दूसरी तिमाही के दौरान आपको कई परीक्षण कराने होते हैं ये जानने के लिए कि कहीं प्रेगनेंसी में कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है। अगर बच्चे में कोई गुणसूत्र सम्बन्धी असामान्यता (Chromosomal abnormality) होती है तो इन परीक्षणों से उसका पता लगाया जा सकता है। इसलिए अपनी प्रसवपूर्व जांचें समय समय पर करवाती रहें।

(और पढ़ें - गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर से चेकअप)

दूसरी तिमाही को कभी कभी गर्भावस्था की "हनीमून अवस्था" भी कहा जाता है। आप स्वयं महसूस करेंगी कि आपको पिछले हफ्तों की तुलना में इस हफ्ते अधिक नींद आने लगेगी और अधिक सोने लगेंगी।

(और पढ़ें - क्या प्रेगनेंसी में पीरियड्स होते हैं)

  1. 16वें हफ्ते की गर्भावस्था में शरीर में होने वाले बदलाव - Changes in body during 16th week of pregnancy in Hindi
  2. सोलहवें हफ्ते की गर्भावस्था में भ्रूण का विकास - Baby development in 16th week of pregnancy in Hindi
  3. सोलहवें हफ्ते के गर्भ का अल्ट्रासाउंड - Ultrasound in 16th week of pregnancy in Hindi
  4. 16वें सप्ताह के गर्भधारण के लिए टिप्स - Tips for 16th week of pregnancy in Hindi
  5. प्रेगनेंसी के सोलहवें हफ्ते की डाइट - Diet during 16th week of pregnancy in Hindi

16वें सप्ताह में आपके शरीर और स्तनों के आकार में काफी परिवर्तन आता है। दुग्ध ग्रंथियों में दुग्ध का उत्पादन शुरू हो जाता है और रक्त प्रवाह बढ़ने के कारण नसें अधिक दिखाई देने लगती हैं।

(और पढ़ें - गर्भावस्था के दौरान ब्रेस्ट में परिवर्तन होने का कारण)

इस हफ्ते आपके गर्भ के वज़न में वृद्धि होगी साथ ही खिंचाव के कारण कमर भी बढ़ने लगेगी। गर्भावस्था में होने वाला पीठ दर्द होना शुरू हो जायेगा क्योंकि ज्यादातर महिलाओं का वज़न इस समय तक 2.2 किग्रा - 4.5 किग्रा तक बढ़ जाता है।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में वज़न बढ़ना)

इस हफ्ते की प्रसव पूर्व जांच में डॉक्टर आपको अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कह सकते हैं जिससे आनुवंशिक दोषों का पता लगाया जा सके।

आपके डॉक्टर आपको इस समय से पीठ के बल सोने के लिए मना कर सकते हैं। इसका मतलब है अब से आपको शरीर को सहारा देने के लिए अतिरिक्त तकियों का उपयोग करना शुरु कर देना चाहिए। इसके लिए बाजार में विशेष रूप प्रेगनेंसी के लिए तैयार की गयी कई प्रकार की तकियां आती हैं आप उन्हें भी खरीद सकती हैं।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में सोते समय इन खास बातों का ध्यान रखें)

Women Health Supplements
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

16वें सप्ताह तक आपका बच्चा पहले से 4 ¾ (पौने पांच) इंच लंबा और वजन करीब 110 ग्राम तक हो जाता है। चेहरे की मांसपेशियां विकसित होती रहती हैं और वो पहले से और अधिक चेहरे बनाने लगता है।

इस सप्ताह के अल्ट्रासाउंड में डॉक्टर को बच्चे का लिंग भी पता लग जाता है लेकिन आप ये जानने की कोशिश बिलकुल भी न करें क्योंकि भारत में बच्चे का लिंग जानने पर रोक लगी है। और ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर सजा भी निश्चित है। जननांग पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं और सोनोग्राम के दौरान आसानी से देखे भी जा सकते हैं।

(और पढ़ें - गर्भ में लड़का या लड़की होने के लक्षण से जुड़े मिथक)

जैसा जैसे आपका बच्चा बढ़ता जाता है आपको उसकी गतिविधियां महसूस होने लगेंगी। ये गतिविधियां सबसे पहले 16 से 20 सप्ताह के बीच ही महसूस की जाती हैं। इस समय दृश्य संवेदनशीलता अर्थात बच्चे के देखने की शक्ति भी विकसित होने लगती है।

बच्चे की त्वचा के नीचे वसा का निर्माण होना भी शुरू हो जाता है, जो त्वचा की सुरक्षा करता है। मूत्र और रक्त परिसंचरण का कार्य होने लगता है और आपका बच्चा रोजाना लगभग 25 क्वार्टज़ (Quarts) रक्त पंप करने में सक्षम हो जाता है।

(और पढ़ें - गर्भकालीन मधुमेह के कारण और लक्षण)

इस हफ्ते के अल्ट्रासाउंड में बच्चे के चेहरे की आकृतियां और अधिक होती जाती हैं। सोनोग्राफर बच्चे की नाक की हड्डी की लंबाई माप सकते हैं।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड)

इससे कुछ आनुवंशिक असामान्यताओं का पता लगाने में मदद मिलती है। शिशु अपने हाथों से तेज़ रोशनी से अपनी आंखों की रक्षा करने लगता है। इस सप्ताह से बच्चे के सिर पर बाल भी आने लगते हैं।

(और पढ़ें - गर्भ में बच्चे का विकास, वीडियो के साथ)

  1. इस सप्ताह की अपॉइंटमेंट के दौरान, डॉक्टर से महसूस होने वाले डर, भावनाएं, दर्द या अन्य लक्षणों के बारे में निःसंकोच बात करें। (और पढ़ें - गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर से चेकअप)
  2. इस अवस्था में सामान्य रूप से आपके शरीर में दोनों तरफ की मांसपेशियों में तेज दर्द महसूस हो सकता है। लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए कि ये दर्द मांसपेशियों का दर्द ही है या और कोई गंभीर समस्या, आपको डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करना चाहिए।
  3. स्तनों के आकार में वृद्धि होने के कारण आपको अधिक आरामदायक ब्रा और मातृत्व कपड़ों की आवश्यकता हो सकती है। (और पढ़ें - गर्भावस्था के दौरान ब्रेस्ट में परिवर्तन होने का कारण)
  4. यदि अभी तक बच्चे का नाम सोचना शुरु नहीं किया है तो अब से इसकी शुरुआत कर दें।
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Prajnas Fertility Booster बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख पुरुष और महिला बांझपन की समस्या में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।
Fertility Booster
₹892  ₹999  10% छूट
खरीदें

गर्भावस्था में आयरन, विटामिन और कैल्शियम, मैग्नीशियम समृद्ध खाद्य पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। हालांकि गर्भावस्था के 16वें हफ्ते की डाइट 13वें, 14वें और 15वें हफ्ते की डाइट के समान ही होती है। आयरन का सेवन करने से खून की कमी नहीं होती क्योंकि इस दौरान अधिकतर महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हो जाती हैं क्योंकि रक्त का प्रवाह बच्चे की ओर भी होने लगता है। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी डाइट चार्ट)

  1. इस हफ्ते से कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करें।
  2. फलों और विटामिन सी समृद्ध खाद्य पदार्थों का भी सेवन करें।
  3. नाश्ते में अनाज, टोफू, सूखे मेवे, नट्स, मसूर की दाल आदि अन्य चीज़ों का सेवन करें। (और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या खाएं और क्या ना खाएं)
ऐप पर पढ़ें