परिचय
जीभ की सतह पर कुछ दाने होते हैं, जो ऊपर की तरफ उठे हुऐ होते हैं, इन्हें पैपिली (Papillae) कहा जाता है। जब पैपिली सामान्य से अधिक बढ़ जाएं या उनमें सूजन आ जाए तो इस स्थिति के कारण जीभ सफेद हो जाती है। शरीर में पानी की कमी होना या मुंह सूखना जीभ सफेद होने का सबसे मुख्य कारण होता है, क्योंकि मुंह में पर्याप्त नमी ना होने के कारण बैक्टीरिया जमा होने लग जाते हैं। पैपिली का आकार बड़ा हो जाने के कारण उनके बीच में बैक्टीरिया, डेड स्किन सेल्स व अन्य मुंह का मैल जमा होने लग जाता है, जिससे जीभ पर सफेद रंग की परत जमी हुई दिखाई देती है।
इतना ही नहीं यदि आप दिन में दो बार ब्रश के साथ अपने दांतों व जीभ को अच्छे से साफ नहीं करते हैं, तो भी आपकी जीभ सफेद होने की संभावना बढ़ जाती है। कुछ बहुत ही कम मामलों में यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है, जिनमें संक्रमण से लेकर कैंसर भी शामिल है।
जीभ सफेद होना कोई बीमारी नहीं है और ना ही आमतौर पर यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत देती है। यह स्थिति आमतौर पर कुछ ही समय के लिए होती है और फिर ठीक हो जाती है। इस स्थिति का परीक्षण डेंटिंस्ट या डॉक्टर के द्वारा किया जाता है। परीक्षण के दौरान डॉक्टर मरीज के मुंह के अंदर देखकर इसकी जांच करते हैं। कुछ मामलों में मरीज के खून और मुंह के अंदर के द्रव का सेंपल लेकर उन पर लैब टेस्ट भी किये जा सकते हैं।
मुंह की उचित रूप से सफाई करते रहने से सफेद जीभ होने के कुछ मामलों का बचाव किया जा सकता है, हालांकि इसके सभी मामलों की रोकथाम नहीं की जा सकती है। रोजाना दिन में दो बार जीभ व दांतों को ब्रश से साफ करने और दिन में कम से कम एक बार धागे से दांतों की सफाई करने (फ्लॉसिंग) से मुंह की सफाई को बरकरार रखा जा सकता है।
जीभ को टंग स्क्रैपर से धीरे-धीरे साफ करने और नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर भी जीभ पर बनी सफेद परत को कम किया जा सकता है।
(और पढे़ं - जीभ साफ करने के तरीके)