बारहवां हफ्ता गर्भवती महिला के लिए एक महत्वपूर्ण सप्ताह होता है। इस हफ्ते पहली तिमाही के साथ ही आपके बच्चे की वृद्धि तथा विकास के महत्वपूर्ण चरण का भी अंत हो जाता है। तीन महीने (12 हफ़्तों) की प्रेगनेंसी पूरी होने के बाद अधिकतर गर्भवती महिलाएं ये खबर सबको सुनाने में अधिक सुरक्षित महसूस करती हैं। अगर माँ सही खाना खाती हैं, स्वस्थ रहती हैं, व्यायाम करती हैं और सभी चिकित्सकों के आदेशों का पालन करती हैं तो इस चरण में आने के बाद मिसकैरेज की संभावना भी कम हो जाती है।

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  1. बारहवें हफ्ते की गर्भावस्था में शरीर में होने वाले बदलाव - Body changes during 12th week of pregnancy in Hindi
  2. बारहवें हफ्ते की गर्भावस्था में भ्रूण का विकास - Baby development in 12th week of pregnancy in Hindi
  3. बारहवें हफ्ते के गर्भ का अल्ट्रासाउंड - Ultrasound of 12th week pregnancy in Hindi
  4. बारहवें सप्ताह के गर्भधारण के लिए टिप्स - Tips for 12 week pregnancy in Hindi
  5. प्रेगनेंसी के बारहवें हफ्ते की डाइट - Diet during 12th week of pregnancy in Hindi
गर्भावस्था का बारहवां सप्ताह के डॉक्टर

बाहरवें हफ्ते में आपका गर्भाशय प्यूबिक हड्डी के ऊपर निकलने लगता है और 12-16 हफ्तों के बीच आपका पेट निश्चित रूप से दिखाना शुरू हो जायेगा।

कुछ महिलाओं का चेहरा तो खिल जाता है लेकिन कुछ को उनकी त्वचा में अधिक नकारात्मक परिवर्तन महसूस होते हैं। एरियोला (Areola) और निपल्स का रंग सामान्य से अधिक गहरा हो जाता है और शरीर पर झाई और दाग धब्बे दिखाई देते हैं।

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दुर्भाग्यवश इस हफ्ते कुछ महिलाओं के चेहरे पर गहरे भूरे रंग के धब्बे पड़ने लगते हैं। हालांकि विटामिन ए का अधिक मात्रा में सेवन करने से इसका इलाज किया जा सकता है लेकिन प्रेगनेंसी में विटामिन ए का अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करना अन्य चीजों के अलावा लिवर को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में वृद्धि के कारण छाती में जलन होती है जो दिन पर दिन बढ़ती है।

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आपके शरीर में अतिरिक्त रक्त बनने की वजह से आपकी हृदय गति बढ़ सकती है। आपके कूल्हे गर्भाशय के विकास के लिए और अधिक बढ़ बढ़ेंगे।

सीने की जलन को कम करने के लिए, आप थोड़ी थोड़ी मात्रा में अधिक बार भोजन करने की कोशिश कीजिये। ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें जो आमतौर सीने की जलन होने का कारण बनते हैं या उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ होते हैं।

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यह हफ्ता आपके बच्चे के लिए एक बहुत ही रोमांचक होता है। इसी हफ्ते के दौरान उसमें स्वरतंत्र (Vocal cords) विकसित होते हैं। उसकी हाथ और पैर की पूरी 20 उंगलियां और उन पर नाखून दिखाई देने लगते हैं और आंतें विकासशील होती हैं।

इस सप्ताह से चेहरे की बनावट समझ में आने लगती है जैसे कि भौहें और होंठ आदि। मस्तिष्क के विकास के साथ साथ उसके हार्मोनों का भी विकास होने लगता है क्योंकि मस्तिष्क अपने हार्मोन स्वयं बनाता है और तंत्रिका कोशिकाएं तेजी से वृद्धि करती हैं। मासपेशियां, मस्तिष्क के प्रति प्रतिक्रिया करना शुरू कर देती हैं।

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जैसे जैसे मस्तिष्क और मांसपेशियां एक साथ विकसित होती हैं बच्चा हाथ मोड़ना, मुट्ठी खोलना और बंद करना तथा कलाई और कोहनी को घुमाना आदि शुरु कर देता है।

इस सप्ताह के अल्ट्रासाउंड में बच्चे का सिर दाहिनी ओर होता है और आप उसके चेहरे की बनावट अधिक स्पष्ट रूप से देख पाएंगी जैसे आप एक नवजात शिशु में देखने की उम्मीद करती हैं। विकासशील बच्चे का एक हाथ उसके चेहरे पर होता है जैसे कि वो अपनी आंखें छुपा रहा हो।

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बारहवें सप्ताह के दौरान महिला का स्वयं और अपने बच्चे का ख्याल रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान गर्भावस्था के परेशान कर देने वाले लक्षण जैसे थकान, मॉर्निंग सिकनेस, और मतली आदि खत्म होने लगते हैं।

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यह एक अच्छा संकेत है। इसका मतलब होता है कि प्रेगनेंसी अच्छी तरह से चल रही है। यदि ये लक्षण दूर या कम नहीं होते हैं तो आपको अपने डॉक्टर को इस बारे में बताना चाहिए क्योंकि यह मोलर प्रेगनेंसी (Molar pregnancy) का संकेत भी हो सकता है जो कि एक असामान्य गर्भावस्था होती है खासकर तब जब इसमें रक्तस्राव या स्पॉटिंग होती है।

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मोलर प्रेगनेंसी का अर्थ है गर्भाशय में सिस्ट या अल्सर बनना। ऐसा प्लेसेंटा के असामान्य विकास के कारण होता है और गर्भावस्था के इस चरण में मिसकैरेज होने का प्रमुख कारण बनता है।

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प्रेगनेंसी के 12 वें सप्ताह तक के समय का डाइट प्लान 9वें, 10वें और 11वें सप्ताह के समान ही होता है। कैल्शियमविटामिन बी और मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व आपके और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अतिआवश्यक होते हैं। मैग्नीशियम बच्चे की हड्डियों को मज़बूत बनाने में मदद करता है।

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  1. विटामिन बी12, का इस दौरान अधिक से अधिक सेवन करें। (और पढ़ें - गर्भावस्था में खून की कमी)
  2. पेय पदार्थों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें। अदरक की चायआम का पना, जल जीरा और टमाटर का सूप आदि भी पेय पदार्थों के बेहतर विकल्प हैं। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी डाइट चार्ट)
  3. मैग्नीशियम आपके बच्चे का सही वजन बनाए रखने में मदद करता है। हरी पत्तेदार सब्जियांसूखे मेवे, डेयरी उत्पाद, मछली और मांस आदि मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं।
  4. विटामिन बी6 आपके शरीर में स्टोर खाद्य पदार्थों से ऊर्जा का उपयोग करने में मदद करता है। उनका अधिक से अधिक सेवन करें।
Dr. Arpan Kundu

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