गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलावों का सामना करना पड़ता है. प्रेगनेंसी में मूड स्विंग, वजाइनल डिस्चार्ज, कब्ज, पैरों में क्रैम्पकमर दर्द जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं. इसके अलावा, बार-बार पेशाब आना भी प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों में शामिल है. इस दौरान पेशाब का रंग गहरा पीला व झागदार हो सकता है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं के मन में यह सवाल रहता है कि क्या गहरा और झागदार पेशाब सामान्य है?

आज इस लेख में हम यही जानेंगे कि गर्भावस्था के शुरुआत में यूरिन का रंग कैसा होता है और उसका मतलब क्या है -

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  1. प्रेगनेंसी में पेशाब का रंग क्यूँ बदलता है ?
  2. सारांश
प्रेगनेंसी में पेशाब का रंग कैसा होता है? के डॉक्टर

प्रेगनेंसी के दौरान अधिकतर महिलाओं को यूरिन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस दौरान यूरिन का रंग बदल सकता है और झागदार भी हो सकता है. यह मूत्र में रक्त की उपस्थिति या योनि स्राव के कारण हो सकता है. प्रेगनेंसी के दौरान यूरिन में झाग आने के निम्न कारण हो सकते हैं -

डिहाइड्रेशन

जब कोई डिहाइड्रेट होता है, तो पेशाब गहरा और झागदार आ सकता है. प्रेगनेंसी में भी झाग वाला पेशाब निकल सकता है. गर्भावस्था के दौरान गहरे रंग का पेशाब, प्यास लगना, थकान होना और चक्कर आना डिहाइड्रेशन के लक्षण होते हैं. गर्भावस्था के दौरान डिहाइड्रेट होने के कई कारण हो सकते हैं -

गर्भवती महिला को प्लेसेंटा, एमनियोटिक द्रव और बच्चे को सहारा देने के लिए सामान्य रूप से अधिक पानी की जरूरत होती है. इसलिए, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान डिहाइड्रेशन से बचने के लिए हर दिन 10 गिलास पानी पीना चाहिए. अगर महिला हाइड्रेट रहेगी, तो पेशाब का रंग भी सामान्य रहेगा.

(और पढ़ें - पीरियड्स मिस होने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण)

महिलाओं के स्वास्थ के लिए लाभकारी , एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोंस को कंट्रोल करने , यूट्रस के स्वास्थ को को ठीक रखने , शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर सूजन को कम करने में लाभकारी माई उपचार आयुर्वेद द्वारा निर्मित अशोकारिष्ठ का सेवन जरूर करें ।  

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यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) किडनी, यूरेटर, ब्लैडर या यूरेथ्रा को संक्रमित करने वाले बैक्टीरिया के कारण होता है. लोअर यूरिनरी ट्रैक्ट में यह इंफेक्शन सबसे आम है. गर्भवती महिला को इसका सामना ज्यादा करना पड़ता है. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण निम्न हैं -

गर्भावस्था के दौरान यूटीआई की वजह से किडनी में संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है. इस स्थिति में समय से पहले जन्म व शिशु का कम वजन जैसी समस्याएं भी नजर आ सकती हैं.

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इंफेक्शन

गर्भावस्था के दौरान वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन होना आम है. इसकी वजह से पेशाब में झाग निकल सकता है. साथ ही योनि में खुजली और पेशाब करते समय जलन भी महसूस हो सकती है. क्लैमाइडिया और गोनोरिया जैसे यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) भी स्राव उत्पन्न करते हैं, जिससे पेशाब में झाग दिखाई दे सकता है. इन संक्रमणों के कारण समय से पहले प्रसव पीड़ा हो सकती है.

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किडनी की पथरी

गर्भावस्था के दौरान पेशाब में झाग निकलना किडनी की पथरी का संकेत हो सकता है. किडनी स्टोन ठोस पदार्थ का एक टुकड़ा होता है, जो कैल्शियम, ऑक्सालेट और फास्फोरस से बनता है. अगर महिला डिहाइड्रेट रहती है और यूटीआई की समस्या है, तो पथरी होने का खतरा अधिक हो सकता है.

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अगर योनि स्राव में बदलाव, रक्तस्राव, निचले पेट में दबाव व ऐंठन महसूस होती है, तो इस स्थिति में डॉक्टर से मिलना जरूरी होता है. गर्भावस्था के दौरान पेशाब में झाग आने की अधिकतर स्थितियों का एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज किया जा सकता है. इसके अलावा, अगर प्रेगनेंसी में पेशाब का रंग गहरा दिख रहा है, तो इस स्थिति में पर्याप्त पानी पिएं. गर्भावस्था के दौरान बार-बार यूटीआई व इंफेक्शन होना गंभीर हो सकता है. इसलिए, इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें.

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