chlamydia trachomatis) के कारण होता है। ट्रेकोमा संक्रमित त्वचा के संपर्क में आने से और संक्रमित व्यक्ति के तौलिये व कपड़े का इस्तेमाल करने से स्वस्थ व्यक्ति में आसानी से फैल जाता है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति की आंख व नाक से संपर्क में आने वाली मक्खियां भी रोहे रोग फैला सकती हैं। (और पढ़ें - त्वचा संक्रमण का इलाज)
ट्रेकोमा से ग्रस्त मरीजों में ज्यादातर बच्चे पाए जाते हैं। यह रोग मुख्य रूप से गरीब, उष्णकटिबंधीय या अर्ध-उष्णकटिबंधीय इलाकों में पाए जाते हैं। रोहे रोग का इलाज आमतौर पर मेडिकल की मदद से परीक्षण किया जाता है। परीक्षण के दौरान मैग्नीफायर (लेंस) की मदद से मरीज में ट्रेकोमा के संकेतों का पता लगाया जाता है। अंधेपन से बचाव के लिए जल्द से जल्द उचित इलाज करवाना व बच्चों तथा उनके माता-पिता को सफाई संबंधी शिक्षा देना बहुत जरूरी होता है।
सार्वजनिक पूल आदि में न नहाने और संक्रमित लोगों के संपर्क में न आकर रोहे रोग फैलने से बचाव किया जा सकता है। इसके अलावा जीवनशैली में सुधार करके, स्वच्छ पानी पीकर, स्वच्छता का ध्यान रख कर और एंटीबायोटिक दवाओं आदि की मदद से भी ट्रेकोमा की रोकथाम की जा सकती है। (और पढ़ें - नहाने का सही तरीका)
समय के साथ-साथ इससे पलकों पर स्कार ऊतक बनने लग जाते हैं, जिसके कारण पलकों के बाल आंख की तरफ मुड़ने लग जाता है। इस स्थिति में हर बार पलक झपकाने पर आंख पर खरोंच लगने लग जाती है। पलक झपकाते समय दर्द इतना तेज होता है कि कुछ लोग पलक झपकाने के दौरान अपनी पलकों को आगे की तरफ खींच लेते है, ताकि कुछ राहत मिल सके। यदि इसका समय पर इलाज ना किया जाए तो समय के साथ-साथ इसके कारण मरीज को अंधापन भी हो सकता है।
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